गोपी कृष्ण - ऊषा सहाय  'आदर्श दम्पति सम्मान' से अलंकृत 

 किसी भी परिवार की शुरुआत विवाह बंधन से ही  होती है।  यह एक आदर्श सामाजिक परंपरा है। इस आदर्श परंपरा का निर्वाह गोपी कृष्ण सहाय और उषा सहाय  ने बहुत ही अच्छे ढंग से निर्वाह किया है। गोपी कृष्ण और उषा सहाय एक आदर्श दंपति हैं -  विजय केसरी ।

गोपी कृष्ण - ऊषा सहाय  'आदर्श दम्पति सम्मान' से अलंकृत 

स्थानीय स्वर्ण जयंती पार्क में सागर भक्ति संगम के  तत्वाधान में आयोजित एक सम्मान समारोह में हजारीबाग नगर के जाने-माने कवि गोपी कृष्ण सहाय -  सेवा निवृत शिक्षिका उषा सहाय को  'आदर्श संपत्ति सम्मान' प्रदान कर अलंकृत किया गया है। इस अवसर पर संगम के संयोजक विजय केसरी ने गोपी कृष्ण सहाय और उषा को अंग वस्त्र, प्रशस्ति - पत्र,  प्रतीक चिन्ह और  पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया।
कार्यक्रम के अध्यक्षता समाजसेवी सुरेश होर्रा ने किया।
 यह सम्मान उन्हें सफलतापूर्वक वैवाहिक जीवन के 53 वर्ष पूरा करने, पारिवारिक दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन करने, सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने, हिंदी कविता लेखन और  शिक्षा के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया है। 
 इस अवसर पर  संगम के संयोजक विजय केसरी  ने कहा कि गोपी कृष्ण सहाय और उषा सहाय हमारे समाज के लिए एक आदर्श दंपति है। आज की बदली सामाजिक परिस्थिति में उनके लंबे वैवाहिक जीवन से सकल  समाज को सीख लेनी चाहिए। ‌
 समाजसेवी सुरेश होर्रा ने अपने अध्यक्षीय संबोधन में कहा कि विवाह बंधन परिवार का आधार स्तंभ होता है। किसी भी परिवार की शुरुआत विवाह बंधन से ही  होती है।  यह एक आदर्श सामाजिक परंपरा है। इस आदर्श परंपरा का निर्वाह गोपी कृष्ण सहाय और उषा सहाय  ने बहुत ही अच्छे ढंग से निर्वाह किया है। यह अपने आप में एक रिकॉर्ड है।
समाजसेवी सह व्यवसायी  राजकुमार जैन टोंग्या ने कहा कि विवाह परंपरा की शुरुआत हमारे ऋषि मुनियों ने की थी। भारत का यह वैवाहिक बंधन संस्कार  विश्व भर में अपनी विशिष्टता के लिए जाना जाता है । पिछले दिनों हम दोनों पति-पत्नी ने अपने वैवाहिक जीवन का पच्चास वर्ष पूरा किया। वैवाहिक जीवन के इस पच्चास वर्षों में बहुत कुछ सीखने का अवसर प्राप्त हुआ। गोपी कृष्ण सहाय और उषा सहाय के दांपत्य जीवन से समाज को सीख लेनी चाहिए 
 समाजसेवी ब्रजनंदन प्रसाद ने कहा कि उषा सहाय और गोपी कृष्ण सहाय जैसे  आदर्श जोड़ो से ही वैवाहिक जीवन की आदर्श परंपरा मजबूत होती है। विवाह के तिरेपन वर्ष पूरे हो जाने पर भी इन दोनों के बीच उतना ही प्रेम और उमंग विद्यमान है । यह अपने आप में बड़ी बात है ‌।
  समाजसेवी सह व्यवसायी सतीश होर्रा ने कहा कि गोपी कृष्ण सहाय और उषा सहाय से हम लोगों को सफल दाम्पत्य जीवन की सीख लेनी चाहिए । इन  दोनों से जब भी मेरी मुलाकात होती है, मिलकर मन खुश हो जाता है।  दोनों बहुत ही अच्छे ढंग से अपने पारिवारिक और सामाजिक दायित्वों का निर्वहन करते हुए बच्चों को अच्छी तालीम दी है।
  आयोजित सम्मान समारोह में अजीत गुप्ता, इन्द्र सोनी, अशोक प्रसाद, सुरेश मिस्त्री, जय प्रकाश गुप्ता , सुरेंद्र गुप्ता पप्पू, मनीष होर्रा, डॉ ० बीना अखौरी, नीलम होर्रा, तृप्ति गुप्ता, योगेंद्र प्रसाद गुप्ता, संजय खत्री, मनोज गुप्ता शाहिद काफी संख्या में नगर के गण मन लोग सम्मिलित हुए।