शैल्बी डीवाईन अस्पताल की डॉ अपेक्षा साहू (सीनियर लैप्रोस्कोपिक स्त्री एवं प्रसूति रोग एवं हाई रिस्क प्रेग्नेंसी विशेषज्ञ) ने बताया कि उनके पास डाल्टनगंज की ऐसी मरीज आई जिसको 19 सप्ताह का प्रेग्नेंसी था। महिला जाँच करने पर पता चला कि गर्भ मे पल रहे शिशु का गर्भनाल से जुड़े प्लासेंटा बच्चेदानी को पार करते हुए पेशाब की थैली को छेदने वाला है। इस दरम्यान महिला के गर्भाशय से लगातार खून रहा था। महिला को शैल्बी डीवाईन अस्पताल में 24 सप्ताह तक मेडिकल ट्रीटमेंट दिया गया। लेकिन स्थिति नियंत्रण से बाहर होती जा रही थी, क्योंकि अत्यधिक रक्तस्राव होने से बच्चा और जच्चा दोनो को जान का खतरा होने लगा था। ऐसे में डॉ अपेक्षा साहू ने महिला का तुरंत हाईरिस्क सर्जरी का प्लान किया और तत्काल महिला मरीज़ की सर्जरी कि गई। सर्जरी के साथ ही महिला का बच्चेदानी को भी निकाल दिया गया और बच्चेदानी को सप्लाई करने वाले खून की नली को बाँध (Internal Iliac Ligation) दिया गया।
इस हाई रिस्क सर्जरी के बाद बच्चा अभी नियोनेटल आईसीयू मे है, जिसका वजन 640 ग्राम है। ख़ुशी की बात यह है कि बच्चा और जच्चा दोनों अभी ख़तरे से बाहर हैं और स्वस्थ हैं। सर्जरी के 6 दिन बाद ही दोनों के स्वास्थ्य को देखते हुए उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी।
यह जानकारी साझा करते हुए अस्पताल के मेडिकल और मैनेजिंग डाइरेक्टर् डॉ देवनीस खेस ने बताया कि राँची में ही शैल्बी डीवाइन सुपर स्पेशियेलिटी अस्पताल में अत्याधुनिक हाई रिस्कसर्जरी , आईसीयू और जॉइंट रिप्लेशमेंट, बोनमैरो और खून से संबंधित बीमारियों का विश्वस्तरीय चिकित्सा सुविधा मौजूद है।