रांची। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद रांची महानगर द्वारा अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर रांची विश्वविद्यालय के भूगर्भ शास्त्र विभाग में संगोष्ठी का आयोजन किया गया। विचार संगोष्ठी में मुख्य अतिथि के रूप में रांची विश्वविद्यालय रसायन विभाग के अध्यापिका डॉ. स्मृति सिंह एवं भौतिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुधा सिंह उपस्थित रहीं।डॉ.स्मृति सिंह ने कहा कि इतिहास के कुछ पन्ने पलटेंगे तो ऐसी अनेक महिलाओं के उदाहरण हमारे सामने आएंगे, जिन्होंने अपनी क्षमता के बल देशद्रोही हो,मुगल हो या अंग्रेज उन सभी को खाख करने में योगदान दिया और आगे बढ़ नेतृत्व किया।जैसे स्वतंत्रता संग्राम में झांसी की रानी लक्ष्मीबाई कित्तूर की रानी चेनम्मा, गोंड रानी दुर्गावती जैसी अनेकों पराक्रमी योद्धा एवं कुशल सेना नायकों से हमारा इतिहास सुसज्जित है।इसी प्रकार विद्यार्थी परिषद् स्थापना काल से महिलाओ को सशक्त बनाने के लिए मिशन साहशी,ऋतुमती अभियान,जैसी अनेक कार्यक्रम का आयोजन करते आ रही है। ओर महिलाओ में नेतृत्व क्षमता को बढ़ाने का काम कर रही है
वहीं, वक्ता के अगले कर्म में भौतिकी विभाग की विभागाध्यक्ष डॉ. सुधा सिंह ने कहा कि भारत देश में स्त्री हमेशा शक्ति की रूप मानी गई और पुरुष तभी सम्पूर्ण माना गया जब उसके अंदर स्त्रित्त्व भाव की उपस्थिति रही हो और यही कारण है कि शिव भी अर्धनारीश्वर के रूप में ही संपूर्ण माने जाते हैं। अगर हम प्राचीन काल से लेकर अब तक का भारत को देखते हैं तो स्त्री हमेशा इस समाज में प्रमुख भूमिका में रही है, हम सभी कभी भी कल्पना चावला को नही भूल सकते।भारत की इस बेटी ने पूरी दुनिया में भारत का मान बढ़ाया। राफेल जैसे लड़ाकू विमान को उड़ाने वाली पायलट शिवांगी सिंह के शौर्य और साहस को हम सबने देखा है। आज की युवा पीढ़ी के लिए वह प्रेरणा स्रोत है लेफ्टिनेंट जनरल माधुरी कानिटकर जैसी महिलाएं अपनी कार्यकुशलता एवं परिश्रम के आधार पर महिलाओं की रॉल मोडल बानी है।और सभी को इन से सिख लेने की आवश्कता है।
मौके पर विशाल सिंह,रोहित दुबे,रोमा तिर्की,अनुराधा पांडेय, भावना सिंह,अनिकेत, प्रेम प्रतीक, आशीष दुबे, रुपुंजय,रिमझिम, साक्षी ,प्रियंका, रेखा, मधु, सुमन,अंचल,ललिता,सोना, पल्लवी,सुधा एवं सैकड़ो की संख्या में छात्रा एवम परिषद् कार्यकर्ता उपस्थित रहे।
अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस पर अभाविप की संगोष्ठी आयोजित
Sourceनवल किशोर सिंह