अब अंतरिक्ष पर होगा चीन का राज, चीन ने शुरू किया मिशन, अमेरिका में हलचल तेज
अब तक सिर्फ सेना के एस्ट्रोनॉट ही अंतरिक्ष भेजे गए, पहली बार स्पेस में भेजा आम नागरिक।
चीन ने अपना मिशन आज सुबह 9:31 पर जिउगुआन सैटेलाइट सेंटर से लॉन्च किया। जिसके द्वारा चीन की कम्यूनिस्ट सरकार ने पहली बार किसी आम नागरिक को अंतरिक्ष में भेजा है। अभी तक अंतरिक्ष में चीन की तरफ से सिर्फ सेना के एस्ट्रोनॉट्स ही भेजे गए हैं।
चीन की स्पेस एजेंसी ने जानकारी देते हुए बताया कि इस मिशन पर जाने के लिए बीजिंग की यूनिवर्सिटी ऑफ एयरोनॉटिक्स और एस्ट्रोनॉटिक्स के प्रोफेसर गुई को चुना गया है। वहीं, मिशन के कमांडर जिंग हाइपेंग हैं, जो पीपल्स लिबरेशन आर्मी से हैं। इस मिशन में दोनों के अलावा एक इंजीनियर झू यांगझू भी शामिल हैं । एक रिपोर्ट के मुताबिक, पांच महीने के इस मिशन पर तीनों एस्ट्रोनॉट्स रवाना हो चुके हैं। इस मानवयुक्त अंतरिक्ष यान को शेनझोउ XVI नाम दिया गया है।
चीन के सैटेलाइट लॉन्चिंग सेंटर जहां से मिशन लॉन्च हुआ।
2030 तक चांद पर पहुंचने की योजना
चीन ने 2030 तक चांद पर पहुंचने की तैयारी कर रहा है। इसके लिए चीन की मिलिट्री के स्पेस प्रोग्राम पर कई बिलियन खर्च किए जा चुके हैं। एक न्यूज वेबसाइट के मुताबिक चीन स्पेस रेस में अमेरिका और रूस की बराबरी करना चाहता है। पिछले साल चीन ने अपना तीसरा परमानेंट स्पेस स्टेशन बनाने का काम पूरा कर लिया था। जिसे तियानगोंग नाम दिया गया है। इसे लॉन्च करने के बाद 10 साल तक धरती के ऑर्बिट में रखा जाएगा। जिससे सबसे लंबे वक्त तक इंसान के स्पेस में रहने का रिकॉर्ड बनेगा। 2011 में अमेरिका ने अपनी स्पेस एजेंसी नासा को चीन की स्पेस एजेंसी के साथ काम करने से इनकार कर दिया था। तब से चीन इंटरनेशनल स्पेस स्टेशन से बाहर है।
यह तस्वीर चीन की अंतरिक्ष भेजी गई टीम की है।
अंतरिक्ष पर कब्जा कर सकता है चीन
नासा के अधिकारी बिल नेल्सन ने पॉलिटिको नाम की वेबसाइट को दिए इंटरव्यू में कहा था कि चीन चांद के एक हिस्से पर साइंटिफिक रिसर्च फैसिलिटी बना रहा है। आशंका इस बात की है कि चीन बाद में इस इलाके पर कब्जा कर सकता है। ऐसी आशंका इसलिए भी है, क्योंकि अंतरिक्ष के नियम पहले आओ, पहले पाओ की तरह काम करते हैं।
अमेरिका को पीछे छोड़ सकता है चीन का स्पेस मिशन
US स्पेस फोर्स की चीफ ऑफ स्टाफ निना आर्मागनो ने 2022 के नवंबर में दावा किया था कि चीन आर्थिक फायदे और स्ट्रैटेजिक वजहों से स्पेस रेस को जीतने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका को डर है कि अगर चीन अपने सभी मिशन में कामयाब होता है तो वो स्पेस रेस में उनको पीछे छोड़ देगा । इसके अलावा अमेरिका को ये भी डर है कि कहीं चीन अंतरिक्ष में अपने सैन्य ठिकाने बनाना शुरू न कर दे। इंडो-पैसिफिक सेंटर फॉर स्ट्रैटेजिक कम्युनिकेशन (आइपीसीएससी) की रिपोर्ट के अनुसार चीन अपने अंतरिक्ष कार्यक्रम के जरिए खुद को सैन्य, आर्थिक और तकनीकी शक्ति में बदलने का प्रयास कर रहा है। वहीं, यूएस स्पेस फोर्स की चीफ ऑफ स्टाफ निना आर्मागनो ने 2022 के नवंबर में दावा किया था कि चीन आर्थिक फायदे और स्ट्रैटेजिक वजहों से स्पेस रेस को जीतने की कोशिश कर रहा है। अमेरिका को डर है कि अगर चीन अपने सभी मिशन में कामयाब होता है तो वो स्पेस रेस में उनको पीछे छोड़ देगा। इसके अलावा अमेरिका को ये भी डर है कि कहीं चीन अंतरिक्ष में अपने सैन्य ठिकाने बनाना शुरू न कर दे।
2025 से चंद्रमा पर स्टेशन बनाने की शुरुआत
एक रिपोर्ट के अनुसार, चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास चीन स्वायत्त चंद्र अनुसंधान स्टेशन बनाने की भी योजना बना रहा है, जिसके 2025 में शुरू होने की उम्मीद है। चीन आर्थिक लाभ और रणनीतिक कारणों से अंतरिक्ष युद्ध जीतने की कोशिश में है। रिपोर्ट में दावा किया गया है कि चाइना एयरोस्पेस साइंस एंड टेक्नोलाजी कॉरपोरेशन (सीएएससी) के अध्यक्ष वू यानशेंग ने 20 दिसंबर को चीन के अंतरिक्ष विकास लक्ष्यों को रेखांकित किया था। चीन 2023 में 60 से अधिक अंतरिक्ष मिशनों के साथ 200 से अधिक अंतरिक्ष यान लांच करने की योजना बना रहा है। रिपोर्ट में कहा गया है कि चीन और रूस के पास पहले से ही ”खतरनाक उपग्रह” हैं जो अमेरिकी उपग्रहों को नष्ट कर सकते हैं और कहर बरपा सकते हैं।
एक नजर अंतरिक्ष में चीन के इतिहास पर
- 4 अक्तूबर 1957 : सोवियत यूनियन ने इतिहास का पहला सेटेलाइट लॉंच किया
- 24 अप्रैल 1970 : चीन ने अपना पहला सैटेलाइट डोंग फांग होंग सफलतापूर्वक लॉंच किया
- 2003 : चीन ने पहली बार अंतरिक्ष में इंसान को भेजने में सफलता पाई और यह उपलब्धि हासिल करनेवाला दुनिया का तीसरा देश बना।
- 30 मई 2023 : चीन ने पहली बार अंतरिक्ष में आम नागरिक को भेजा।