झारखंड का सियासी ड्रामा अपने चरम पर है। गुरुवार शाम को राज्यपाल ने चंपई सोरेन को सीएम पद की शपथ लेने की अनुमति दे दी। JMM विधायक चंपई सोरेन ने JMM के नेतृत्व वाले महागठबंधन के 47 विधायकों के समर्थन की सूची बुधवार को ही राज्यपाल से मिल कर सौंप दी थी। आज (शुक्रवार को) चंपई सोरेन झारखंड के 12वें सीएम के रूप में शपथ लेंगे।
चंपई सोरेन के पास 43 विधायकों का समर्थन
ग़ौरतलब है कि जमीन घोटाले में हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के बाद झारखंड में सियासी संकट खड़ा हो गया था। हालांकि गिरफ्तारी की खबर के साथ ही महागठबंधन के विधायकों ने राज्यपाल से मिल कर चंपई सोरेन के नेतृत्व में सरकार बनाने का दावा पेश कर दिया था। कांग्रेस विधायक आलमगीर आलम ने बताया कि अगले 10 दिनों में हमें सदन में बहुमत साबित करना होगा। दावा किया जा रहा है कि चंपई सोरेन के पास 43 विधायकों का समर्थन है। राज्यपाल से मुलाकात के दौरान चंपई ने सभी विधायकों के समर्थन का वीडियो भी दिखाया था।
भाजपा ने उठाए सवाल
इस बीच भाजपा ने मामले में सवाल उठाए हैं। पार्टी का कहना है कि जिस समर्थन के सहारे सरकार बनाने का दावा चंपई कर रहे हैं, उससे जुड़ी चिट्ठी, जिस पर उनकी पार्टी के अध्यक्ष के हस्ताक्षर हों, राज्यपाल को नहीं सौंपी गई है। झारखंड भाजपा प्रवक्ता प्रतुल शाहदेव ने कहा कि दो दिनों से झारखंड के सत्ताधारी गठबंधन के नेताओं ने राज्यपाल और केंद्रीय नेताओं के लिए अमर्यादित भाषा का प्रयोग किया है। कल जब पहला लेटर दिया गया तो उसमें भी तकनीकि त्रुटियां थीं। हम यही उम्मीद करते हैं कि झारखंड में जो हेमंत सोरेन का 4 वर्षों का काला अध्याय रहा है वो दोहराया ना जाए। एक बात स्पष्ट है कि चंपई सोरेन भले ही मुख्यमंत्री बन गए हों लेकिन सत्ता के तार सोरेन परिवार के पास ही होंगे।
टूट के दर से विधायकों को ले जा रहे थे हैदराबाद
महागठबंधन के विधायकों को भय था कि विपक्षी भाजपा जोड़तोड़ कर सकती है। इस भय से 43 विधायक प्लेन से हैदराबाद जाने की तैयारी में थे। वे रांची एयरपोर्ट पहुंच भी गए थे। मौसम खराब रहने के कारण उनका प्लेन उड़ान नहीं भर सका। महागठबंधन के विधायकों को मौसम का साथ नहीं मिला। 38 विधायक दो चार्टर्ड विमानों में सवार होकर रनवे पर इंतजार करते रहे। बारिश व धुंध के कारण एटीसी की अनुमति नहीं मिली और विमान उड़ान नहीं भर सका। इस बीच गुरुवार को शपथ की हरी झंडी मिलते ही रात 9 बजे वे रुक गए और यह निर्णय हुआ कि विधायक अब आज हैदराबाद नहीं जायेंगे। उसके बाद बसें मंगा ली गयीं। एयरपोर्ट पहुंचे विधायकों में चार नदारद थे। उनमें हेमंत सोरेन की भाभी सीता सोरेन, लोबिन हेम्ब्रम, चमरा लिंडा शामिल हैं। सीता सोरेन अपने देवर हेमंत सोरेन की पत्नी कल्पना सोरेन के सीएम बनाने के खिलाफ थीं। कल्पना की जगह चंपई सोरेन को सीएम बनाने से भी वे संतुष्ट नहीं लगती हैं। हालांकि उन्होंने कहा था कि शिबू सोरेन के परिवार में बड़ी बहू होने के नाते उनका ही सीएम बनने का पहला हक है।
बिहार प्रकरण का डर
हैदराबाद जाने वाले विधायकों में सीता सोरेन समेत चार विधायकों की गैरमौजूदगी से संदेह हो रहा है कि वे कोई खिचड़ी तो नहीं पका रहीं। सीता के साथ 17-18 विधायकों के होने की बात मीडिया रिपोर्टों में आ चुकी है। बीजेपी ने अगर उनका साथ दिया तो कोई नया खेल हो सकता है। बिहार प्रकरण की झारखंड में पुनरावृत्ति हो सकती है। अगर वे अपने समर्थकों को एकजुट बनाए रखने में कामयाब रहती हैं तो बीजेपी खेल कर सकती है। बीजेपी के 26 विधायक हैं। बीजेपी के साथ आजसू पार्टी के भी 02 विधायक हैं। NCP का 01 विधायक है, जिसने पहले ही हेमंत सरकार से समर्थन वापस ले लिया था। झारखंड में सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों के समर्थन का होना जरूरी है।
चंपई सोरेन को शपथ के 10 दिनों के अंदर विश्वास मत हासिल करना होगा
झारखंड में महागठबंधन स्थिति को देखें तो JMM के 29 विधायक हैं। कांग्रेस के 17, RJD के 01 और माले के 01 विधायक हैं। अभी महागठबंधन के मौजूदा स्वरूप में कुल 48 विधायक साथ हैं। JMM के 17-18 विधायक सीता सोरेन के समर्थक बताए जाते हैं। जेएमएम को तोड़ने के लिए बीजेपी के लिए यह अनुकूल अवसर है। इसलिए संभव है कि सूबे को संवैधानिक संकट से बचाने के नाम पर बीजेपी सीता सोरेन को बाहर से समर्थन देने को तैयार हो जाएं। चूंकि सोरेन परिवार में सीता अभी तक बेदाग बची हैं, इसलिए बेदाग छवि के नाम पर उन्हें समर्थन देने में कोई परेशानी भी पेश नहीं आएगी। चंपई सोरेन को सीएम पद की शपथ लेने के बाद 10 दिनों के अंदर उन्हें विश्वास मत हासिल करना होगा। राज्यपाल ने यह समय निर्धारित किया है।
विश्वास मत के दौरान हो सकता है खेला
इधर शपथ ग्रहण के लिए चंपई सोरेन को आमंत्रण मिलने के बाद बीजेपी ने शुक्रवार को विधायक दल की बैठक बुलाई है। बैठक में विश्वास मत को लेकर पार्टी रणनीति बनाएगी। सब कुछ अगर योजनाबद्ध तरीके से चला तो विश्वास मत के दौरान नया दृश्य देखने को मिल सकता है। यह आशंका इसलिए कि हैदराबाद जाने के लिए प्लेन तक पहुंचे विधायकों की संख्या मीडिया रिपोर्ट में 35 से 38 ही बताई गई है। कुल 47 विधायकों के समर्थन पत्र पर दस्तखत के बावजूद 10-12 विधायकों का नहीं पहुंचना संदेह तो पैदा करता ही है। बहरहाल, आज यानी 2 फरवरी 2024 को चंपई सोरेन झारखंड के 12वें सीएम बनेंगे।