झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष विजय शंकर नायक ने झारखंड सरकार के अवर सचिव को लिखे एक पत्र के माध्यम से कहा है कि नेतरहाट फील्ड फायरिंग रेंज से संबंधित मांगी गई सूचना को – राज्य के गृह ,कारा एवम् आपदा प्रबंधन विभाग,झारखंड सरकार एवम् पुलिस महानिदेशक एवम् पुलिस महानिरक्षक कार्यालय,झारखंड तथा जंगल वारफेयर स्कूल नेतरहाट नही देकर सूचना अधिकार कानून का खुल्लम खुल्ला उलंघन कर रहे है। जिसकी जांच कार्मिक प्रशासनिक सुधार एवं राजभाषा विभाग के प्रधान सचिव द्वारा करने की माँग की गई है। साथ ही जनसूचना पदाधिकारी पर दंडात्मक कार्रवाई की माँग करते हुए कहा कि – राज्य की जनता को सूचना देने में आनाकानी कर रहे है तथा इस प्रकरण की जांच कर इन सभी पर करवाई करे ।
झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष विजय शंकर नायक ने उदाहरण देते हुवे साक्ष्य अभिलेख के आधार पर आगे बताया की इस संदर्भ में ग्राम-खजूर टोला,पोस्ट-अक्सी महुआटांड़, जिला-लातेहार निवासी जेरूमी ग्रल्ड कुजूर ने दिनांक 16 जून 2021 को सूचना अधिकार कानून के तहत गृह ,कारा एवम् आपदा प्रबंधन विभाग,झारखंड सरकार एवं जनसूचना पदाधिकारी से 10 रुपया शुल्क जमा कर आवेदन देकर 06 बिंदु पर सूचना मांगी थी । तब दिनांक 25 जून2021 को जनसूचना पदाधिकारी ने उक्त सूचना आवेदन को धारा 6(3) के तहत जनसूचना पदाधिकारी, पुलिस मुख्यालय,झारखंड को यह कह कर स्थानांतरण कर दिया गया की सूचना आपसे संबंधित है। उसके बाद पुलिस महानिदेशक एवम् पुलिस महानिरिक्षक कार्यालय,झारखंड ने सूचना नहीं देकर फिर उक्त आवेदन को धारा 6(3) के तहत पुनः पुलिस उप महानिरीक्षक ,जंगल वारफेयर स्कूल नेतरहाट को सूचना उपलब्ध कराने हेतु दिनांक 02/7/21 को पत्र भेज दिया। उसके बाद पुलिस उप महानिरीक्षक सह प्राचार्य कार्यालय,जंगल वारफेयर स्कूल नेतरहाट ने दिनांक 14/7/21 को जनसूचना पदाधिकारी पुलिस मुख्यालय,झारखंड,रांची को यह सूचित किया कि जो सूचना मांगी गई है वह सूचना जंगल वारफेयर स्कूल नेतरहाट से संबंधित नही है और कोई अभिलेख संधारित नही है ।
श्री नायक ने साफ शब्दों में कहा की इससे प्रतीत होता है की गृह ,कारा एवम् आपदा प्रबंधन विभाग,झारखंड सरकार,पुलिस महानिदेशक एवम् पुलिस महानिरीक्षक कार्यालय,झारखंड,
पुलिस उप महानिरीक्षक सह प्राचार्य कार्यालय,जंगल वारफेयर स्कूल नेतरहाट के जनसूचना पदाधिकारी सूचना देना ही नहीं चाहते है। इसलिए उक्त सूचना आवेदन को इधर उधर फेका- फेकी कर सूचना उपलब्ध नही करा कर सूचना अधिकार कानून का घोर उलंघन कर रहे हैं ।
श्री नायक ने यह भी बताया की राज्य में डेढ़ साल से राज्य सूचना आयोग मृत प्राय है। जहां सूचना आयुक्त नहीं रहने से सभी राज्य सरकार के जन सूचना पदाधिकारीगण सूचना-अधिकार कानून का घोर उलंघन कर रहे हैं , जिसको देखने वाला कोई मां बाप नही है ।
इन्होंने राज्य के मुख्य मंत्री से मांग किया की वे जल्द से जल्द सूचना आयोग में वर्षों से खाली पड़े सूचना आयुक्त के पदों पर सूचना आयुक्तों का मनोनयन करे ,ताकि राज्य की जनता को सूचना मिल सके ।