Friday, May 3, 2024
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शब्दाक्षर’ द्वारा ‘सावन के रंग : गीतों के संग’ विषय पर अॉनलाइन राष्ट्रीय महिला काव्य-गोष्ठी का आयोजन

गया से अमरेंद्र कुमार का रिपोर्ट
गया। राष्ट्रीय साहित्यिक संस्था ‘शब्दाक्षर’ की दिल्ली इकाई के द्वारा शब्दाक्षर के राष्ट्रीय अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह के कुशल मार्गदर्शन में आयोजित ‘सावन के रंग :गीतों के संग’ विषय पर महिलाओं के लिए अॉनलाइन राष्ट्रीय काव्य गोष्ठी का आयोजन किया। कार्यक्रम का शुभारंभ पूर्विका पांडेय ( लखनऊ ) द्वारा प्रस्तुत सरस्वती वंदना तथा कार्यक्रम की संयोजक-सह-शब्दाक्षर की प्रदेश अध्यक्ष (दिल्ली) संतोष ‘संप्रीति’ के स्वागत वक्तव्य से हुआ। इस अॉनलाइन राष्ट्रीय काव्यगोष्ठी में गया से गौतम बुद्ध महिला कॉलेज के अंग्रेजी विभाग की असिस्टेंट प्रोफेसर-सह-‘शब्दाक्षर’, बिहार इकाई की प्रदेश साहित्य मंत्री कवयित्री डॉ कुमारी रश्मि प्रियदर्शनी की प्रतिभागिता रही। उनके द्वारा प्रस्तुत स्वरचित सावन-गीत ‘सुनो सहेली सावन आया, मनमोहक मनभावन आया। नहीं रही गर्मी पहले-सी, मौसम यह अति पावन आया। घिर आए बादल चहुँओर, शीतल पवन मचाए शोर। इंद्रधनुष अंबर में छाया’ की मनमोहक धुन पर श्रोतागण झूम उठे। काव्यगोष्ठी में उपस्थित कवयित्रियों तथा श्रोताओं ने कविता में निहित मनभावन सावन के विभिन्न रूपों और प्रभावों के जीवंत वर्णन की काफी तारीफ की। बिहार के सीवान जिले से रिंकी सिंह ‘साहिबा’, चंपारण से डॉ० मधुबाला सिन्हा तथा पिंकी मिश्रा ने भी सावन पर रचित अपने गीतों की सुमधुर प्रस्तुति दी। इस अॉनलाइन कार्यक्रम की अध्यक्षता विश्व संविधान संसद की जनरल सेक्रेटरी-सह-प्रधानाचार्य डॉ० मनीषा दहिया ने की। इस काव्यगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि सुप्रसिद्ध लोकगीतकार सुनीता सैनी ‘गुड्डी’ (कर्नाटक), प्रधान अतिथि सीमा सिंह ‘स्वस्तिका’(असम) तथा विशिष्ट अतिथि साहित्यकार ज्योति नारायण (हैदराबाद) की उपस्थिति रही। शब्दाक्षर की दिल्ली जिलाध्यक्ष चंद्रमणि ‘मणिका’ के कुशल संचालन में दिल्ली, उत्तरप्रदेश, कोलकाता, उत्तराखंड, बिहार, राजस्थान, असम, हरियाणा, महाराष्ट्र, छत्तीसगढ़, झारखंड, तेलंगाना, हैदराबाद, कर्नाटक, मध्यप्रदेश तथा गोवा, कुल 16 प्रदेशों से आमंत्रित कवयित्रियों ने सावन पर रचित गीतों का पाठ करके हर किसी का मन मोह लिया। हरे-हरे पोशाकों को धारण की हुई महिला गीतकारों ने सरस सावन गीतों, कजरी, शिव महिमा तथा अन्य पावन लोकगीतों के मधुर गायन से काव्यगोष्ठी में चार चाँद लगा दिया। इस कार्यक्रम का सीधा प्रसारण फेसबुक के “शब्दाक्षर केन्द्रीय पेज” से किया गया। शब्दाक्षर की प्रादेशिक इकाइयों के फेसबुक पेजों पर भी श्रोताओं ने कार्यक्रम का लुत्फ उठाया। धन्यवाद ज्ञापन डॉ०विभा जोशी ने किया। शब्दाक्षर के अध्यक्ष रवि प्रताप सिंह सहित सभी पदाधिकारियों ने इस कार्यक्रम की तहेदिल से प्रशंसा की और सफल आयोजन हेतु सभी प्रतिभागियों और आयोजकों ढेर सारी बधाइयाँ दीं।

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