पटना : बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने बिहार के सीएम नीतीश कुमार के समक्ष एक प्रोजेक्ट पेश की है। यह प्रोजेक्ट सीएम नीतीश कुमार के लिए काफी अहम होनी चाहिए। क्योकि ये प्रोजक्ट शिक्षा विभाग से जुड़ा हुआ है और बिहार की शिक्षा व्यवस्था से वर्तमान की सरकार को पिछले 15 सालों से मैट्रिक-इंटर की परीक्षा समेत तमाम तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं का आय़ोजन करने में पशीने छूट जाते है।
नीतीश कुमार के समक्ष बिहार विद्यालय परीक्षा समिति के अध्यक्ष आनंद किशोर ने 25000 की क्षमता वाले परीक्षा हॉल के निर्माण की योजना पेश की। उन्होनें सीएम को बताया कि ऐसे परीक्षा केन्द्र के निर्माण से जहां चीटिंग की समस्या से निपटा जा सकता है वहीं स्कूल-कालेजों की पढ़ाई भी बाधित होने से रोकी जा सकती है। आनंद किशोर ने बताया कि बीएसईबी की ओर से ली जाने वाली मैट्रिक-इंटर की परीक्षा समेत तमाम तरह की प्रतियोगी परीक्षाओं का आय़ोजन किया जा सकता है।
बीएसईबी के अध्यक्ष आनंद किशोर ने प्रेजेंटेशन में इसकी सारी खासियत को सीएम नीतीश कुमार के सामने रखा। उन्होनें कहा कि इस तरह के परीक्षा केन्द्र से जहां कदाचार मुक्त औऱ शांतिपूर्वक ढ़ंग से परीक्षा कराई जा सकती है वहीं क्वेचन पेपर के वायरल होने की गड़बड़ियों से बचा जा सकता है। वहीं लॉ एंड आर्डर की समस्या से भी आसानी से निपटा जा सकता है। उन्होनें बताया कि इसमें ऑनलाइन औऱ ऑफलाइन मोड में परीक्षा आयोजित करने की सारी व्यवस्था होगी। उन्होनें बताया कि ऑफलाइन परीक्षा हेतू 44 हॉल में 20,680 और ऑनलाइन परीक्षा में 20 हॉल में 4,440 परिक्षार्थियों की बैठने की व्यवस्था यानि कुल 25000 हजार परीक्षार्थियों के बैठने की व्यवस्था होगी।