विनीत कुमार की रिपोर्ट
रांची। वैश्विक महामारी कोरोना की दूसरी लहर में लागू लॉकडाउन से झारखंड में बार एंड रेस्टोरेंट का व्यवसाय भी बुरी तरह प्रभावित हो रहा है। सूबे के सभी बार-रेस्टोरेंट बंद पड़े हैं। इससे एक ओर बार संचालकों के समक्ष गंभीर आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। वहीं, दूसरी तरफ बार- रेस्टोरेंट में कार्यरत लगभग डेढ़ लाख कर्मियों के समक्ष भुखमरी की स्थिति उत्पन्न हो गई है।
इस संबंध में झारखंड बार एंड रेस्टोरेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष व शहर के जाने-माने व्यवसायी रंजन कुमार ने कहा कि पूरे झारखंड में लगभग डेढ़ सौ बार और पांच हजार के आसपास छोटे-बड़े रेस्टोरेंट हैं। इसमें सिर्फ रांची जिले में शहरी और ग्रामीण क्षेत्र को मिलाकर कुल 43 बार-रेस्टोरेंट हैं। वहीं, रांची जिले में लगभग पांच सौ रेस्टोरेंट हैं। इनमें हाईवे पर अवस्थित ढाबा भी शामिल है। श्री कुमार ने कहा कि
पूरे राज्य के बार एंड रेस्टोरेंट में लगभग डेढ़ लाख कर्मचारी काम करते हैं। कोरोना के कारण लगाए गए लॉकडाउन में बार-रेस्टोरेंट उद्योग बुरी तरह प्रभावित हुआ है। उन्होंने कहा कि पिछले साल भी बार-रेस्टोरेंट लगभग छह माह बंद रहा था। इस बार भी लाॅकडाउन की वजह से बंदी के एक महीने हो गए हैं। इससे धंधा ठप हो गया है।
उन्होंने कहा कि पिछले साल बिना व्यापार किए बार-रेस्टूरेंट व्यवसायियों ने बार लाइसेंस फीस जमा किया था। इस वर्ष मार्च में भी लाइसेंस शुल्क जमा की गई।
गौरतलब है कि बार संचालकों से बतौर लाइसेंस शुल्क नगर निगम क्षेत्र के अंतर्गत दुकानों से नौ लाख रुपए, नगर पालिका क्षेत्र में 7.20 लाख रुपये, नगर पंचायत क्षेत्र में छह लाख रुपए और ग्रामीण क्षेत्रों में 3.60 लाख रुपए राज्य सरकार सालाना वसूलती है।
वर्तमान में लाॅकडाउन के कारण उत्पन्न परिस्थितियों के मद्देनजर बार-रेस्टोरेंट संचालकों के समक्ष ऐसी स्थिति हो गई है कि कई बार संचालक अपना घर चलाने में असमर्थ हो गये हैं।
श्री कुमार ने कहा कि बार-रेस्टोरेंट बंद रहने से कर्मचारियों को वेतन देना मुश्किल हो गया है। एक ओर बार बंद होने से आमदनी ठप हो गई है, तो दूसरी तरफ खर्च यथावत है। कमर्चारियों का वेतन, बिजली बिल,अन्य कर भी देने पड़ रहे हैं। ऐसे में मुश्किलें काफी बढ़ गई हैं। इन परेशानियों को देखते हुए एसोसिएशन ने राज्य सरकार से कोरोना संक्रमण काल के दौरान राहत देने की गुहार लगाई है। इस संबंध में
एसोसिएशन के सचिव/प्रवक्ता अनित सिंह ने कहा कि बार-रेस्टोरेंट व्यवसाय ठप होने से इस पेशे से प्रत्यक्ष व अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े लोगों के समक्ष बेरोजगारी की स्थिति उत्पन्न हो गई है। उन्होंने बताया कि पिछले एक महीने में पूरे राज्य में सिर्फ बार व्यवसाय बंद होने से करीब 30से 35 करोड़ का कारोबार प्रभावित हुआ है।
उन्होंने कोरोना संक्रमण काल के दौरान मरणासन्न होते इस उद्योग को बचाने के लिए आवश्यक कदम उठाने की सरकार से मांग की है।
एसोसिएशन की ओर से कहा गया है कि चालू वित्तीय वर्ष के बार लाइसेंस नवीनीकरण शुल्क माफ करने, लॉकडाउन के कारण बीयर के स्टॉक जो एक्सपायर हुए हैं या हो रहे हैं, उनका बदलाव सुनिश्चित करने, जीएसटी में छूट देने, आगामी छह माह तक बिजली बिल में रियायत देने, नगर निगम का होल्डिंग टैक्स माफ करने और लॉकडाउन के दौरान बार- रेस्टोरेंट के कर्मचारियों को राहत के तौर पर खाद्य सामग्री उपलब्ध कराने की दिशा में राज्य सरकार गंभीरता से विचार करे, ताकि बार संचालक और इससे जुड़े कर्मी सहूलियत से जीविकोपार्जन कर सकें।