फर्जी कागजात बना करता रहा नौकरी,अब हुआ केस दर्ज,पुलिस जाँच में जुटी

फर्जी कागजात के सहारे नौकरी कर रहे दिलीप सिंह का रुतबा ऐसा था की सिविल सर्जन का कद भी दिलीप सिंह के आगे छोटा पड़ जाता था।

रांची:
राजधानी रांची में सरकारी नौकरी में एक और फर्जीवाड़ा का मामला उजागर हुआ है। मामले को उजागर होने के बाद फर्जी कागजात के सहारे नौकरी करनेवाले दिलीप सिंह को तत्काल पदमुक्त कर दिया गया है। उक्त मामले में सिविल सर्जन ने तुरंत केस दर्ज करवाया जो रांची के लोवर बाजर थाना में केस न. 44/2021 के रूप मे दर्ज है।

सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार बिहार के पटना जिले का रहनेवाला दिलीप सिंह -शिक्षा, आवासीय तथा जाति का जाली कागजात बना कर कई वर्षों से नौकरी कर रहा था ।दिलीप की बहाली झारखंड के दुमका जिले से हुई थी।दुमका में कुछ दिनों तक नौकरी करने के बाद उसका स्थनांतरण रांची कर दिया गया जहाँ सदर अस्पताल में वह कार्यरत था।

रुतबा ऐसा की सिविल सर्जन का क़द भी छोटा पड़ जाए

फर्जी कागजात के सहारे नौकरी कर रहे दिलीप सिंह का रुतबा ऐसा था की सिविल सर्जन का कद भी दिलीप सिंह के आगे छोटा पड़ जाता था। अपने आप को सिविल सर्जन से कम नहीं समझता था । अपने नौकरी के इस छोटे से कार्यकाल में ही उसने अपनी आय से अधिक की सम्पत्ति अर्जित कर ली।जब दिलीप सिंह अपने पद का अनुचित उपयोग करने लगा तब सिविल सर्जन को उसपर शंका हुई। सिविल सर्जन ने दिलीप सिंह से जुड़ी जानकारी जुटाई तो हैरान करनेवाली सच्चाई उजागर हुई।दिलीप सिंह के नौकरी से जुड़ी काग़ज़ातों की जाँच की गई तो वे फ़र्ज़ी पाए गए।

काग़ज़ातों के फ़र्ज़ी होने की बात जब सामने आयी तो दिलीप सिंह के ऊपर लोअर बाज़ार थाने में प्राथमिकी दर्ज की गई और उसे पद से तत्काल हटा दिया गया।

केस दर्ज होने के बाद पुलिस जाँच में जुटी हुई है और दिलीप सिंह से मूल दस्तावेज़ों की माँग की है।अभी तक दिलीप सिंह ने पुलिस के समक्ष कोई भी दस्तावेज़ प्रस्तुत नही किया है।

आरोपी अपने ऊपर हुए इस केस से बेफ़िक्र होकर रांची में एक दुकान चला रहा है ।सूत्रों से पता चला है कि अपनी इस नौकरी से ग़लत ढंग से अर्जित किए गए पैसों से वह पटना में भी पार्टनरशिप में एक व्यवसाय करता है।
अब सवाल यह है कि …..

  1. पुलिस इस मामले में कब तक अपनी जाँच पूरी करती है?
  2. वर्षो तक फर्जी दस्तावेज के सहारे की गई नौकरी से तनख्वाह के रूप में लिए गए पैसे क्या वापस हो पाएँगे ?
    या ये केस भी ठंडे बस्ते में चला जाएगा और एक केस बन कर रह जाएगा !