रांची जमीन घोटाला से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग केस में ईडी की कार्रवाई का सामना कर रहे मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने इस्तीफा दे दिया है। झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरीय विधायक चंपई सोरेन झारखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे। कल सीएम आवास में मीटिंग के बाद हेमंत सोरेन के उत्तराधिकारी के रूप में जब विकल्पों पर चर्चा की जा रही थी तो चंपई सोरेन का नाम सबसे आगे था।
सत्ताधारी दल के विधायक राजभवन पहुंचे। राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन ने सत्ताधारी दल के विधायकों को मिलने का समय दिया था। बताया जा रहा है कि गठबंधन के नेताओं ने राजभवन को फैक्स कर राज्यपाल से मिलने का समय मांगा था। चर्चा है कि यहां महागठबंधन राज्यपाल को इस बात से अवगत करायेगा कि उनके पास सरकार चलाने के लिए पर्याप्त बहुमत है और वह उनके नए नेता को मंजूरी दें। बताया जा रहा है कि राज्यपाल ने 9:50 बजे मिलने का समय दिया है।
गौरतलब है कि झारखंड में जारी सियासी संकट के बीच सत्ताधारी दल ने अपनी तैयारी कर ली थी। मंगलवार को ही विधायकों से सहमति पत्र पर हस्ताक्षर ले लिया गया था। इधर, मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी होते ही विधायकों ने राजभवन जाकर राज्यपाल सीपी राधाकृष्णन से मुलाकात की। उन्हें बहुमत का पर्याप्त आंकड़ा होने की बात कहेंगे।
जानिए चंपई सोरेन को
झारखंड टाइगर के नाम से मशहूर चंपई सोरेन झारखंड के अगले मुख्यमंत्री होंगे। चंपई झारखंड मुक्ति मोर्चा के वरिष्ठ नेता हैं। इसके साथ ही वो झामूमो के उपाध्यक्ष भी हैं। चंपई सोरेन सरायकेला से विधायक है। उनके पिता सेमल सोरेन किसानी करते थे। चंपई ने भी खेती की है। चंपई हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन के सहयोगी रहे हैं। झारखंड के आंदोलन में चंपई ने शिबू सोरेन का साथ दिया था। हेमंत सोरेन सार्वजनिक मंचों पर भी चंपई सोरेन के पैर छूकर आशीर्वाद लेते हुए दिखे हैं।
राज्यपाल से मुलाकात करने राजभवन पहुंचे सत्ताधारी दल के विधायकों को बाहर ही रोक दिया गया था। 3 गाड़ियों में सवार होकर कांग्रेस, झारखंड मुक्ति मोर्चा और आरजेडी के विधायक राजभवन पहुंचे थे लेकिन उन्हें यह कहकर रोक दिया गया कि आपको किसने समय दिया। विधायकों ने कहा कि हमने फैक्स भेजा था। इस बीच मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सीधे राजभवन के भीतर पहुंच गये। इधऱ, कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष राजेश ठाकुर ने बताया कि सर्वसम्मति से चंपई सोरेन को विधायक दल का नेता चुन लिया गया है।
झारखंड के सत्ताधारी दल के विधायक राजभवन पहुंचे हैं। बता दें कि राजभवन के सामने गहमागहमी बढ़ गई है। सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किये गये हैं। डीसी और एएसएसपी मुख्यमंत्री आवास के भीतर गये हैं। सीएम आवास और राजभवन के पास भारी पुलिस बल की तैनाती की गई है। इससे पहले 3 टूरिस्ट बस को सीएम आवास के भीतर ले जाया गया था। दरअसल, 7 घंटे लंबी पूछताछ के बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को ईडी ने हिरासत में ले लिया। फिलहाल उनको कैंप जेल में रखा जाएगा। मुख्यमंत्री की गिरफ्तारी के तुरंत बाद ही विधायक राजभवन के लिए रवाना हो गये थे।
मिली जानकारी के मुताबिक झारखंड में सत्ताधारी दल के पास सरकार चलाने के लिए पर्याप्त विधायक है। 81 विधानसभा सीटों वाले झारखंड प्रदेश में सरकार बनाने के लिए 41 विधायकों का समर्थन चाहिए और गठबंधन के पास 42 विधायकों का समर्थन है। यदि मुख्यमंत्री की सदस्यता रद्द भी कर दी जाती है तो सरकार पर आंच नहीं आयेगी। बताया जा रहा है कि सत्तापक्ष के विधायक राज्यपाल को विधायकों का समर्थन पत्र सौंपकर चंपाई सोरेन को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाने की मांग करेंगे। कहा जा रहा है कि गुरुवार को दिन के 11 बजे शपथ ग्रहण समारोह की मांग की जायेगी।