मोदी मंत्रिमंडल के विस्तार की क़वायद शुरू , आर सी पी सिंह,ललन सिंह,सुशील मोदी,राणे,दुग्गल,सोनोवाल जैसे नामों की चर्चा
मंत्रिपरिषद में जो शामिल किए जा सकते हैं - उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा, राकेश सिंह, नारायण राणे, हिना गावित, संध्या राय, सुनीता दुग्गल, जदयू नेता आरसीपी सिंह, ललन सिंह व संतोष कुमार आदि के नाम चर्चा में है।
इस सप्ताह के आख़िरी तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपनी मंत्रिपरिषद का विस्तार कर सकते हैं। लगभग डेढ़ दर्जन नए मंत्रियों विस्तार में को शामिल किए जाने की संभावना है। अतिरिक्त प्रभार और इससे ज्यादा मंत्रालय संभाल रहे कई मंत्रियों के बोझ को कम किया जा सकता है। आगामी विधानसभा चुनाव वाले राज्यों का फेरबदल में विशेष ध्यान रखा जाएगा।
नए लोगों को मिल सकती है जगह
सूत्रों के अनुसार मंत्रिपरिषद में जो शामिल किए जा सकते हैं – उनमें असम के पूर्व मुख्यमंत्री सर्वानंद सोनोवाल, बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी, सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया, बैजयंत पांडा, राकेश सिंह, नारायण राणे, हिना गावित, संध्या राय, सुनीता दुग्गल, जदयू नेता आरसीपी सिंह, ललन सिंह व संतोष कुमार आदि के नाम चर्चा में है। १० जुलाई तक कभी भी मंत्रिपरिषद विस्तार का फैसला लिया जा सकता है। सहयोगी दलों को विस्तार में शामिल कर राजग को मजबूत करने की कोशिस की जाएगी। जदयू को भी इस बार केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किए जाने की सम्भावना है । इनके अलावा अन्नाद्रमुक, अपना दल को भी जगह मिल सकता है। क्षेत्रीय संतुलन को साधने के लिए दूरदराज के राज्य और केंद्र शासित राज्यों के प्रतिनिधियों को भी शामिल किए जाने की संभावना है।
वर्तमान में मोदी मंत्रिमंडल में कुल ५३ मंत्री हैं
गौरतलब है कि प्रधानमंत्री मोदी के मौजूदा सरकार में कुल ५७ मंत्री बनाए गए थे। जिसमें २४ कैबिनेट, ९ स्वतंत्र प्रभार तथा २४ राज्यमंत्री शामिल थे। हालांकि इनमें से कई मंत्रियों के पास एक से अधिक मंत्रालय हैं। रामविलास पासवान के निधन और शिवसेना एवं अकाली दल का गठबंधन टूटने होने के बाद कैबिनेट मंत्रियों की संख्या २१ रह गई। है। एक राज्यमंत्री का भी निधन हुआ। इस प्रकार अभी कुल 53 मंत्री ही हैं । जबकि संविधान के अनुसार मंत्रिमंडल में ७९ मंत्री हो सकते हैं। बीते एक साल से कोरोना संकट के कारण मंत्रिमंडल विस्तार की स्थितियां नहीं बन पाई थी। लेकिन अब मोदी सरकार टीम को बढ़ाने की तैयारी में है।
कई मंत्रियों का बोझ कम होगा
मौजूदा आधा दर्जन मंत्रियों के इस फेरबदल से प्रभावित होने की संभावना है। अभी केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के पास चार मंत्रालय (ग्रामीण विकास, पंचायती राज, कृषि और खाद्य प्रसंस्करण) हैं। अकाली दल की नेता हरसिमरत कौर के इस्तीफे के बाद खाद्य प्रसंस्करण मंत्रालय इन्हें अतिरिक्त प्रभार के रूप में मिला हुआ है। रविशंकर प्रसाद, डॉ हर्षवर्धन, प्रकाश जावड़ेकर, पीयूष गोयल और प्रहलाद जोशी तीन-तीन मंत्रालय का कामकाज संभाल रहे हैं । प्रकाश जावड़ेकर को शिवसेना के अरविंद सावंत के सरकार से अलग होने के बाद भारी उद्योग मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार मिला हुआ है, जबकि रामविलास पासवान के निधन के बाद पीयूष गोयल को उपभोक्ता और खाद्य मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार दिया गया है।
कई मंत्रियों के पास दो-दो मंत्रालय
आयुष मंत्रालय का कामकाज (बीमार चल रहे केंद्रीय राज्य मंत्री स्वतंत्र प्रभार श्रीपाद नायक के बदले) किरण रिजिजू देख रहे हैं। खेल और युवा मंत्रालय रिजिजू के पास पहले से ही है। संस्कृति और पर्यटन मंत्रालय स्वतंत्र प्रभार वाले मंत्री प्रहलाद पटेल के पास हैं। हरदीप सिंह पुरी आवास और शहरी विकास के साथ नागरिक उड्डयन मंत्रालय भी देख रहे हैं। नितिन गडकरी, निर्मला सीतारमण, स्मृति ईरानी और धर्मेंद्र प्रधान के पास दो-दो मंत्रालय हैं।
सहयोगी दलों की मंत्रिमंडल में मिल सकता है मौका
भाजपा के सहयोगी दलों से मोदी सरकार में अभी एक भी कैबिनेट मंत्री नहीं है। सहयोगी दलों में एकमात्र रिपब्लिकन पार्टी के रामदास अठावले राज्य मंत्री हैं। ऐसे में बाक़ी अन्य सहयोगी दलों को भी विस्तार में जगह दी जा सकती है। सूत्रों के अनुसार इस महीने के आखिर में या अगले महीने की शुरुआत में मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का पहला विस्तार किया जा सकता है। जदयू , अन्नाद्रमुक, अपना दल और लोजपा के नए धड़े को भी जगह मिल सकती है।