Tuesday, April 30, 2024
HomeJHARKHANDक्या ईडी हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने की कार्रवाई की ओर आगे...

क्या ईडी हेमंत सोरेन को गिरफ्तार करने की कार्रवाई की ओर आगे बढ़ चुकी है ?

मनी लॉन्ड्रिंग और जमीन घोटाले के मामले को लेकर ईडी बार-बार हेमंत सोरेन को समन भेज रही है । लेकिन हेमंत सोरेन एक बार भी समन का सम्मान करते हुए ईडी दफ्तर नहीं गए ।

झारखंड के बदलते राजनीतिक हालात एक ऐसे मोड़ पर आकर खड़ा हो गया है। जहां स्पष्ट तौर पर कुछ भी बातें नहीं कही जा सकती है। सिर्फ आकलन ही किया जा सकता है। ईडी के सातवें समन पर भी प्रांत के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के प्रवर्तन निदेशालय के दफ्तर नहीं पहुंचने से कई नए सवाल और आशंकाएं उत्पन्न हो रही हैं । एक बार झारखंड के कदम फिर से राजनीतिक अस्थिरता की ओर बढ़ते नजर आ रहे हैं। शायद झारखंड प्रांत के नसीब में राजनीतिक अस्थिरता की लिखी हुई है । एक सोची समझी राजनीति के तहत के गांडेय के झामुमो विधायक सरफराज अहमद ने इस्तीफा दे दिया। सरफराज अहमद के अचानक इस्तीफा देने से ही कई नए सवाल खुद व खुद उठने लगे हैं।
सरफराज अहमद के इस्तीफा देने के साथ ही प्रांत के लगभग सभी अखबारों में इससे संबंधित खबरें आने लगी। कई तरह के कयास अटकलें लगने लगीं । कई अखबारों ने बड़े ही प्रमुखता के साथ यह कयास प्रकाशित किया है कि अगर हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देंगे, ऐसी स्थिति में कल्पना सोरेन मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगी। जब मैं यह विश्लेषण लिख रहा हूं, तब यूपीएस सरकार के विधायक दल के नेताओं की एक अहम बैठक चल रही है । इस अहम बैठक के लगभग दो घंटे बीत चुके हैं । लेकिन अभी तक कोई तस्वीर सामने उभर कर नहीं आ पा रही है। क्या हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री से पद से इस्तीफा देंगे ? अगर इस्तीफा देते हैं । तब राज्य के नए मुख्यमंत्री कौन होंगे ? क्या हेमंत सोरेन की धर्मपत्नी कल्पना सोरेन राज्य की नई मुख्यमंत्री होंगीं ?
जैसी की खबरें आ रही हैं कि अब ईडी हेमंत सोरेन को आठवां नोटिस नहीं देने जा रही है । ईडी कोई बड़ी कार्रवाई करने जा रही है। अब सवाल यह उठता है कि ईडी की बड़ी कार्रवाई क्या हो सकती है ?
मनी लॉन्ड्रिंग और जमीन घोटाले के मामले को लेकर ईडी बार-बार हेमंत सोरेन को समन भेज रही है । लेकिन हेमंत सोरेन एक बार भी समन का सम्मान करते हुए ईडी दफ्तर नहीं गए । इस बात की पूरे प्रांत में व्यापक चर्चा हो रही है। अब सवाल यह उठ रहा है कि हेमंत सोरेन ईडी के सवालों का जवाब देने से बच क्यों रहे ? वे राज्य के मुख्यमंत्री हैं। वे एक संवैधानिक पद पर आसीन भी हैं। उन्हें इस बात की पूरी जानकारी होगी कि ईडी के समन पर जवाब देने के लिए उनके दफ्तर नहीं पहुंचने पर ईडी आगे की कार्रवाई कर सकती है ? ईडी की आगे की कार्रवाई क्या होगी ? इस विषय पर भी चर्चा हो रही है। ईडी के समन के विरोध में हेमंत सोरेन सुप्रीम कोर्ट तक का दरवाजा खटखटा चुके हैं । लेकिन वहां से उन्हें कोई राहत नहीं मिल पाई । रांची हाई कोर्ट में भी उन्होंने भी अर्जी दाखिल किया, लेकिन यहां भी उन्हें कोई राहत नहीं मिली। इससे प्रतीत होता है कि हेमंत सोरेन पर ईडी की एक बड़ी गाज गिरने वाली है ।
कल्पना सोरेन के मुख्यमंत्री बनने की खबरों को हेमंत सोरेन ने पूरी तरह नकार दिया। उन्होंने, कल्पना सोरेन के चुनाव लड़ने के कयासों को खारिज करते हुए इसे भाजपा की दिमागी उपज करार दिया है । आगे उन्होंने कहा कि इन कयासों में कोई सच्चाई नहीं है। मेरी पत्नी के निकट भविष्य में चुनाव लड़ने की संभावना पूरी तरह से भाजपा की दिमापी उपज है । उन्हें सत्ता सौंपने के कयास भाजपा द्वारा गलत विमर्श पेश करने के लिए गढ़ा गया है।
अगर मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन कल्पना सोरेन के मुख्यमंत्री बनने के कयास को नकार रहैं हैं, तब सवाल यह उठना है कि गांडेय के झारखंड मुक्ति मोर्चा के विधायक सरफराज अहमद ने अचानक इस्तीफा क्यों दिया ? अंदर की राजनीति यह इशारा करती है कि हेमंत सोरेन बखूबी जान चुके हैं कि ईडी के सातवें समन पर भी जवाब देने के लिए नहीं पहुंचने पर ईडी गिरफ्तार करने की कार्रवाई पर आगे बढ़ सकती है। ईडी इस कार्रवाई को और विस्तार देते हुए तीन जनवरी को जो हेमंत सोरेन से जुड़े कुछ करीबियों यहां छापे मारे की है । उसका कहीं ना कहीं तार हेमंत सोरेन से जुड़े हुए हैं। इससे प्रतीत होता है कि हेमंत सोरेन पर एक बड़ी गाज गिरने वाली है ।
ऐसी बातें भी खबरें आ रही हैं कि ईडी, हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के लिए इंटरनल करवाई कर रही है । ईडी के बड़े अधिकारी इस संबंध में लीगल ओपिनियन पर भी ले रहे हैं । चूंकि ईडी गृह मंत्रालय से सीधे तौर पर जुड़ी हुई है। गृह मंत्रालय के उच्च अधिकारियों से भी इस संबंध में ईडी की बातचीत जरूर हो रही होगी । अगर हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी के लिए ईडी आगे बढ़ती है, तब विधि व्यवस्था को लेकर प्रांत की क्या स्थिति बनेगी ?
2024 में ही लोकसभा और झारखंड विधानसभा के चुनाव होने हैं। इसे लेकर भी ईडी बहुत ही फूंक फूंक कर कदम आगे बढ़ा रही है। गृह मंत्रालय भी बहुत ही विचार विमर्श के साथ ही आगे की कार्रवाई के लिए ईडी को मार्ग प्रशस्त कर सकती हैं। हेमंत सोरेन, ईडी के बार-बार समन भेजे जाने पर यह भी आरोप लगा रहे हैं कि यह सब केंद्र सरकार के इशारे पर हो रही है। अगर हेमंत सोरेन की शंका सच साबित होती है, तब हेमंत सोरेन ईडी की गिरफ्तारी से बच नहीं सकते हैं। उन्हें मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना ही पड़ेगा। इस बार झारखंड, बिहार के उस राजनीतिक परिदृश्य को दोहराने जा रही है, जिसमें चारा घोटाले के मामले में लालू यादव को मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा था। और राबड़ी देवी बिहार की मुख्यमंत्री बनी थी।
आज झारखंड की जो राजनीतिक परिदृश्य उभर कर सामने आ रही है, यह पूरी तरह सह और मात का खेल बनकर रह गया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के सर्वे सर्वा शिबू सोरेन स्वस्थ नहीं है । अगर वे थोड़ा भी स्वस्थ होते, तब शायद हेमंत सोरेन के लिए इतनी बड़ी परेशानी नहीं होती। झारखंड के बनते बिगड़ते राजनीतिक हालात पर यही कहना शायद ठीक होगा कि ईडी हेमंत सोरेन की गिरफ्तारी की कार्रवाई पर आगे बढ़ चुकी है । यह तस्वीर संभवत दो-तीन दिनों में स्पष्ट रूप से साफ हो जाएगी । अगर इस बीच हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे देते हैं। कल्पना सोरेन झारखंड की मुख्यमंत्री बन जाती है । तब हेमंत सोरेन अपनी गिरफ्तारी को लेकर एक बड़ी राजनीतिक माइलेज लेने की ओर आगे बढ़ेंगे। अब देखना यह है कि पहले हेमंत सोरेन मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देते हैं ? अथवा पहले ईडी गिरफ्तार करने के लिए हेमंत सोरेन के पास पहुंचती है ?

Vijay Keshari
Vijay Kesharihttp://www.deshpatra.com
हज़ारीबाग़ के निवासी विजय केसरी की पहचान एक प्रतिष्ठित कथाकार / स्तंभकार के रूप में है। समाजसेवा के साथ साथ साहित्यिक योगदान और अपनी समीक्षात्मक पत्रकारिता के लिए भी जाने जाते हैं।
RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments