Tuesday, April 30, 2024
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नक्सलियों की नकेल कसने और नक्सली गतिविधियां नियंत्रित करने में मिली सफलता

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चार वर्षों का कार्यकाल: भाग-4

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चार वर्षों के कार्यकाल में नक्सलियों/ उग्रवादियों के विरुद्ध बड़ी कार्रवाई की गई। नक्सली गतिविधियों पर काबू पाने में सरकार सफल रही। चार वर्षों के दौरान केंद्रीय पुलिस बलों के सहयोग से झारखंड पुलिस ने तकरीबन चार दर्जन से अधिक दुर्दांत नक्सलियों को मुठभेड़ में मार गिराया। वहीं, लगभग 1700 से अधिक नक्सलियों को सलाखों के पीछे पहुंचा दिया। राज्य सरकार की आत्मसमर्पण योजना के तहत छह दर्जन से अधिक नक्सलियों ने मारे जाने के डर से सरेंडर किया।
झारखंड पुलिस मुख्यालय द्वारा दावा भी किया गया है कि बहुत जल्द सूबे से नक्सलियों का पूरी तरह सफाया होने वाला है।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के दृढ़ निश्चय का ही परिणाम है कि नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करने में सरकार को सफलता मिली। नक्सल प्रभावित क्षेत्र सारंडा सहित अन्य इलाकों की घेराबंदी कर नक्सलियों को समाप्त करने की दिशा में ठोस कदम उठाए गए। कई उग्रवादी संगठनों के मुखिया को सलाखों के भीतर पहुंचा दिया गया।
तकरीबन तीन दशकों से नक्सलियों का गढ़ माने जाने वाला राज्य का बूढ़ा पहाड़ क्षेत्र भी इसी अवधि में नक्सल मुक्त क्षेत्र घोषित हुआ। वहां पहली बार सरकार पहुंची और ग्रामीणों से सीधा संवाद भी किया। अब वहां बूढ़ा पहाड़ विकास परियोजना पर राज्य सरकार तेजी से कम कर रही है। इसका परिणाम यह हुआ की मुख्य धारा से कटे ग्रामीण युवा अब समाज से जुड़ रहे हैं।
विकास योजनाएं उन तक पहुंच रही है। ताकि उनकी आर्थिक दशा और दिशा में सुधार हो सके।
राज्य सरकार ने इस दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया है। राज्य के सरायकेला-खरसावां, खूंटी, पश्चिम सिंहभूम, लातेहार सहित अन्य नक्सल प्रभावित इलाकों में ऑपरेशन थंडरस्टॉर्म और ऑपरेशन ऑक्टोपस के तहत नक्सली गतिविधियों को नियंत्रित करने में सफलता मिली।
लातेहार-लोहरदगा सीमा पर स्थित बुलबुल जंगल को भी नक्सली मुक्त करने के लिए ऑपरेशन डबल बुल चलाया गया। जिसका सकारात्मक परिणाम निकला।झारखंड पुलिस, झारखंड जगुआर, सीआरपीएफ और कोबरा बटालियन के जवानों के संयुक्त अभियान से कुख्यात नक्सलियों को घुटने टेकने पड़े।झारखंड में अब इनामी नक्सलियों को गिरफ्त में लेने के लिए पुलिस उनकी तेजी से तलाश कर रही है। कई इनामी नक्सलियों की खोज जारी है। उनकी घेराबंदी की जा रही है।
राज्य में विधि-व्यवस्था चुस्त दुरुस्त करने और नक्सलियों/ उग्रवादियों की गतिविधियों पर काबू पाने के लिए राज्य सरकार ने ठोस कदम उठाया है। इसकी सराहना की जानी चाहिए।

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