रांची। राजधानी स्थित हरमू नदी के किनारे बसे मोहल्लेवासियों को रांची नगर निगम की ओर से मकान तोड़े जाने संबंधी नोटिस दिए जाने पर स्थानीय लोगों में आक्रोश व्याप्त है। इस संबंध में स्थानीय नागरिकों का कहना है कि नदी के किनारे रैयती और खतियानी जमीन पर लोगों द्वारा बनाए गए मकान को भी अतिक्रमित क्षेत्र मानते हुए नगर निगम द्वारा मकान तोड़ने का नोटिस दिया गया है।
हरमू निवासी जाने-माने सामाजिक कार्यकर्ता उपेंद्र कुमार ने कहा कि हरमू नदी क्षेत्र के किनारे बसे अधिकतर लोगों ने रैयती और खतियानी जमीन पर अपना आशियाना खड़ा किया है। वैसे लोगों को भी रांची नगर निगम द्वारा मकान तोड़ने संबंधी फरमान जारी करना नगर निगम प्रबंधन की अदूरदर्शिता का परिचायक है। उपेंद्र कुमार ने कहा कि लोगों ने रैयती और खतियानी जमीन पर अपने जीवन की गाढ़ी कमाई से मकान बनाया है। रांची नगर निगम प्रबंधन को सबसे पहले हरमू नदी की वास्तविक जमीन की मापी करानी चाहिए।
उन्होंने कहा कि समय के साथ नदी का स्वरूप पानी के बहाव के कारण बदलता रहा है। इससे नदी की क्षेत्र की वास्तविक भूमि का पता नहीं चल पाता है। ऐसा नहीं है कि नदी क्षेत्र की जमीन पर अतिक्रमण कर मकान बनाया गया है। उन्होंने कहा कि रांची नगर निगम को नोटिस जारी करने से पूर्व मापी करवाकर हरमू नदी की वास्तविक स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।
उपेन्द्र ने कहा कि नगर निगम प्रबंधन बगैर हरमू नदी की मापी कराए खतियानी और रैयती जमीन पर लोगों द्वारा बनाए गए मकानों को तोड़ने की कार्रवाई करेगा, तो इसका पुरजोर विरोध किया जाएगा।
नगर निगम के फरमान से हरमू क्षेत्र के निवासी परेशान नदी की मापी कराए नगर निगम : उपेन्द्र
Sourceनवल किशोर सिंह