Saturday, May 4, 2024
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एनएसएस एवं यूनिसेफ का आपदा प्रबंधन पर एक दिवसीय वेबिनार आयोजित

सुरक्षा के लिए आपदा प्रबंधन की जरूरत : डॉ. कामिनी कुमार रांची

  • आपदा से बचने के लिए आपदा प्रबंधन की जरूरत होती है। आपदा के पूर्व इसकी सुरक्षा पर जागरूक होना चाहिए। कोविड-19 महामारी ,वज्रपात, आंधी- तूफान एवं बाढ़ जैसी आपदाओं के पूर्व जागरूकता के प्रति एनएसएस के स्वयंसेवकों की भूमिका सराहनीय रही है। आकाशीय बिजली सामान्यत: पेड़ एवं भवनों पर गिरती है। बज्रपात से बचने के लिए घर में तड़ीत संचालक निश्चित रूप से लगानी चाहिए जो बिजली को भूमि में लेकर चली जाती है। उक्त बातें एनएसएस राँची विश्वविद्यालय, यूनिसेफ, झारखंड , सेंटर फॉर चाइल्ड राइट एवं एन यू एस आर एल के संयुक्त तत्वाधान में आयोजित एक दिवसीय वेबिनार को संबोधित करते हुए बतौर मुख्य अतिथि रांची विश्वविद्यालय के कुलपति डॉ कामिनी कुमार ने कही। कुलपति ने वेबिनार में अमृत महोत्सव एवं स्वतंत्रता के 75 वीं वर्षगांठ पर सभी को शुभकामनाएं दी। झारखंड राज्य के राज्य एनएसएस पदाधिकारी डॉ ब्रजेश कुमार ने कहा कि आपदा प्रबंधन में एनएसएस की भूमिका सराहनीय रही है। एनएसएस के स्वयंसेवकों का आपदा प्रबंधन के क्षेत्रों में यथा कोविड-19, बाढ़, सड़क सुरक्षा में जागरूकता के प्रति सराहनीय कार्य रहा है। वेबिनार में बतौर मुख्य वक्ता क्लाइमेट रेसिलियंट ऑब्जर्विंग सिस्टम प्रमोशन काउंसिल के चेयरमैन कर्नल संजय श्रीवास्तव ने पावर प्वाइंट प्रेजेंटेशन के माध्यम से वज्रपात की विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने कहा कि वज्रपात से सुरक्षा मानक को हमेशा पालन करनी चाहिए। जलवायु परिवर्तन के कारण वज्रपात की घटनाएं लगातार बढ़ रही है। बादलों के आपस में टकराने से आकाशीय बिजली उत्पन्न होती है, जो पृथ्वी पर गिरकर भयावह रूप धारण करती है। वेबिनार में एनडीआरएफ 9 बटालियन बिहार के इंस्पेक्टर नितेश कुमार ने कहा कि आपदाओं में एनडीआरएफ टीम की अग्रणी भूमिका रही है। एनडीआरएफ की टीम मुख्य रूप से तीन सुरक्षा मानकों पर ध्यान देती है, जिसके तहत पहला आपदा पूर्व दूसरा आपदा के समय तथा तीसरा आपदा के बाद की घटनाओं पर कार्य करती है। इसमें एनएसएस के स्वयंसेवकों की भूमिका रहती है।वेबिनार के अंत में प्रश्नोत्तरी सत्र में प्रतिभागियों ने सवाल किए जिसका जवाब कर्नल संजय ने दिया।इस वेबिनार में मुख्य रूप से झारखंड राज्य के 10 जिलों यथा रांची, लोहरदगा, गुमला, सिमडेगा, खूंटी, पलामू, लातेहार, गढ़वा ,धनबाद एवं बोकारो के एनएसएस प्रोग्राम आफिसर एवं एवं स्वयंसेवक, यूनिसेफ के कम्युनिकेशन ऑफिसर आस्था अलंग ,डॉ प्रियंका सिंह समेत कुल 350 से अधिक प्रतिभागी गण उपस्थित थे।
    आज के कार्यक्रम में यूनीसेफ के फैज़, सेन्टर फ़ॉर चाइल्ड राइट के डॉ के श्यामली, एन एस एस के डॉ विभेष कुमार चौबे, डॉ पुष्पा सुरीन, हेमंत कुमार, अपर्णा मिश्रा, दिवाकर आनंद, दीपा, नेहा आदि का उल्लेखनीय योगदान रहा।
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