विश्व पर्यावरण दिवस पर शब्दवीणा की बेगूसराय जिला समिति ने आयोजित की काव्यगोष्ठी, साहित्यकारों एवं वक्ताओं ने पर्यावरण की महत्ता पर अपने विचार रखे
विश्व पर्यावरण दिवस पर शब्दवीणा की बेगूसराय जिला समिति ने आयोजित की काव्यगोष्ठी

गयाजी। शब्दवीणा की बेगूसराय जिला समिति, बिहार द्वारा राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी के निर्देशन में एवं बेगूसराय जिला अध्यक्ष सत्यजीत सोनू व जिला संरक्षक देवनीति राय की देखरेख में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर कुमार पुस्तकालय पिढ़ौली, बेगूसराय में 'चलो लगायें मिलकर पौधे' विषय पर काव्यगोष्ठी का आयोजन किया गया। "स्वयं स्वच्छ रहें, पर्यावरण को स्वच्छ रखें तथा अंतर्मन को भी स्वच्छ रखें" विषय पर विचारगोष्ठी भी आयोजित की गयी, जिसमें रचनाकारों ने अपनी स्वरचित रचनाओं द्वारा छात्र-छात्राओं को आत्मविश्लेषण, आत्मसुधार तथा पर्यावरण संरक्षण हेतु प्रेरित किया। काव्यगोष्ठी की अध्यक्षता रामशंकर कुंवर ने की तथा कार्यक्रम का संचालन जिला अध्यक्ष सत्यजीत सोनू ने किया। श्री सोनू ने गणमान्य अतिथियों का सम्मान अंगवस्त्र प्रदान करके किया। शब्दवीणा बेगूसराय जिला संरक्षक देवनीति राय ने छात्र-छात्राओं के समक्ष अपनी कविता 'आम-लीची के पेड़' द्वारा पेड़-पौधों के निःस्वार्थ तथा ईर्ष्याहीन अस्तित्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बच्चों को घर, पर्यावरण के साथ अपने अंतर्मन को भी स्वच्छ रखने की सीख दी।
शब्दवीणा बेगूसराय जिला समिति द्वारा देश के नौनिहालों के बीच जाकर पर्यावरण संरक्षण एवं वृक्षारोपण जैसे महत्त्वपूर्ण विषयों काव्यपाठ करने की पहल पर प्रो. डॉ. रश्मि प्रियदर्शनी, महावीर सिंह वीर, वंदना चौधरी, डॉ. रवि प्रकाश, पी. के. मोहन, प्रो. सुबोध कुमार झा, डॉ गोपाल निर्दोष, आशा दिनकर, निगम राज, डॉ रामसिंहासन सिंह, अजय वैद्य, प्रो. सुनील कुमार उपाध्याय, सुरेश विद्यार्थी, सुरेश गुप्ता, हीरा लाल साव, लक्ष्मी यादव, पल्लवी, रूबी कुमारी, ललित शंकर, डॉ विजय शंकर, सरोज कुमार, डॉ. कनक लता तिवारी एवं अन्य शब्दवीणा साधकों ने हार्दिक खुशी जताते हुए आयोजकों को शुभकामनाएं दीं। शब्दवीणा बेगूसराय जिला समिति के उपाध्यक्ष रजनीश कुमार चौधरी, सचिव कुंवर आर्यन शान्डिल्य, संगठन मंत्री हिमांशु कुमार शंकर कोषाध्यक्ष भीम कुमार, साहित्य मंत्री गोविंद कुमार, प्रचार मंत्री राधेश्याम कुमार ने समिति द्वारा नियमित रूप से ऐसे शैक्षणिक तथा साहित्यिक आयोजनों को करते रहने का संकल्प दुहराया।