राँची में फर्जी पॉवर ऑफ़ एटोर्नी से बेची जमीन, CID ने 2 को किया गिरफ्तार

गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए सीआईडी के इन्स्पेक्टर शिव गोप ने बताया कि संतोष साहू और विकास साहू की क्या भूमिका है यह पता किया जा रहा है.

राँची में फर्जी पॉवर ऑफ़ एटोर्नी से बेची जमीन, CID ने 2 को किया गिरफ्तार

बंगाल रजिस्ट्री कार्यालय से कराई गयी फर्जी पॉवर ऑफ अटॉर्नी के आधार पर रांची में जमीन बेचने के मामले में सीआईडी ने दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है. सीआईडी ने संतोष साहू और विकास साहू को रांची के पिठोरिया थाना क्षेत्र से गिरफ्तार किया है. दोनों से पूछताछ की जा रही है. गिरफ्तारी की पुष्टि करते हुए सीआईडी के इन्स्पेक्टर शिव गोप ने बताया कि संतोष साहू और विकास साहू की क्या भूमिका है यह पता किया जा रहा है.

6 लोगों की गिरफ़्तारी 

अब तक इस केस में छह लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. जिस जमीन की बंगाल के पॉवर ऑफ अटॉर्नी को आधार बना कर खरीद-बिक्री की गयी है वह रांची के पिठोरिया इलाके के जमुआरी मौजा में स्थित है. जिसका खाता नंबर 10,11,33,29 और प्लॉट नंबर138,139,140,142,160,161 और 162 है. रांची में स्थित जमीन की पावर ऑफ एटॉर्नी चौबीस परगना, पश्चिम बंगाल की रजिस्ट्री कार्यालय में 19 अप्रैल 2023 को हुई है.

पिठोरिया थाना में वर्ष 2023 में केस दर्ज हुआ

उल्लेखनीय है कि जमीन खरीद-बिक्री में फर्जीवाड़ा को लेकर जमीन पर खुद का मालिकाना हक बताने वाले प्रशांत घोष के भाई सुशांत घोष की शिकायत पर पिठोरिया थाना में वर्ष 2023 में केस दर्ज हुआ था. इस केस को बाद में पुलिस से टेकओवर कर सीआइडी ने अनुसंधान शुरू किया था. दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि विमल सिंघानिया ने साजिश के तहत प्रशांत घोष की जगह किसी फर्जी व्यक्ति का इस्तेमाल कर उनकी जमीन की पावर ऑफ एटॉर्नी ले ली. उसके आधार पर प्रशांत घोष की जमीन की खरीद-बिक्री की गयी.

मुख्य आरोपी को CID जेल भेज चुकी है 

इस केस में सीआइडी कुछ आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज चुकी है. सीआइडी को केस के अनुसंधान के दौरान इस बात की जानकारी मिली थी कि जमीन खरीद-बिक्री में मुख्य भूमिका अशोक सिंह ने निभायी थी. उसने ही प्रशांत घोष के नाम पर दूसरे आदमी को खड़ा कर जमीन का फर्जी पावर ऑफ एटर्नी तैयार कराया था. जमीन खरीदने वाले को फर्जी प्रशांत घोष से भी अशोक सिंह ने मिलवाया था. पैसे का भुगतान जमीन खरीदने वालों ने अशोक सिंह को किया था. इसके बाद सीआइडी की एक टीम ने पिछले माह अशाेक सिंह को गिरफ़्तार कर जेल भेज दिया है.