देशपत्र डेस्क
रांची। झारखंड की ख्यातिप्राप्त सामाजिक-सांस्कृतिक संस्था ‘कुंजबन’ का 38वां स्थापना दिवस समारोह शनिवार को चुटिया स्थित महादेव मंडा मैदान में धूमधाम से मनाया गया। समारोह का शुभारंभ करते हुए रांची की मेयर डॉ.आशा लकड़ा ने कहा कि समाज में समरसता स्थापित करने में अखड़ा की महत्वपूर्ण भूमिका होती है़। अाजसूपा के केंद्रीय प्रवक्ता डॉ.देवशरण भगत ने कहा कि अखरा वह जगह है, जहां तमाम तरह के मतभेद दूर किये जाते है़ं। लोग यहां एक साथ नाचते- गाते है़ं। पर अब अखड़ा की स्थिति ठीक नहीं है़। झारखंडी कौन है? इसकी भी पहचान नहीं हो पायी है़। पूर्व डिप्टी मेयर अजयनाथ शाहदेव ने कहा कि कुंजबन संस्था ने यहां की सांस्कृतिक धरोहर को बचाने के लिए अनवरत काम किया है़। अखड़ा मेंं आ कर सब एक हो जाते है़ं। यहां की संस्कृति को, अखड़ा को दुनिया भर में सराहा जाता है, पर हम खुद इससे दूर हो रहे है़ं। यहां के आदिवासी और मूलवासी बहुत सरल प्रवृत्ति के होते है़ं। मुख्यमंत्री के बयान को भी इसी संदर्भ में देखा जाना चाहिए।
समारोह में झामुमो महिला मोर्चा की अध्यक्ष डॉ. महुआ माजी ने कहा कि हमें अपनी संस्कृति को सहेज कर रखने की आवश्यकता है़। एक बार मुंबई से संगीतकार लेस्ली लुइस रांची आये थे और यहां के गीत- संगीत के कई कैसेट लेकर गये थे। यहां के गीत- संगीत अभिनव है़ं। डॉ माजी ने महिलाओं के लिए कई सरकारी योजनाओं की जानकारी भी दी। पद्मश्री मुकुद नायक ने कला- संस्कृति और लोक कलाकारों की स्थिति की चर्चा की।
- इन्हें किया गया सम्मानित
कार्यक्रम के दौरान विशिष्ट कार्यों के लिए डॉ. उमेश नंद तिवारी, जयश्री इंदवार, यशोदा देवी, मेघा साहू, प्रताप मुंडा, नंदलाल महतो, बूटन देवी आदि को अखड़ा संस्कृति सम्मान- 2022 से नवाज गया। मंच का संचालन राजकुमार नागवंशी व मनपूरन नायक ने किया। इस अवसर पर कुंजबन स्थापना दिवस समारोह समिति के अन्य सदस्यगण व काफी संख्या में श्रोता मौजूद थे।