Friday, May 3, 2024
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प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक 2023 हुआ पारित, पोर्टल इसी महीने होगी लॉंच

प्रेस और पत्र-पत्रिका पंजीकरण विधेयक, 2023 (PRP) गुरुवार को राज्यसभा में पारित हो गया। यह विधेयक प्रेस और पुस्तक पंजीकरण अधिनियम, 1867 (PRB) को निरस्त करने के लिए लाया गया है। विधेयक का उद्देश्य पत्र-पत्रिकाओं के शीर्षक सत्यापन और पंजीकरण की ऑनलाइन प्रक्रिया को सरल बनाना है।

सदन ने विपक्ष की अनुपस्थिति में कुछ मिनट बाद ही ध्वनि मत से विधेयक पारित कर दिया। इस मौक़े पर सूचना-प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा, ‘पुराने और नए अधिनियम के बीच अंतर समझाने के लिए मैं चाहता था कि विपक्ष भी यहां होता क्योंकि वे एक समय देश पर शासन कर रहे थे।’

प्रेस और आवधिक पंजीकरण विधेयक, 2023 आज उच्च सदन में सर्वसम्मति से पारित हो गया। इस मौक़े पर भारत सरकार के सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि यह विधेयक, जो हमें औपनिवेशिक मानसिकता से छुटकारा दिलाता है, पारदर्शिता, व्यापार करने में आसानी और प्रेस की स्वतंत्रता को बढ़ावा देने की दिशा में एक गतिशील कदम है। पहले, जिस प्रक्रिया में लगभग 2-3 साल लगते थे और पंजीकरण और नवीनीकरण के लिए जिला मजिस्ट्रेट के सामने और दिल्ली में व्यक्ति की भौतिक उपस्थिति की आवश्यकता होती थी, अब उसे घटाकर केवल 60 दिन कर दिया जाएगा और पूरी प्रक्रिया ऑनलाइन पूरी की जा सकती है। अगस्त तक पोर्टल लॉन्च कर दिया जाएगा, जो इस प्रक्रिया को सरल, एक साथ और मजबूत बनाना सुनिश्चित करेगा। यह #DigitalIndia की हमारी खोज की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा। यह विधेयक प्रेस की स्वतंत्रता सुनिश्चित करने के साथ-साथ कई उभरते लेखकों को भी बढ़ावा देगा जो विभिन्न मुद्दों पर स्वतंत्र रूप से अपनी बात रख सकते हैं। यह विधेयक आधुनिक परिदृश्य और माननीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के न्यूनतम सरकार, अधिकतम शासन की प्रतिबद्धता के अनुरूप है

विधेयक में समाचार पत्रों के प्रसार और सत्यापन से संबंधित प्रावधान हैं। इसमें भारत में विदेशी पत्रिकाओं के प्रतिकृति संस्करणों के प्रकाशन के लिए केंद्र सरकार की पूर्व मंजूरी का भी प्रावधान किया गया है। विधेयक के अनुसार प्रकाशक, पत्रिका के पंजीकरण प्रमाणपत्र विवरण या शीर्षक में संशोधन के लिए प्रेस रजिस्ट्रार जनरल को आवेदन कर सकता है। विधेयक में  प्रेस और पंजीकरण अपीलीय बोर्ड का प्रावधान है, जिसमें भारतीय प्रेस परिषद के अध्यक्ष और इसके सदस्यों में से भारतीय प्रेस परिषद द्वारा नामित दो सदस्य शामिल होंगे।

विधेयक प्रस्‍तुत करते हुए सूचना और प्रसारण मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर ने कहा कि विधेयक का उद्देश्य समाचार पत्रों और पत्रिकाओं की पंजीकरण प्रक्रिया को सरल बनाना है। पंजीकरण प्रक्रिया निर्धारित 60 दिनों की अवधि में पूरी की जाएगी। पंजीकरण प्रक्रिया अब आठ चरण के बजाय केवल एक चरण में पूरी कर ली जाएगी। समाचार पत्र और पत्रिकाओं के प्रकाशकों को जिलाधिकारी और भारत के समाचार पत्र पंजीयक आरएनआई के प्रेस रजिस्ट्रार को ऑनलाइन आवेदन देना होगा। आतंकवादी गतिविधियों में शामिल लोगों को समाचार पत्र और पत्रिकाओं के प्रकाशन की अनुमति नहीं दी जाएगी। पहले छोटे अपराधों के लिए जुर्माना और छह महीने की कैद का प्रावधान था, लेकिन अब ज्यादातर प्रावधानों को अपराध की श्रेणी से हटा दिया गया है। नियमों का उल्लंघन करने पर सिर्फ जुर्माना लगाया जाएगा।

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