आलोक पुराणिक:
रुस से खबरें कुछ अजब गजब आ रही हैं, रुस की एक प्राइवेट आर्मी-वैगनर आर्मी ने वहां की सरकारी आर्मी के खिलाफ मुहिम चला दी है। प्राइवेट आर्मी सरकारी आर्मी के खिलाफ लड़ रही है, यह बहुत खतरनाक बात है। प्राइवेट वालों की एफिशियेंसी कई मामलों में बहुत ज्यादा होती है, सरकार वाले हार जाते हैं। एक वक्त था,फोन के धंधे में सिर्फ सरकारी कंपनियां ही होती थीं, फिर प्राइवेट कंपनियां आ गयीं फोन के धंधे में तो सरकार वाली कंपनी पीछे हट गयीं। रुस में प्राइवेट वाले आ गये हैं और सरकार की आर्मी का क्या होगा, यह पता नहीं चल पा रहा है। एक वक्त था जब सपने देखा करते थे कि सूडान जैसे पिछड़े देश एडवांस होकर एक दिन रुस के लेवल पर आ जायेंगे, पर हुआ यह है कि रुस में हाल सूडान जैसे हो रहे हैं, लड़ाके आपस में ही मारकाट कर रहे हैं।
प्राइवेट आर्मी का इतिहास भारत में भी रहा है। दिल्ली और आसपास के इलाकों में प्राइवेट आर्मी चलाती थीं बेगम समरु, मुगलिया सल्तनत के पतन के दौर में। इतनी पावरफुल थीं बेगम समरु कि मुगल बादशाह उनसे मदद लेते थे। प्राइवेट जान लगाकर काम करते हैं सरकारी काम करनेवाले कभी कोताही भी कर जाते हैं।
वैसे सरकारी बनाम प्राइवेट आर्मी का युद्ध-यह कमाल सिर्फ रुस में ही नहीं हो रहा है। पड़ोसी देश पाकिस्तान के पीएम शहबाज शरीफ की शिकायत है कि दुनिया में देश तमाम देशों को पैसा दे रहे हैं, बस पाकिस्तान को कोई पैसा नहीं दे रहा है। पाकिस्तानी पीएम का कहना है कि दुनिया भर में बंटनेवाले संसाधनों में पाकिस्तान जैसे देशों का हिस्सा होना चाहिए। पाकिस्तान भीख को एक अधिकार के तौर पर लेता है और यह अधिकार हर हाल में उसे मिले, इस बात पर लगातार बात करता रहता है। पाकिस्तान के पास एक बहुत बड़ी आर्मी है, जो आम तौर पर अपनी ही जनता के खिलाफ युद्ध करती है। पाकिस्तान की आर्मी का एक इस्तेमाल यह हो सकता है कि यह बतौर प्राइवेट आर्मी पूरी दुनिया में अपनी सेवाएं दें। बस इसमें आफत यह है कि पाकिस्तान के भीखाधिकार अभियान में पाकिस्तान आर्मी भी जुटी रही है। पाकिस्तानी आर्मी जनरल भिक्षाटन अभियान में बराबर जाते रहे हैं। पाकिस्तानी आर्मीवालों से दुनिया डरती है कि सुरक्षा देते देते पाकिस्तानी आर्मी अफसर कर्ज ना मांगने लग जायें। कहीं ऐसे सीन ना आ जायें कि पाकिस्तानी आर्मी के अफसर कह उठें-सर पहले एक करोड़ का लोन दो तब ही आपके खिलाफ आनेवाले हमलावर को रोकूंगा। पाकिस्तान का कैरेक्टर बतौर मुल्क ही भिखारी वाला हो गया है , मुल्क का कैरेक्टर आर्मी में भी आ ही जाता है।
रुस में आर्मी बनाम आर्मी हो रहा है। पुतिन का हाल वैसे कई बार भारतीय सीरियलों की क्वीन एकता कपूर जैसा लगता है, जो सीरियल शुरु तो कर देती हैं, फिर भूल जाती है कि खत्म भी करना है। कई सालों तक चलता है सीरियल फिर पब्लिक देखना ही बंद कर देती है। पुतिन युद्ध शुरु करके बंद करना भूल गये हैं। ऐसे सीरियल फ्लाप हो जाते हैं। पुतिन सोचें कहीं उनके भी फ्लाप होने का टाइम तो नहीं आ रहा है।
रुस में प्राईवेट आर्मी देश पर कब्जे के चक्कर में है, इस मामले में रुस की प्राइवेट आर्मी वाले पाकिस्तान की सरकारी आर्मी से गाइडेंस ले सकते हैं कि मुल्क पर कब्जा कैसे करते हैं, पाकिस्तान की आर्मी को मुल्क पर कब्जे का कई दशकों का तजुरबा है