Monday, April 29, 2024
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मज़दूरी नहीं मिलने के कारण झारखंड के मज़दूर पलायन को मजबूर, भाजपा के मंत्रियों/सांसदों को चुल्लू भर पानी में डूब मरना चाहिए – विजय नायक

राज्य के मनरेगा मजदूरों को तीन माह से नहीं मिली मजदूरी, केंद्र नहीं दे रहा 355 करोड़, 11लाख,7हजार,800 रुपया फिर भी भाजपा के सांसद-मंत्री कुंभकर्णी निद्रा में सोए हुए है ।

राँची:

झारखंडी सूचना अधिकार मंच के केंद्रीय अध्यक्ष सह हटिया विधानसभा चुनाव क्षेत्र के पूर्व प्रत्याशी विजय शंकर नायक ने आज कहा की केंद्र में राज्य की ओर से सबसे अधिक भाजपा के सांसद ही हैं और तो और केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी तीन मंत्री भी झारखंड से हैं। इसके बाद भी राज्य के मनरेगा के गरीब गुरवा मजदूरों के भुगतान के लिए केंद्र से राशि आवंटित नहीं हो पा रही है ।ऐसे में इन सांसदों को शर्म से चुल्लू भर पानी में डूब कर मर जाना चाहिए ।
श्री नायक ने राज्य के मनरेगा मजदूरों को तीन माह से मजदूरी भुगतान नही होने पर आक्रोश व्यक्त करते हुए कहा की केंद्र में बैठी भाजपा की सरकार झारखंड के साथ सौतेला व्यवहार कर भेदभाव की नीति अपना रही है। जिसके कारण आज 355 करोड़ 11लाख,7हजार,800 रुपया मजदूरों के बकाया राशि केंद्र नहीं दे रहा। फिर भी भाजपा के सांसद-मंत्री राज्य के मजदूरों के बकाया भुगतान के सवाल पर मुखर नहीं हो रहे है। जो राज्य के गरीब गुरबा मजदूरों के साथ अन्याय है और चिंता का विषय है ।
ग्रामीण इलाकों में रोजगार उपलब्ध कराने वाली महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी (MNREGA) योजना में झारखंड के मजदूरों की मजदूरी का भुगतान तीन माह से रुका हुआ है। केंद्र में राज्य की ओर से सबसे अधिक जनप्रतिनिधि भाजपा के ही हैं। केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी तीन मंत्री झारखंड से हैं। इसके बाद भी राज्य के मनरेगा मजदूरों के भुगतान के लिए केंद्र से राशि आवंटित नहीं हो पा रही है। झारखंड के भाजपा सांसद इसके लिए आवाज नहीं उठा रहे हैं।
श्री नायक ने आरोप लगाते हुए कहा की केंद्र की भाजपा सरकार एक साजिश के तहत राज्य में मनरेगा योजना को फ़्लॉप करने की दिशा में कार्य कर रही है। मजदूरी समय पर नही मिलने के कारण ग्रामीण मज़दूर मनरेगा में काम नही करना चाह रहे है। इसके दुष्परिणाम स्वरूप गांव के लोग पलायन होने को मजबूर हो रहे है। आज बकाया मजदूरी की राशि 355 करोड़ से अधिक हो गयी है। सूबे के मनरेगा मजदूर को अपनी जरूरत पूरी करने के लिए सेठ साहूकार से पैसे लेकर कर्ज के दलदल में फँसने को विवश होना पड़ रहा है । राज्य में कोरोना काल में मजदूरों को मनरेगा में काम के लाले पड़े हैं, दूसरी ओर बकाये पैसे का भी भुगतान नहीं हो रहा है। मनरेगा मजदूर परेशान हैं। राज्य में मजदूरी भुगतान दो माह से बंद है। इसके कारण मनरेगा मजदूरों के समक्ष आर्थिक संकट उत्पन्न हो गया है। इस समय मजदूरी मद में राज्य के मनरेगा मजदूरों का 355 करोड़, 11 लाख, 7 हजार 800 रूपये बकाया है।
झारखंड में मनरेगा का एक आंकड़ा चौंकाने वाला है। सरकारी मनरेगा वेबसाइट के अनुसार 23 लाख 91 हजार 84 ट्रांजेक्शन के माध्यम से 1 लाख 45 हजार 993 रुपया का फंड रिलीज ऑर्डर जारी किया जा चुका है। जिसमें 355 करोड़, 11 लाख,7 हजार 800 रूपये मजदूरी मद में भुगतान किया जाना है। यह लंबित भुगतान अप्रैल 2021 से 14 अगस्त 2021 तक का है।
झारखंड के किन जिलो में कितनी मजदूरी बकाया है
बोकारो – 150291964 रुपया

चतरा – 182397479 रुपया।

देवघर – 260184250 रुपया

धनबाद – 114992906 रुपया

दुमका – 144804160 रुपया

ईस्ट सिंहभूम – 150251876 रुपया

गढ़वा – 26 137 9397 रुपया

गिरिडीह – 340 72 3001 रुपया

गोड्डा – 15924 51 49 रुपया

गुमला – 1168 29 184 रुपया

हजारीबाग – 144 998 0183 रुपया

जामताड़ा – 16 33 3 7 19 रुपया

खूंटी – 721 509 74 रुपया

कोडरमा – 97198856 रुपया

लातेहार – 118654254 रुपया

लोहरदगा – 38739129 रुपया

पलामू – 219656505 रुपया

पाकुड़ – 127316078 रुपया

रामगढ़ – 8079 7797 रुपया

रांची – 129 41 2470 रुपया

साहिबगंज – 155 91 4069 रुपया

खरसावां – 115178738 रुपया

सिमडेगा – 9931 213 2 रुपया

वेस्ट सिंहभूम – 10750 2118 रुपया

विजय नायक ने देश के प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी एवं राज्य के मुख्यमंत्री श्री हेमंत सोरेन से मांग किया की वे व्यक्तिगत स्तर पर गरीब मनरेगा मजदूरों का भुगतान दिलाने की दिशा में सकारात्मक पहल कर इन मजदूरों का भुगतान जल्द से जल्द कराएँ।

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