झारखंड में किसानों की दशा और दिशा सुधारने के लिए मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा किए गए प्रयास सराहनीय हैं। राज्य सरकार द्वारा ऋण माफी योजना से सूबे के किसानों को काफी राहत पहुंची है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के नेतृत्व वाली सरकार ने अपने वादे के मुताबिक किसानों के पचास हजार रुपए तक के ऋण को माफ कर दिया है। इससे राज्य के तकरीबन साढ़े चार लाख किसान लाभान्वित हुए। इस योजना पर राज्य सरकार ने लगभग 1700 करोड रुपए व्यय किए हैं। गौरतलब है कि विगत दो साल से लगातार राज्य में सुखाड़ की स्थिति रही। इसे गंभीरता से लेते हुए राज्य सरकार ने किसानों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतरने में सफलता पाई। विगत वर्ष फसल राहत योजना के तहत किसानों को 35 सौ रुपए की राशि दी गई थी। इस वर्ष भी राज्य के 158 प्रखंडों में सुखाड़ की स्थिति है। राज्य सरकार ने इस साल किसानों को राहत देने के लिए चार हजार रुपए तक की सहायता राशि देने का प्रावधान किया है। इसके लिए राज्य के 14.28 लाख किसानों ने अपना पंजीयन भी कराया है।
हेमंत सरकार किसानों को राहत देने की योजना पर व्यापक रूप से कार्य कर रही है। राज्य में किसान क्रेडिट कार्ड ऋण लेने वाले किसानों की राशि पर लगने वाले ब्याज का भुगतान भी राज्य सरकार ने करने का निर्णय लिया है। यह एक क्रांतिकारी कदम है। इसका लाभ वैसे किसानों को मिलेगा जो 31 मार्च 2024 तक केसीसी ऋण की सारी किस्तों का भुगतान कर दिया हो। ज्ञात हो कि राज्य में लगभग 19 लाख किसान केसीसी धारक हैं।इस साल केसीसी लोन के रूप में राज्य के किसानों ने दस हजार करोड़ रुपए का कर्ज लिया है। जिसके ब्याज की राशि सरकार की ओर से चुकता की जाएगी।
वहीं, राज्य में लगातार सुखाड़ की स्थिति को देखते हुए किसानों को राहत योजना के साथ-साथ बीज भी 90 प्रतिशत अनुदान पर उपलब्ध कराया गया। इस वर्ष रबी फसल में गेहूं, चना और तिलहन के बीच 90 प्रतिशत अनुदान पर किसानों को दिए गए। इसके लिए राज्य सरकार को करीब 36 करोड़ रुपए का अतिरिक्त खर्च करना पड़ा।
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने सुखाड़ को देखते हुए पारंपरिक खेती के बजाय वैकल्पिक कृषि पर भी बल दिया है। फसल राहत योजना के तहत 14 लाख किसानों को सहायता राशि का प्रावधान किया गया। पशुधन विकास योजना की शुरुआत की गई। इसके तहत किसानों को पशु वितरित किए गए। किसानों के बीच दुधारू गायों का वितरण जारी है। राज्य के किसानों को डीबीटी के माध्यम से 60हजार रुपए तक का अनुदान दिया जा रहा है। इसके लिए राज्य सरकार ने 300 करोड़ रुपए का बजटीय प्रावधान भी किया है।
कुल मिलाकर कहा जाए तो मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने राज्य के कृषकों, पशुपालकों, मत्स्य पालकों की दशा और दिशा सुधारने के लिए कई कल्याणकारी योजनाओं को धरातल पर उतारा है, जिससे किसान लाभान्वित हो रहे हैं। राज्य सरकार ने कृषि क्षेत्र में उपलब्धियों का एक नया कीर्तिमान स्थापित किया है।
किसानों की कर्ज माफी योजना से हजारों किसान हुए लाभान्वित
मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के चार वर्षों का कार्यकाल: भाग-3