उपायुक्त छवि रंजन ने निभाई शिक्षक की भूमिका
बालिकाओं को बताया शिक्षा का महत्व, छात्राओं में जागा अपनत्व बिनय मिश्रा
रांची। उपायुक्त अगर शिक्षक के रूप में नजर आयें और छात्रों की कक्षा में जाकर संस्कृत पढ़ाएं व उन्हें शिक्षा का महत्व बताएं, तो ऐसे उपायुक्त की निश्चित तौर पर सराहना करनी होगी। बच्चों को शिक्षा के महत्व बताने के साथ-साथ उनमें शिक्षा के प्रति लगाव उत्पन्न करने का प्रयास काफी प्रशंसनीय है। रांची के उपायुक्त छवि रंजन ने गत दिनों नामकुम प्रखंड व अंचल कार्यालय के निरीक्षण के दौरान निरीक्षण बालिकाओं के स्कूल पहुंचे और स्वयं शिक्षक बन छात्राओं को पढ़ाने लगे व शिक्षा का महत्व बताने लगे। बालिकाओं को यह सहज विश्वास ही नहीं हो पा रहा था कि उनके समक्ष शिक्षक के रूप में ज्ञान देने वाले रांची के उपायुक्त छवि रंजन अधिकारियों के साथ-साथ उनके भी क्लास ले रहे हैं। यह दृश्य निश्चित तौर पर गौरवान्वित करने वाली है। उपायुक्त नामकुम प्रखण्ड अंचल के साथ-साथ और भी कई स्थलों का निरीक्षण करने के पश्चात् बालिकाओं के स्कूल भी पहुंचे और स्कूल की साफ-सफाई के साथ-साथ पढ़ाई व्यवस्था का भी जायजा लिया। उन्होंने स्वयं शिक्षक बन बालिकाओं को पढ़ाया भी।
गौरतलब है कि इससे पूर्व भी उपायुक्त छवि रंजन सरायकेला-खरसवां जिला में जब पदस्थापित थे, तब उन्होंने जिला के कई विद्यालयों में स्वयं पढ़ाने के साथ-साथ कई अधिकारियों को भी विद्यालय के पठन-पाठन को देखने के साथ-साथ विद्यालयों में कक्षा लेने के लिए भी प्रेरित किया था। इस प्रकार से कहा जा सकता है कि उपायुक्त की यह पहल प्रशंसनीय और अनुकरणीय है। उनका मानना है कि शिक्षा है अनमोल धरोहर, हमारा जो भी लक्ष्य है, वह पूरा होगा पढ़कर। उपायुक्त छवि रंजन की इस पहल की चहुंओर सराहना की जा रही है। अपने प्रशासनिक कार्यों को बखूबी निभाते हुए वह समय निकालकर शिक्षा के प्रति भी अलख जगाने में जुट जाते हैं, यह उनकी बेहतरीन कार्य शैली का परिचायक है।