जागरूकता और सतर्कता से जीत सकते हैं कोरोना के खिलाफ जंग : तुषार कांति शीट
रांची। वैश्विक महामारी कोरोना (कोविड-19) का बढ़ता संक्रमण मानव समुदाय के लिए गंभीर खतरा बना हुआ है। कोरोना से पीड़ित मरीजों की संख्या में हो रही वृद्धि को देखते हुए यह अनिवार्य प्रतीत होने लगा है कि संक्रमण फैलने के कारणों का पता लगाकर इसके निवारण हेतु अविलंब ठोस कदम उठाए जाएं। इस संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई पहल सराहनीय है। गौरतलब है कि प्रधानमंत्री ने कोरोनावायरस महामारी की स्थिति की गहन समीक्षा की है और इस रोग की तह तक जाने व इसे जड़ से समाप्त करने की दिशा में आवश्यक कदम उठाने की राज्य सरकारों से भी अपील की गई है। केंद्र सरकार ने इस ओर जो गंभीरता दिखाई है, उसके बाद भी राज्य सरकारें नए सिरे से कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सक्रियता से नहीं लगे, तो स्थिति भयावह हो सकती है। हालांकि भारत में कोरोना वायरस की चपेट में आए लोगों की मृत्यु दर अन्य देशों की तुलना में कम है, लेकिन मौत का शिकार हो रहे लोगों की संख्या भी कम नहीं है। यह चिंतनीय है कि कोरोना वायरस के संक्रमण को काबू करने के लिए लोगों को जैसी सावधानियां बरतनी चाहिए, वह नहीं हो पा रहा है। लोगों की लापरवाही के कारण संक्रमण तेजी से बढ़ रहा है। शायद इसी स्थिति को देखकर प्रधानमंत्री को यह कहना पड़ गया कि कोरोना के खिलाफ जागरूकता बढ़ाए जाने की अत्यंत आवश्यकता है। निसंदेह इस दिशा में जागरूकता तभी बढ़ेगी, जब प्रशासन लापरवाह लोगों के खिलाफ सख्ती बढ़ाएगी। लाॅकडाउन से बाहर निकलने का यह अर्थ लगाना कि सब कुछ पहले जैसा सामान्य हो गया है, ऐसा बिल्कुल नहीं समझना चाहिए। कई राज्य सरकारों को लाॅकडाउन नए सिरे से लागू करना पड़ रहा है। लाॅकडाउन की यह वापसी गंभीर स्थिति की सूचक है। देश के विभिन्न इलाकों में लॉकडाउन की वापसी से एक बार फिर कारोबारी गतिविधियों को गति देने की कोशिशों पर पानी फेरने जैसे हालात उत्पन्न हो गए हैं। इन परिस्थितियों के मद्देनजर बेहतर होगा कि राज्य सरकारें और विशेषकर प्रशासन इस दिशा में सख्त कदम उठाए।
एक तरफ कोरोना के खिलाफ जंग जीतने में शासन ने अपनी पूरी ताकत झोंक दी है। वहीं, जनता का असहयोगात्मक रवैया कोरोना संक्रमण से जंग जीतने में बाधक बन रहा है। इसमें कोई शक नहीं कि कुछ लोगों की लापरवाही के कारण संक्रमण फैल रहा है। सरकारी स्तर पर वैश्विक आपदा से निपटने के लिए किए जा रहे तमाम प्रयासों के बावजूद कोरोनावायरस के फैलते संक्रमण पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। कोरोना वायरस मानव जीवन के लिए बहुत बड़ी चुनौती साबित हो रही है। ऐसे में किसी तरह की अव्यवस्था और लापरवाही सरकार के उद्देश्यों पर पानी फेर देगी। इसके लिए जिम्मेदार पदाधिकारियों और कर्मियों को भी अपने-अपने क्षेत्रों में पूरी प्रतिबद्धता से कर्त्तव्यों को निभाने की आवश्यकता है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने के लिए सरकार और प्रशासन को सख्ती बरतने की जरूरत है। लोगों को बिना मास्क घर के बाहर निकलने पर रोक लगानी होगी। यह स्पष्ट हो चुका है कि लोगों की लापरवाही के कारण देश के विभिन्न राज्यों में कोरोना का संक्रमण तेजी से फैल रहा है। कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए सबसे बेहतर तरीका जागरूकता और सावधानी है। केंद्र और राज्य सरकार से लाॅकडाउन में छूट मिलने के बाद जागरुकता में कमी आई और इसी कारण मामले भी बढ़े हैं। कई जगहों पर कोरोना के प्रति जागरूकता का अभाव देखने को मिल रहा है। इसके लिए लोगों को जागरूक करना आवश्यक है। कोरोना वायरस के संक्रमण को रोकने में सहायक बनें। इसके लिए सरकार और प्रशासन को भी सख्ती बरतनी होगी। संक्रमित मरीजों का बढ़ता आंकड़ा खतरे की घंटी बजा रहा है। लोगों को बिना मास्क के बाहर निकलने पर रोक लगाने के लिए और अधिक सख्ती बरतना जरूरी है। तभी हम कोरोना के खिलाफ जारी जंग जीतने में सफल हो सकते हैं। इसमें प्रशासनिक स्तर से जारी दिशा-निर्देशों का शत-प्रतिशत अनुपालन सुनिश्चित कराने के अलावा व्यापक जन जागरूकता की भी नितांत आवश्यकता है।
बहरहाल, दुनिया के लिए यह बीमारी गंभीर चुनौती बनी हुई है। कोविड-19 के संक्रमण को रोकने के लिए अभी तक कोई कारगर दवा का इजाद नहीं हो पाना काफी चिंताजनक है। हालांकि इसके लिए वैक्सीन तैयार करने में कई कंपनियां प्रयासरत है।
*(लेखक श्रीरामकृष्ण सेवा संघ के सहायक सचिव और जाने-माने समाजसेवी हैं)