झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा का प्रतिनिधिमंडल मिला जोबा मांझी से
रांची : झारखंड आंदोलनकारियों के मान-सम्मान व पहचान को मिटने नहीं देंगे। इसके लिए सरकार में रहकर झारखंड आंदोलनकारियों के हितार्थ जो मुझसे बन पड़ेगा, सदैव काम करती रहूंगी।
उक्त बातें राज्य सरकार की मंत्री जोबा मांझी ने झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के प्रतिनिधिमंडल के साथ एक शिष्टाचार भेंट में कही। उन्होंने कहा कि मैंने झारखंड आंदोलनकारी और उनके दर्द को जाना है व करीब से देखा है कि किस तरह से झारखंड आंदोलनकारियों ने अलग राज्य की लड़ाई के लिए संघर्ष किया है। झारखंड अलग राज्य के गठन के लिए अपनी शहादत दी है। उन्होंने कहा कि अपने पति व झारखंड आंदोलनकारी देवेंद्र मांझी के साथ रहते हुए काफी करीब से झारखंड आंदोलन को देखी हूं कि किस प्रकार से हमारे लोगों ने जल, जंगल और जमीन से जुड़े रहकर झारखंड की इज्जत, माटी, मान सम्मान और पहचान के लिए लड़ाई लड़ी है। हम सभी झारखंडवासियों के लिए यह बड़ी चुनौती है कि हम इसके अस्तित्व को, इसकी पहचान को मिटने नहीं दें। इसलिए सभी झारखंडवासियों को चाहिए कि गोलबंद होकर अपनी बातों को सरकार के समक्ष में रखें। उन्होंने प्रतिनिधिमंडल को आश्वस्त करते हुए कहा कि सरकार के संज्ञान में मुझसे जितना होगा मैं हर कदम झारखंड आंदोलनकारियों के साथ में हूं।
मंत्री जोबा मांझी ने झारखंड आंदोलन से जुड़े कई रोचक और यादगार पलों को बताते हुए अपने को गौरवान्वित महसूस किया। कई ऐसे वार्ता के क्रम में ऐसे भी पल आए, जब उनकी आंखें नम हो गई और उन्होंने झारखंड आंदोलनकारियों के दर्द को साझा किया।
उन्होंने कहा कि जिन मूल्यों को लेकर झारखंड अलग राज्य की स्थापना हुई, उसकी रक्षा की जानी चाहिए। झारखंड आंदोलन के लिए अलग राज्य के लिए लड़ने वाले सभी झारखंड आंदोलनकारियों को सम्मान दिया जाएगा।
झारखंड आंदोलनकारी संघर्ष मोर्चा के कार्यकारी अध्यक्ष राजू महतो ने मंत्री जोबा मांझी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि झारखंड आंदोलनकारियों के बल पर ही झारखंड अलग राज्य का गठन हुआ है। झारखंड आंदोलनकारियों का जो सपना है, उस सपना को धरातल पर उतारना ही हमारे जीवन का अंतिम लक्ष्य है। झारखंड में आज झारखंडियों की पहचान विलुप्त होती जा रही है। इसलिए सरकार से हमारी मांग है कि प्रत्येक चौक चौराहों का नामकरण, सरकारी संस्थानों का नामकरण, पथों का नामकरण झारखंड आंदोलनकारियों के नाम पर सुनिश्चित किया जाना चाहिए। राज्य स्थापना दिवस 15 नवंबर को प्रत्येक झारखंड आंदोलनकारियों को राज्य सरकार प्रशस्ति पत्र, ताम्रपत्र देकर सम्मानित करे।
झारखंड आंदोलनकारी अजीत मिंज ने कहा कि झारखंड अलग राज्य के लिए बचपन से लेकर जवानी को दिया है। अब इस राज्य को सजाने और संवारने के लिए अपना संपूर्ण जीवन निछावर कर दूंगा। उन्होंने झारखंड आंदोलनकारियों को आह्वान किया कि झारखंड को बचाने के लिए और बाहरी शक्ति को रोकने के लिए सभी झारखंड आंदोलनकारियों को गोलबंद होकर एक मंच पर आना चाहिए और अपने मान-सम्मान, स्वाभिमान, अस्तित्व एवं पहचान की लड़ाई लड़नी चाहिए।
प्रतिनिधिमंडल में प्रवक्ता पुष्कर महतो एवं गागरिया लकड़ा सहित अन्य उपस्थित थे। उक्त जानकारी मोर्चा के मीडिया प्रभारी डॉ. बीरेन्द्र कुमार महतो ने दी।