सरला बिरला पब्लिक स्कूल में कक्षा-एक के छात्रों द्वारा ‘सतत विकास की ओर‘ विषय पर दादा-दादी का उत्सव वात्सल्यम बड़े उत्साह के साथ मनाया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मुख्य अतिथि, प्रो. (डॉ.) एस. पी. अग्रवाल, कुलपति, साईं नाथ विश्वविद्यालय और गणमान्य व्यक्तियों द्वारा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। सांस्कृतिक कार्यक्रम की शुरुआत श्लोकोच्चारण तथा दीप प्रज्ज्वलन के साथ हुई। इसके बाद स्वागत गीत प्रस्तुत किया गया, जिसमें छात्रों ने दादा-दादी के प्रति अपने प्यार को दर्शाकर दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया। कक्षा प्रथम (थ) के छात्र ने अपना गीत ‘इको-ल्यूजन‘ प्रस्तुत किया, जिसमें धरती माता की उदारता का आनंद लेने के लिए प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण का संदेश दिया गया। कक्षा प्रथम (क) के बच्चों ने मंच पर ‘एक्वेटिक मैलोडीज‘ कार्यक्रम की प्रस्तुति दी, जिसमें जल संरक्षण की आवश्यकता को दर्शाया गया। अगला कार्यक्रम ‘बैकपैक टू द फ्यूचर‘ था जिसे कक्षा प्रथम(ठ) के छात्रों ने प्रस्तुत किया। इस कार्यक्रम के माध्यम से यह संदेश दिया गया कि अगर हम ऊर्जा के स्रोतों के व्यापक और बेपरवाह उपयोग को नहीं रोकेंगे तो भविष्य कैसा होगा। इसके बाद डेप्यूटी लिट्रेरी सेक्रेटरी, नभ्या लाल द्वारा स्कूल की वार्षिक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसके बाद नृत्य की आकर्षक प्रस्तुति ‘लक्ष्य‘ कार्यक्रम के तहत कक्षा प्रथम (ल) के छात्रों ने की। इस कार्यक्रम के माध्यम से राष्ट्र के समग्र विकास के प्रति बच्चों ने अपना दृढ़ संकल्प प्रस्तुत किया। कक्षा प्रथम (ब) के बच्चों ने ‘रिदम ऑफ स्पलैश‘ प्रस्तुत किया जो पानी के नीचे के जीवन के इर्द-गिर्द की दुनिया पर आधारित था। आज के कार्यक्रम की अंतिम प्रस्तुति ‘टेरा मेलोडीज‘ कक्षा प्रथम (म) के छात्रों द्वारा प्रस्तुत किया गया। इस कार्यक्रम में उन्होंने सभी को याद दिलाया कि पृथ्वी रहने के लिए कितनी सुंदर जगह है। छोटे बच्चों द्वारा प्रस्तुत सभी कार्यक्रमों की दर्शकों ने बेहद सराहना की। धन्यवाद ज्ञापन, विद्यालय गीत और उसके बाद राष्ट्रगान के साथ कार्यक्रम समाप्त हुआ। कार्यक्रम की सफलता उपस्थित दादा-दादी की मुस्कान और भावुक आँखों से स्पष्ट थी क्योंकि वे अपने पोते-पोतियों को उनके लिए प्रदर्शन करते देखकर अभिभूत थे।
मुख्य अतिथि ने छात्रों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि नन्हे-मुन्ने बच्चों द्वारा प्रस्तुत आज के इस भव्य कार्यक्रम का हिस्सा बनने पर प्रसन्नता व्यक्त की। वे प्राचार्या श्रीमती परमजीत कौर के इस वक्तव्य से सहमत थे कि बच्चों का स्क्रीनटाइम कम किया जाना चाहिए। यह दादा-दादी और माता-पिता की जिम्मेदारी है कि वे बच्चों को अच्छे नैतिक मूल्य प्रदान करें और भारतीय संस्कृति और समृद्ध विरासत के बारे में सिखाएं।
विद्यालय के कार्मिक व प्रशासनिक प्रमुख डॉ. प्रदीप वर्मा ने प्रतिवर्ष ऐसे प्रासंगिक विषयों पर कार्यक्रम के संचालन के लिए छात्रों, अभिभावकों और शिक्षकों के प्रयासों की सराहना की।
प्राचार्या श्रीमती परमजीत कौर ने छात्रों और शिक्षकों की कड़ी मेहनत और समर्पण की सराहना की साथ ही अभिभावकों के सहयोग की भी सराहना की। उन्होंने कहा कि दादा-दादी अपनी पीढ़ी की संस्कृति को प्रेमपूर्वक अगली पीढ़ी के सामने प्रस्तुत करते हैं