मोटरसाइकिल चलाते समय यातायात नियमों का पालन करना कदापि न भूलें
यातायात नियम मोटरसाइकिल चालकों की जान की सुरक्षा के लिए बने हुए हैं। उन नियमों का किसी भी परिस्थिति में कभी भी उल्लंघन नहीं करना चाहिए । मोटरसाइकिल चलाते समय गति सीमा का भी ध्यान में रखना चाहिए ।

देशभर में मोटरसाइकिल चलाते समय बरती जाने वाली लापरवाही के कारण हर दिन सैकड़ो जानें असमय चली जा रही हैं । यह बेहद चिंता की बात है । मोटरसाइकिल का ईजाद लोगों की दूरियों को कम करने के लिए हुआ था, न कि जानें गंवाने के लिए । गत शनिवार को अहले सुबह हजारीबाग जिले में एक दर्दनाक मोटरसाइकिल सड़क हादसे में दो युवकों की जान चली गईं। यह हादसा उस समय हुआ, जब दोनों युवक अपने एक दोस्त का जन्मदिन मना कर घर लौट रहे थे । दोनों युवक झील परिसर से गुजर रहे थे। मोटरसाइकिल काफी तेज थी । तेज गति के कारण मोटरसाइकिल अनियंत्रित होकर एक वृक्ष टकरा गई और घटनास्थल पर ही दोनों की मृत्यु हो गई । दोनों की उम्र लगभग 22 - 23 वर्ष के आसपास रही होगी। इस मोटरसाइकिल दुर्घटना में एक मृतक विशाल केसरी जो अपने मां-बाप का एकलौता पुत्र था। अपने माता-पिता को रोता भी बिलखता छोड़ गया । वहीं इस हादसे का दूसरा मृतक विशाल सिंह ने अपने पूरे परिवार की खुशियां ही छीन लिया । अब सवाल यह उठता है कि इतनी तेज गति से मोटरसाइकिल चलाने की क्या जरूरत थी ? अगर दोनों युवक मोटरसाइकिल चलाते समय यातायात नियमों का पालन किए होते, तब शायद उन दोनों की जान बच सकती थी।
दोनों युवक अगर हेलमेट पहने होते, तब शायद बचने की काफी गुंजाइश होती। इन दोनों ने मोटरसाइकिल चलाते समय यातायात नियमों का पूरी तरह उल्लंघन किया। फलस्वरुप इन दोनों की जानें असमय चली गईं । ये दोनों के सड़क यातायात नियमों के पालन नहीं करने के कारण अपनी जानें गंवा दी । इस मोटरसाइकिल हादसे के बाद उन दोनों के परिवार वालों का क्या हाल हो रहा होगा ? विचार कर मन सिहर उठता है। आए दिन मोटरसाइकिल की दुर्घटनाएं बढ़ती चली जा रही है। इन मोटरसाइकिल दुर्घटनाओं पर रोकना बहुत जरूरी है। ये मोटरसाइकिल दुर्घटनाएं क्यों हो रही हैं ? समाज के सभी वर्ग के लोगों को गंभीरता पूर्वक विचार कर इसके रोकथाम के लिए आगे आना चाहिए।
एक सप्ताह पूर्व शादी का कार्ड बांटने जा रहे एक पिता और पुत्र की मोटरसाइकिल दुर्घटना में मृत्यु हो गई । इस मोटरसाइकिल दुर्घटना की भी मोटा-मोटी यही बातें रही थीं कि दोनों पिता - पुत्र हेलमेट नहीं पहने हुए थे। उन दोनों को कार्ड बांटने की हड़बड़ी थी। शाम ढलने वाला था। उन दोनों को जल्द से जल्द कार्ड बांट कर घर वापस लौटना था। इसी दौरान यह हादसा हो गया और दोनों की जानें चली गईं । दोनों की लाशें और कार्ड वहीं पड़ा रह गया । अब बताइए, जिस घर में इतनी बड़ी हृदय विदारक घटना घट गई हो, उसे परिवार का क्या हाल होगा ?
विचारणीय यह है कि मोटरसाइकिल एक मिशनरी इक्विपमेंट्स है । अगर यह टूट जाए । फूट जाए। इससे थोड़ी आर्थिक हानि जरूर होती है। लेकिन मोटरसाइकिल चलाते समय मोटरसाइकिल सवार अगर घायल हो जाए अथवा इस दुर्घटना में उसकी मृत्यु तक हो जाए तो दोनों ही स्थितियों में परिवार के समक्ष कई संकट उपस्थित हो जाएंगे। इसलिए जरूरी है कि मोटरसाइकिल चलाते समय कदापि हड़बड़ी न करें । यातायात नियमों का पूरी ईमानदारी से पालन करें।
यातायात नियम मोटरसाइकिल चालकों की जान की सुरक्षा के लिए बने हुए हैं। उन नियमों का किसी भी परिस्थिति में कभी भी उल्लंघन नहीं करना चाहिए । मोटरसाइकिल चलाते समय गति सीमा का भी ध्यान में रखना चाहिए । शराब का सेवन कर कभी भी मोटरसाइकिल न चलाएं। आए दिन शराब पीकर मोटरसाइकिल चलाने के कारण दुर्घटनाएं घटित हो रही हैं। चालक कभी भी इतनी तेज गति से मोटरसाइकिल न चलाएं कि सामने कोई अचानक आ जाए और ब्रेक लेते-लेते खुद ही सड़क हादसे का शिकार न बन जाएं । मोटरसाइकिल की गति सीमा हमेशा नियंत्रित में होना होनी चाहिए। चाहे काम कितना भी जरूरी क्यों न हो ? आपकी जान से काम महत्वपूर्ण नहीं है । जब आप जीवित रहेंगे, तब काम दूसरे दिन भी पूरा कर सकते हैं । अगर आप जीवित ही न रहेंगे तो कल काम कौन करेगा ? यह बड़ा अहम सवाल है।
मोटरसाइकिल एक अथवा दो व्यक्तियों के लिए बना हुआ दो पहिया वाहन है । आज कल के युवा एक मोटरसाइकिल में तीन - तीन, चार - चार लोगों को बैठाकर बहुत ही तेज गति से चलाते हुए अक्सर देखें जाते हैं । अगर मोटरसाइकिल चलाने में थोड़ी सी भी अनबैलेंस हो जाए तो मोटरसाइकिल पर सवार सभी लोगों की जाने जा सकती हैं । इस तरह की कई घटनाएं आए दिन घटित हो रही है। अक्सर यह देखा जाता है कि मोटरसाइकिल पर सवार तीन - चार युवकों के अनियंत्रित होने के कारण उन सबों की जानें चली गईं । इसलिए मोटरसाइकिल चलाते समय यह ध्यान देना जरूरी है कि एक अथवा दो व्यक्ति से ज्यादा कभी न बैठें ।मोटरसाइकिल चालकों को इस बात की विशेष रूप से समझ होनी चाहिए कि जब फोर लाइन में मोटरसाइकिल चला रहे है तो यातायात नियमों का पूरी तरह पालन करना बेहद जरूरी है। गति सीमा भी नियंत्रण में रखनी होगी । फोरलेन पर मोटरसाइकिल चलाते समय को कभी भी यातायात नियमों को तोड़ना नहीं चाहिए। किसी के वाहन से पास लेते समय मोटरसाइकिल चालक की निगाह हमेशा चौकन्ना रहनी चाहिए। निर्धारित गति सीमा के अंदर ही वाहन से पास लेना चाहिए। अन्यथा सामने से आ रही गाड़ी आपको टक्कर मार सकती है। अथवा पीछे से भी गाड़ी आपको टक्कर मार सकती है। अर्थात आगे भी खतरा है । और पीछे भी खतरा है । इसलिए हर एक मोटरसाइकिल चालक को इस विषय पर गंभीरता से विचार कर मोटरसाइकिल चलाना चाहिए ।
इन दिनों देखा जा रहा है कि मोटरसाइकिल चलाते समय लोग कान में मोबाइल श्रवण यंत्र को लगाए रहते हैं। मोटरसाइकिल भी चला रहे हैं। और श्रवण यंत्र से सुन भी रहे हैं । और बातें भी कर रहे हैं । इस दौरान अगर थोड़ी सी भी मस्तिष्क इधर-उधर हुई कि एक बड़ी घटना घट सकती है । इस तरह की भी घटनाएं कई सामने आ चुकी हैं, जिसमें मोटरसाइकिल चालक की जान तक चली गई । मोटरसाइकिल चलाते समय मोबाइल श्रवण यंत्र कदापि कान में न लगाएं । मोबाइल को अपने पॉकेट में रखें। अगर इस दौरान किसी का कॉल आ जाता है, तो कायदे से अपने मोटरसाइकिल को बांए किनारे पर खड़ा कर दें। फिर उनसे बातचीत कर लें । उसके बाद ही मोटरसाइकिल से आगे की दूरी तय करें । इससे आप भी सुरक्षित रहेंगे ।
वहीं दूसरी ओर कई मोटरसाइकिल चालकों को देखा जाता है कि मोबाइल को कान और कंधे के मध्य दबाकर मोटरसाइकिल भी चला रहे हैं । बात भी कर रहे हैं । मेरी दृष्टि में यह कार्य यातायात नियमों का घोर उल्लंघन है । इसलिए मोटरसाइकिल चलाते समय कदापि मोबाइल को कान और कंधे के मध्य दबाकर बातचीत न करें । यह कार्य सीधे तौर पर दुर्घटना को ही आमंत्रित कर रही होती है । इसके साथ ही ज्यादा लंबी दूरी मोटरसाइकिल से तय न करें। सौ - दो सो किलोमीटर की दूरी अगर हो तो सार्वजनिक वाहन से यात्रा करें।
मोटरसाइकिल चालकों के माता-पिता से यह निवेदन करना चाहता हूं कि अपने बच्चों की खुशी के लिए मोटरसाइकिल खरीद तो जरूर देते हैं, लेकिन अपने बच्चों बच्चों को यह हिदायत जरूर दीजिए कि वे कभी भी यातायात नियमों का उल्लंघन न करें । मोटरसाइकिल लेने से पहले हेलमेट जरूर खरीद लें। मोटरसाइकिल चलाते समय जो यातायात सावधानियां हैं , अपने-अपने बच्चों को जरूर बताएं।
भारतवर्ष में मोटरसाइकिल की दुर्घटनाएं विश्व के अन्य देशों की तुलना में सबसे अधिक है । इसका सबसे बड़ा कारण यह है कि यातायात के नियमों का भारत वर्ष में अच्छे ढंग से पालन नहीं होता है। जिस कारण मोटरसाइकिल की दुर्घटनाएं दिनों दिन बढ़ती चली जा रही हैं । एक ओर विश्व के मापदंडों के अनुरूप तेज मोटरसाइकिल भारत में भी बनाई जा रही हैं । लेकिन भारतवर्ष की सड़कें इतनी तेज गति से मोटरसाइकिल चलाने के लिए उपयुक्त नहीं है । बरसात के दिनों में सड़कों का और भी हाल बुरा हो जाता है । देश भर की अधिकांश सड़को पर गड्ढे ही गड्ढे देखने को मिलते हैं । जिस कारण भी मोटरसाइकिल हादसे होते रहते हैं ।इसलिए मोटरसाइकिल चलाते समय चालकों को अपनी मोटरसाइकिल की स्पीड को तेज करने से पूर्व रास्तों पर बने गड्ढों भी ध्यान रखना होगा। किस सड़क पर पर कहां - कहां गड्ढे बने हैं ? कहां कहां स्पीड ब्रेकर लगा हुआ है ? सड़क पर कहां - कहां डायवर्सन है ? इन सड़कों पर से गुजरते समय मोटरसाइकिल की स्पीड धीमी होनी चाहिए। इसके साथ ही मोटरसाइकिल चालक के नियंत्रण में होनी चाहिए । अगर हम सब यातायात नियमों का पूरी ईमानदारी के साथ पालन करते हैं, तो इससे कई लोगों की जान बच सकती हैं।