Monday, April 29, 2024
HomeBIHARलालू-नीतीश (बड़े भाई-छोटे भाई) भ्रष्टाचार के सबसे बड़े नायक : भाजपा

लालू-नीतीश (बड़े भाई-छोटे भाई) भ्रष्टाचार के सबसे बड़े नायक : भाजपा

जितनी सिक्योरिटी मनी एजेंसी से जमा करानी थी उसे अंत समय में बदलकर कम कर दिया गया। 72 लाख रुपए एजेंसी को जमा करने थे लेकिन उसे बदलकर 12 लाख कर दिया गया।

बिहार में घोटालों का सिलसिला बदस्तूर जारी है। एक तरफ़ बिहार की सत्ताधारी पार्टी जदयू-राजद समेत पूरा विपक्ष मिलकर केंद्र से भाजपा को उखाड़ फेंकने के लिए जानता को नैतिकता का पाथ पढ़ाने में लगे हैं, वहीं दूसरी तरफ़ भाजपा बिहार की सत्ताधारी पार्टी पर घोटालों के आरोप लगा रही है। भाजपा ने बिहार सरकार पर आरोप लाया है की राज्य के सभी टेंडर में कमीशनखोरी और पार्टनरशिप का खेल हो रहा है। जिसमें सत्ता में शामिल नेता और उनके परिवार शामिल हैं।

अभी हाल में ही हुए एंबुलेंस टेंडर घोटाले के बाद बिहार विधानसभा में सिक्योरिटी गार्ड के लिए निकाले गए टेंडर में घोटाले की बात सामने आई है। नेता प्रतिपक्ष विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि बिहार विधानसभा में होने वाली सिक्योरिटी गार्ड के टेंडर में घोटाला हुआ है। उन्होंने लालू-नीतीश पर निशाना साधते हुए कहा कि बड़े भाई और छोटे भाई भ्रष्टाचार के सबसे बड़े नायक हैं।

बिहार में फिर शुरू हो गया है घोटालों का दौर 

विजय कुमार सिन्हा (नेता प्रतिपक्ष) ने कहा है कि बिहार में लालू-राबड़ी के शासनकाल में चारा घोटाला, अलकतरा घोटाला समेत अनेकों घोटाले हुए थे। अब फिर से एक बड़े घोटाले का शुभारंभ बिहार में होने जा रहा है। बिहार विधानसभा में नियुक्ति घोटाला होने जा रहा है। हाल ही में एम्बुलेंस टेंडर घोटाला सामने आया था, सरकार इसकी जांच सीबीआई से कराने से भाग रही है। बिहार में कमीशनखोरी की सरकार चल रही है। पिछले दिनों अगुवानी पुल के निर्माण में भारी गड़बड़ी सामने आई, जिसे सरकार ने भी स्वीकार किया है लेकिन इसकी जांच सीबीआई से नहीं कराई गई।

भ्रष्टाचार का नीतीश मॉडल 

उन्होंने कहा कि बिहार विधानसभा में सुरक्षा प्रहरी की बहाली में भ्रष्टाचार का नीतीश मॉडल सामने आ रहा है। टेंडर हासिल करने वाली एजेंसी ही निविदा की शर्तों को तैयार कर रही है। बिहार विधानसभा अध्यक्ष को पत्र लिखकर बहाली से जुड़ी जानकारी मांगी गई है, ताकी सच्चाई सामने आ सके। विधानसभा में सिक्योरिटी गार्ड की बहाली का टेंडर निकला है और जिस एजेंसी को टेंडर मिला है उसने ही निविदा की शर्तों को तैयार किया है। विधानसभा सचिवालय ने मनमाने तरीके से एजेंसी का चयन किया है।

अंत समय में सिक्योरिटी मनी को 72 लाख से 12 लाख कर दिया 

नेता प्रतिपक्ष ने कहा है कि निविदा होने के बाद उसकी शर्तों में सुधार किया गया। जितनी सिक्योरिटी मनी एजेंसी से जमा करानी थी उसे अंत समय में बदलकर कम कर दिया गया। 72 लाख रुपए एजेंसी को जमा करने थे लेकिन उसे बदलकर 12 लाख कर दिया गया। सरकार ने शुरूआत में इस राशि को 72 लाख इसलिए रखा कि राशि देखकर ही लोग पीछे हट जाएं और चहेते लोगों को टेंडर दिया जा सके और बहाली घोटाला का खेल खेला जा सके। नियमों को ताक पर रखकर उक्त एजेंसी को टेंडर दिया गया है।

मामले की जांच सीबीआई से हो 

विजय सिन्हा ने कहा कि बिहार में कमीशनखोरी की सरकार चल रही है। जितने भी टेंडर हो रहे हैं उसमें कमीशनखोरी और पार्टनरशीप का खेल चल रहा है। पहले कमीशन लिया जाता था लेकन अब तो उसमें पार्टनरशीप का रोल अदा किया जा रहा है। बिहार में यह व्यवस्था खुलेआम चल रही है। हाल ही में हुए एंबुलेंस टेंडर घोटाले में सारी सच्चाई सामने आ चुकी है। सत्ता में बैठे नेता और भ्रष्ट पदाधिकारियों का प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से इसमें संलिप्तता है। इसलिए पूरे मामले की जांच सीबीआई से कराई जाए।

RELATED ARTICLES

LEAVE A REPLY

Please enter your comment!
Please enter your name here

- Advertisment -

Most Popular

Recent Comments