Friday, May 3, 2024
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सदानों की मांगों को लेकर मूलवासी सदान मोर्चा ने राजभवन के समक्ष दिया धरना

खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाने की उठी मांग


  • रांची। अंतिम सर्वे 1964 के खतियान के आधार पर स्थानीय नीति को सरकार परिभाषित करे। यदि खतियान के आधार पर स्थानीय नीति को परिभाषित करने में सरकार असमर्थ है तो फिर संयुक्त बिहार में बने 3 मार्च 1982 के नियोजन नीति को अंगीकृत कर झारखंड में लागू करे। उक्त बातें मूलवासी सदान मोर्चा के वरिष्ठ सलाहकार क्षितिश कुमार राय ने राजभवन के समक्ष आयोजित धरना स्थल पर अपने अध्यक्षीय भाषण में कही। उन्होंने कहा क्षेत्रीय भाषा के रूप में 9 भाषाओं को ही मान्यता प्राप्त है। सदानों की चार भाषाएं हैं- नागपुरी, खोरठा, पंचपरगनिया, और कुरमाली है। जबकि जनजातियों की बोली जाने वाली 5 भाषाएं हैं-संथाली, मुंडारी, हो, खड़िया और कुड़ुख शामिल है। उन्होंने कहा कि इन 9 क्षेत्रीय भाषाओं के अलावा अन्य किसी दूसरे भाषा को क्षेत्रीय भाषा नहीं मानेंगे। श्री राय ने कहा क्षेत्रीय भाषा के नाम पर अन्य किसी भी दूसरी भाषाओं को क्षेत्रीय भाषा बताकर झारखंडियों के ऊपर थोपने का काम सरकार न करे।
    उन्होंने कहा
    झारखंड अलग राज्य के आंदोलन में 65 प्रतिशत मूलवासी सदानों की भूमिका रही है। लेकिन राज्य बनने के बाद सबसे ज्यादा उपेक्षा सदानों की हुई है‌। उन्होंने कहा जब तक सदानों के साथ भेदभाव राज्य में होगा, राज्य का विकास होने वाला नहीं है। उन्होंने कहा कि खतियान के आधार पर ही स्थानीय नीति को परिभाषित करें।
    मोर्चा के सलाहकार पद्मश्री मधु मंसूरी ने कहा वर्तमान गठबंधन की सरकार को सदानों और जनजातियों ने झारखंडियों के हितों की रक्षा करने के लिए ही अपना समर्थन देखकर वोट किया है ।उन्होंने कहा कि सरकार को खतियान के आधार पर स्थानीय नीति बनाना चाहिए। पद्मश्री ने कहा झारखंडी जनादेश का सरकार को अनादर नहीं करना चाहिए। पद्मश्री ने कहा गैर मजुरूवा जमीन को गजट में प्रावधान कर सरकार को सदानों और झारखंडियों को बसाने और खेती-बारी के लिए उन्हें दे देना चाहिए। गैरमजरूआ जमीन पर झारखण्डियों का हक है। पद्मश्री ने कहा राज्य बने 21 वर्ष हो गए, लेकिन सदानों को इंसाफ नहीं मिला, हम उम्मीद करते हैं वर्तमान सरकार से सदानों के साथ भी इंसाफ करेगी और मूलवासी सदानों को उनका वाजिब हक देगी। मोर्चा के वरीय नेता अधिवक्ता राजकुमार साहू ने कहा कि राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग ने पिछड़ी जातियों को आबादी के अनुसार 36 से 50% तक तमिलनाडु के तर्ज पर आरक्षण देने के लिए राज्य सरकार से अनुशंसा की है, उसे सरकार लागू करे। आर्थिक रूप से पिछड़े सवर्णों को मिलने वाले 10% आरक्षण में यहां के मूलवासी सदानों के सवर्णों को ही इसका लाभ मिले यह सुनिश्चित करने की मांग सरकार से की है। मोर्चा के कानूनी सलाहकार रविंद्र कुमार ने मूलवासी सदाना आयोग का गठन करने की मांग सरकार से की है। छोटानागपुर के प्रभारी उदासन नाग ने अपने सम्बोधन में कहा पंचायत को इकाई मानकर अनुसूचित क्षेत्र का निर्धारण2011के जनगणना के आधार पर किया जाए। उन्होंने कहा पंचायत अधिनियम में संशोधन कर 112 प्रखंडों में मूलवासी सदानों को भी मुखिया, प्रमुख, जिला परिषद अध्यक्ष, बनने का मौका दिया जाना चाहिए, जिसे सदियों से जनजाति और सदानों के बीच चले आ रहे भाई-चारा का रिश्ता और समरस्ता बनी रहे। श्री नाग ने कहा कि सात जिलों की जिला रोस्टर में पिछड़ी जाति की जनसंख्या शुन्य कर दी गई है। जिसमें खूंटी, सिमडेगा, गुमला, लोहरदगा, चाईबासा,और दुमका शामिल है इन जिलों में पिछड़ों को नौकरी में आरक्षण का लाभ नहीं मिल रहा है और रांची में मात्र 2% आरक्षण दिया जा रहा है इसे सुधार कर आबादी के अनुसार पिछड़ों को आरक्षण देने की मांग की है। मोर्चा के सचिव विशाल कुमार सिंह ने कहा आजादी की लड़ाई में शहीद हुए, सदान समुदाय के शहीद ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव, शहीद शेख भिखारी, शहीद गणपत राय, शहीद बख्तर साय, शहीद मुंडल सिंह और भारत- चीन की लड़ाई में शहीद हुए छेदी साहू की प्रतिमा राजभवन के अलावे राजधानी के विभिन्न चौक- चौराहों में इनकी प्रतिमा लगाने की मांग राज्यपाल, और सरकार से की। मोर्चा के कोषाध्यक्ष महेंद्र ठाकुर ने जाति जनगणना कराने की मांग भारत सरकार से की मोर्चा के वरिष्ठ नेता ब्रिज भूषण पाठक ने अपने सम्बोधन में कहा केंद्र सरकार को विधानसभा की 81 सीटों को बढ़ाकर 160 कर देना चाहिए। जिससे विधान परिषद का गठन झारखंड में भी हो सके और सदानों को वैसे क्षेत्रों से प्रतिनिधित्व करने का मौका मिल सकेगा, जिस क्षेत्र की सारी विधानसभा और लोकसभा की सीटें आरक्षित रहने के कारण सदान कभी भी वहां से सांसद, विधायक, नहीं बन सकते हैं।
    मंजूर खान ने कहां खेवट खाता 140 मौजा बाजरा ,अंचल हेहल, मूल रैयत को सीताराम साहू अरगोड़ा को उनके जमीन को वापस कराकर दोषियों के उपर कानूनी कार्रवाई करने की मांग की। धरना में मंजूर खान, विशाल कुमार साहू, निसार खान, राजू पासवान ,मुकेश तिवारी, पप्पू महतो, जमाल गद्दी ,सुधीर महतो, अनिल शर्मा शैलेश महतो संजय, बिंदेश्वर साहू, रामप्रसाद, श्यामसुंदर साहू, दिलीप साहू, कैलाश साहू, बसंत साहू, सोनू साहू, राधा मोहन, रोहन ठाकुर ,अनूप कुमार ,प्रशांत कुशवाहा, सतीश कुमार, अशोक नाम, भरत साहू ,राहुल राज ,गौरव साहू ,प्रदीप कुमार, युधिष्ठिर, नवीन कुमार महतो, सुनील कुमार, सोनु कुमार प्रदीप कुमार शामिल थे।
    धरना के बाद के बाद क्षितिश कुमार राय और पद्मश्री मधु मंसूरी के नेतृत्व में राज्यपाल के नाम 17 सूत्री मांग पत्र सौंपा। अध्यक्षता क्षितिश कुमार राय ने किया संचालन ब्रज भूषण पाठक ने किया।
    प्रशासन द्वारा 50 लोगों का परमिशन दिया गया था उस को ध्यान में रखते हुए प्रशासन के आदेश का पूरी तरह पालन किया गया।
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