देशपत्र डेस्क
रांची। देश के पहले बहुभाषी माइक्रो-ब्लॉगिंग मंच ‘कू ऐप’ ने स्वैच्छिक सेल्फ- वेरिफिकेशन फीचर लॉन्च किया है। इसके साथ ही यह दुनिया का पहला सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बन गया है। कोई भी यूजर अब अपने सरकार द्वारा स्वीकृत पहचान पत्र का इस्तेमाल करके चुटकियों में प्लेटफॉर्म पर अपनी प्रोफ़ाइल को सेल्फ-वेरिफाई कर सकता है। यह कदम यूजर्स को मंच पर अपने खातों की प्रामाणिकता साबित करने के लिए सशक्त बनाता है और इस तरह से उनके द्वारा शेयर
किए गए विचारों और राय को विश्वसनीयता प्रदान करता है। स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन असल आवाजों की दृश्यता को बढ़ावा देता है।
इस प्रक्रिया के बाद हरे रंग का टिक यूजर के अकाउंट को सेल्फ-वेरिफाई होने के रूप में पहचान देगा। कू ऐप ऐसा पहला महत्वपूर्ण सोशल मीडिया मध्यवर्ती’ है, जिसने सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यवर्ती दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) नियम, 2021 के नियम 4(7) के अनुसार इस फीचर को सक्षम किया है।
प्लेटफ़ॉर्म पर यूजर्स को सशक्त बनाने के अलावा प्रामाणिकता को बढ़ावा देकर स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन के जरिये ऑनलाइन गलत सूचना, अभद्र भाषा, दुर्व्यवहार और बदमाशी पर भी अंकुश लगाने की उम्मीद है।
कू ऐप के सह-संस्थापक और सीईओ अप्रमेय राधाकृष्ण ने कहा, “सोशल मीडिया पर विश्वास और सुरक्षा को बढ़ावा देने में कू ऐप सबसे आगे है। यूजर्स हमारी सुरक्षित सत्यापन प्रक्रिया के माध्यम से कुछ सेकेंड में सेल्फ-वेरिफिकेशन हासिल कर सकते हैं। यह यूजर्स को अधिक प्रामाणिकता देने और प्लेटफॉर्म पर जिम्मेदार व्यवहार को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ा कदम है। अधिकांश सोशल मीडिया मंच यह ताकत केवल कुछ खातों को देते हैं। यह ऐसा पहला मंच है जिसने अब हर यूजर को समान विशेषाधिकार प्राप्त करने का अधिकार दिया है।
- स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन से जुड़े अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न
- क्या कू ऐप यूजर की कोई जानकारी स्टोर करता है?
नहीं, कू ऐप यूजर से संबंधित कोई भी जानकारी स्टोर नहीं करता है। सरकार द्वारा स्वीकृत थर्ड पार्टी की सेवा का इस्तेमाल जानकारी के सत्यापन के लिए किया जाता है। - क्या प्रमाणीकरण के बाद मेरे पहचान पत्र का विवरण कू ऐप पर दिखाई देता है?नहीं, इसका इस्तेमाल केवल यूजर्स की सत्यता को प्रमाणित करने के लिए किया जाता है।
- क्या अन्य यूजर्स को मेरे नाम और पहचान पत्र की जानकारी प्राप्त होगी?
नहीं। यूजर के प्रोफाइल पर विवरण वही रहता है जो सत्यापन से पहले हुआ करता था। - क्या कू ऐप पर सरकार द्वारा स्वीकृत पहचान पत्र की जानकारी दर्ज करना सुरक्षित है?
कू ऐप पर स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकशन प्रक्रिया सुरक्षित है। यह सत्यापन प्रक्रिया सरकार द्वारा अधिकृत थर्ड-पार्टी द्वारा की जाती है। - यूजर को ऐसा क्यों करना चाहिए?
एक यूजर जो अपनी प्रोफ़ाइल को वेरिफाई करता है, उसकी पहचान एक प्रामाणिक यूजर के रूप में की जाती है, जो बदले में उनके विचारों और राय को अधिक विश्वसनीयता प्रदान करता है। स्वैच्छिक सेल्फ-वेरिफिकेशन, मंच पर असल आवाजों को बढ़ावा देता है। यह उन्हें सत्यापन का वही विशेषाधिकार भी देता है जो अन्य सोशल मीडिया पर केवल कुछ प्रतिष्ठित खातों के लिए उपलब्ध
था।