प्रवासी नहीं अपितु विश्वव्यापी है भारतीय जो अपने तप त्याग परिश्रम और कर्मठता से विश्व को राह दिखाया है चाहें वो अध्यात्म का क्षेत्र हो, राजनीतिक क्षेत्र हो, आर्थिक क्षेत्र हो, समाजिक उन्मूलन का क्षेत्र हो, तकनिकी ज्ञान का हो, या सांस्कृतिक उत्थान का हो।
हर स्वरुप में भारत के लोगों ने यह विश्व को बोध कराया है की हम वसुधैव कुटुंबकम् को चरितार्थ करते है और हम समस्त संसार को एक स्वरुप में हीं देखते है वो निश्छल प्रेम स्वरुप है।
धरती को माँ कहते हीं नहीं अपितु उसके ममत्व भरे आंचल में उसी रुप में बसते है जैसे माँ के ममत्व भरे आँचल के तले में रहते है भयमुक्त और प्रेमयुक्त होकर।
जो कल तक हम पर ताकत से शासन करते थे और आज हम उनपर उनके हीं प्रेम से शासन कर रहे है यह हमारे भाव का मूल स्वरुप है इसलिए आज विश्व हमारी और आस विश्वास भरोसा के साथ देखता है।
सभी प्रवासी भारतीयों एंव भारतीयों का दायित्व और बढ जाता है विश्व की शांति कायम रखने की।
जय हिंद जय भारत जय सकल संसार की….
हम सभी भारतवासियों के लोकप्रिय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी आपके नेतृत्व में देश हर दिन नई कीर्तिमान गढ रहा है जिसके लिए सह्रदय साधुवाद और हम सभी भारतवासियों के गौरव प्रवासी भारतीय ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक जी आप ने जो क्रितिमान गढा है वह हम सभी के पूर्वजों का प्रेम और विश्वास का ही फल है। आप दोनों के नेतृत्व में समस्त विश्व वसुधैव कुटुंबकम के भाव से ओतप्रोत होगा।