पटना:
महिलाओं की सुरक्षा को लेकर समाज अभी भी चिंतित रहता है। पिछले कुछ समय से महिलाओं के साथ होनेवाले अपराध में काफ़ी तेज़ी से बढ़ोत्तरी हुई है। महिलाओं का घर से बाहर निकलना अब सुरक्षित नहीं रह गया है। घर से बाहर जाने के बाद किसी भी महिला के परिजन उनके सुखद वापसी को लेकर सदैव परेशान रहते हैं। देश ग़ुलामी से भी आज़ाद हो गया लेकिन आज भी हमारे देश कि महिलाओं की सुरक्षा एक चिंतनीय विषय बना हुआ है। ऐसे में बिहार से एक सुखद खबर आई है। बिहार के होनहार युवाओं ने एक ऐसे मोबाइल ऐप का निर्माण किया है जो महिलाओं को सुरक्षा देने में सहायक होगा।
बिहार के तीन प्रतिभाशाली युवा, आदर्श कुमार (ग्लोबल फाउंडेशन फॉर हायर स्टडीज में BCA के स्टूडेंट), अवनीश सत्यम और ऋषभ आनंद (कैम्पकोडर सॉल्यूशंस के BCA, ए.एन. कॉलेज, पटना) ने मिलकर एक मोबाइल ऐप तैयार किया है। इस मोबाइल ऐप का नाम ‘रक्षक’ है। यह गूगल प्ले स्टोर पर उपलब्ध है। ख़ास बात यह है कि गूगल प्ले स्टोर पर इसे 4.9 रेटिंग मिली है।
आपातकाल में कॉल और अलर्ट मेसेज चला जाएगा परिजनों को
इस ऐप का निर्माण विशेषकर महिलाओं, छात्राओं एवं वरिष्ठ नागरिकों को ध्यान में रखकर किया गया है। “रक्षक” ऐप के माध्यम से महिलाओं को सुरक्षा से सम्बंधित विभिन्न कानूनों के बारे में भी जानकारी मिलेगी। इस मोबाइल ऐप में आत्मरक्षा के लिए प्रशिक्षण की भी सुविधा है। महिलायें, स्कूली छात्राएँ एवं बुजुर्ग अपने आपको इस ऐप के ज़रिए प्रशिक्षित कर पायेंगे। आपातकाल में कॉल करने के लिए इस ऐप में केवल फोन के वॉल्यूम बटन को दबाकर ऐप में सेव किन्हीं ख़ास नंबरों पर कॉल करने की सुविधा दी गई है। इस सुविधा के ज़रिए फ़ोन कॉल के साथ ही सभी नम्बरों पर अलर्ट का मैसेज चला जाएगा। इतना ही नहीं आप मोबाइल को हिला के भी तीन परिजनों को अलर्ट का मैसेज और लोकेशन भेज सकते हैं।
"रक्षक" महिला सुरक्षा में मील का पत्थर होगा
ग्लोबल फाउंडेशन फॉर हायर स्टडीज के डीन ऋचा वर्मा ने बताया कि यह ‘रक्षक’ ऐप महिला सुरक्षा के लिए एक मील का पत्थर साबित होगा। परेशानी में फंसने पर महिलाएं इसका उपयोग आसानी से कर पाएंगी। साथ ही इस ऐप में महिला सुरक्षा से संबंधित कई तरह के कानूनों का भी जिक्र किया गया है। यह भी उनके लिए काफी लाभदायक होगा। ऋचा वर्मा ने छात्राओं को समाज और महिला सुरक्षा में उनके बहुमूल्य योगदान के लिए प्रोत्साहित किया।