Wednesday, May 22, 2024
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मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के साथ हुआ ऐतिहासिक अन्याय: प्रभाकर नाग

मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा की जयंती पर दी गई श्रद्धांजलि

झारखंड आदिवासी विकास समिति के तत्वावधान में झारखंड आदिवासी विकास समिति के अध्यक्ष प्रभाकर नाग एवं कार्यकारी अध्यक्ष जगन लिंडा की अगुवाई में बुधवार को राजधानी रांची के कचहरी रोड स्थित मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी गयी। इस अवसर पर अध्यक्ष प्रभाकर नाग ने कहा कि झारखंड आंदोलन के प्रणेता संविधान सभा सदस्य एवं देश को ओलंपिक का पहला स्वर्ण पदक दिलाने वाले मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के साथ ऐतिहासिक अन्याय किया गया है। उनकी उपलब्धियों और उनके योगदान को विस्तृत करने का प्रयास कई लोगों ने किया है। उनके विचार निरंतर आगे बढ़ते जा रहे हैं । झारखंड आदिवासी विकास समिति के तत्वावधान में 2020 को कार्यक्रम आयोजित कर मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम में कार्यक्रम कर स्टेडियम की दयनीय दशा को उजागर करने का काम किया था एवं रांची नगर निगम के तत्कालीन डिप्टी उपनगर आयुक्त शंकर यादव के सहयोग से चड्ढा व एसोसिएट के साथ मिलकर मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा स्टेडियम के कायाकल्प में प्रमुख भूमिका समिति ने निभाई है। समिति आगे भी आदिवासी समाज के विभिन्न महापुरुषों के धरोहरों को संरक्षित करने एवं उसके संवर्धन संरक्षण की दिशा में काम करती रहेगी। कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कार्यकारी अध्यक्ष जगन लिंडा ने कहा कि आज मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के विचार कहीं ज्यादा प्रासंगिक हैं। कार्यक्रम को सफल बनाने में केंद्रीय कोर कमेटी सदस्य बिरसा टोप्पो, प्रेम तिर्की, कार्यकारिणी सदस्य मनोज कच्छप, बसराय लिंडा, सुकरा उरांव, प्रदीप कुमार की भूमिका रही। माल्यार्पण के बाद पूरी टीम मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के पैतृक गांव टकरा पहुंची एवं वहां उनकी समाधि स्थल पर माल्यार्पण किया। विदित हो चार दिन पहले उनकी समाधि स्थल पर ससनदिरी की गई थी एवं आज विधि विधान से पूजा की गई एवं पूरे परिसर के साफ सफाई हेतु झारखंड आदिवासी विकास समिति ने खूंटी बीडीओ का आभार व्यक्त किया। स्थल का विकास एवं सुंदरीकरण की मांग भी की जिसे खूंटी वीडियो ने स्वीकार कर लिया। झारखंड आदिवासी विकास समिति की टीम का प्रस्ताव उन्होंने मान लिया है, जल्द ही सोहराय पेंटिंग एवं मरंग गोमके जयपाल सिंह मुंडा के पूरे वंशावली को पत्थर पर उकेरा जाएगा एवं उनके योगदान से संबंधित संग्रहालय बनाए जाएंगे।

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