रांची। राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष राजेश कुमार गुप्ता ने मुख्यमंत्री और राज्य पिछड़ा वर्ग आयोग से मांग किया है कि झारखंड टेक्निकल विश्वविद्यालय द्वारा ओबीसी छात्रों के साथ किया जा रहा आर्थिक भेदभाव दूर की जाए।
श्री गुप्ता ने कहा कि झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी में 14 विषयों में पीएचडी सत्र 2021-22 के नामांकन की जा रही है। जिसमें सामान्य व पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों के लिए आवेदन शुल्क तीन हजार रुपए निर्धारित की गई है। जबकि ई डब्ल्यू( सवर्ण गरीब),एसटी और एससी
वर्ग के विद्यार्थियों के लिए शुल्क मात्र एक हजार रुपए निर्धारित किए गए हैं।
अन्य पिछड़ा वर्ग के विद्यार्थियों को सामान्य वर्ग के विद्यार्थियों के बराबर शुल्क क्यों ली जा रही है। यह समझ से परे है। दूसरी तरफ ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्रों का शुल्क एससी एसटी वर्ग के बराबर ली जा रही है।
उन्होंने कहा कि ईडब्ल्यूएस वर्ग के छात्र 2019 में गरीबी रेखा के अंतर्गत लाई गई है। वहीं, ओबीसी समुदाय अर्थात अन्य पिछड़ा वर्ग जो पूर्व से सामाजिक शैक्षणिक पिछड़ेपन के कारण इन्हें आरक्षण प्राप्त है। इसलिए ईडब्ल्यूएस, एससी,एसटी के बराबर शुल्क ₹1000 ली जानी चाहिए थी।
श्री गुप्ता ने मांग किया है कि झारखंड टेक्निकल यूनिवर्सिटी द्वारा ओबीसी समुदाय के साथ किए जा रहे आर्थिक भेदभाव का संज्ञान लिया जाए और जानबूझकर ऐसे कृत्य करने वाले अधिकारी को दंडित भी की जाए। उक्त जानकारी राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा के मीडिया प्रभारी अशोक कुमार कुशवाहा ने दी।
राष्ट्रीय ओबीसी मोर्चा ने ओबीसी छात्रों के साथ भेदभाव बरतने का आरोप लगाया
विश्वविद्यालय प्रबंधन पर लगाया आरोप
Sourceनवल किशोर सिंह