‘एक देश एक चुनाव’ के लिए बनी समिति, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे अध्यक्ष

आज़ादी के बाद से कुछ समय तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए जाते थे लेकिन बाद में इसे खत्म करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग कराया जाने लगा।

‘एक देश एक चुनाव’ के लिए बनी समिति, पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद होंगे अध्यक्ष

पूरे देश में एक साथ ही चुनाव कराने को लेकर केंद्र की मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। मोदी सरकार ने ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर एक समिति बनाई है। भारत के पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद को इस समिति का अध्यक्ष बनाया गया है। भारत सरकार जल्द ही इसपर आधिकारिक नोटिफिकेशन भी जारी कर देगी। यह समिति ‘एक देश-एक चुनाव’ के मुद्दे पर विचार करने के बाद भारत सरकार को अपनी रिपोर्ट सौंपेगी। इसके बाद ही यह तय होगा कि आने वाले समय में क्या सरकार लोकसभा चुनाव के साथ ही सभी राज्यों में विधानसभा के चुनाव कराने की तैयारी करेगी या नहीं। 

अगर देश में “एक देश-एक चुनाव” का फैसला लागू होता है, तो सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव एक साथ ही कराए जाएंगे। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी कई मौकों पर इसके पक्ष में जोर-शोर से आवाज़ उठा चुके हैं और अब देश में इसको लेकर एक माहौल भी बन रहा है। जनता भी बार-बार के चुनावी प्रक्रिया से तंग आ चुकी है। आम जनता भी चाहती है कि देश में सभी तरह के चुनाव एक साथ ही कराए जाएँ। कुछ समय पहले ही लॉ कमिशन ने “एक देश एक चुनाव” पर आम लोगों की राय भी मांगी थी।

आज़ादी के बाद से कुछ समय तक लोकसभा और विधानसभा के चुनाव एक साथ ही कराए जाते थे लेकिन बाद में इसे खत्म करके विधानसभा और लोकसभा चुनाव को अलग-अलग कराया जाने लगा। देश में लोकसभा चुनाव और राज्यों के विधानसभा चुनाव एक साथ कराने को लेकर पहले से ही कई तरह की अटकलबाजी लगती रही है। केंद्र सरकार ने 18-22 सितंबर तक संसद का विशेष सत्र बुलाया है। माना जा रहा है कि सरकार इस दौरान एक देश एक चुनाव को लेकर बिल भी ला सकती है।

वहीं जानकारों का यह भी कहना है कि केंद्र सरकार कई ऐसे विधेयकों को पारित कराने की तैयारी में है जो लम्बे समय से लंबित है। चूँकि अब शीतकालीन सत्र ही इस सरकार के कार्यकाल का अंतिम पूर्ण सत्र होगा। इसलिए उसके पहले मोदी सरकार कुछ बड़े बदलावों वाले विधेयकों को पारित कराने की तैयारी में है। साथ ही अगर समय से पूर्व लोकसभा के चुनाव होते हैं तो उसके लिए बेहद जरूरी है कि केंद्र सरकार अपने कुछ अंतिम निर्णयों को अंतिम रूप दे दे। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी पहले ही आशंका जाहिर कर चुके हैं कि देश में समय से पूर्व लोकसभा का चुनाव हो सकता है। ऐसे में संभव है कि लोकसभा चुनाव के साथ ही “एक देश एक चुनाव” को लेकर कोई बड़ा निर्णय लिया जाए।