जनवादी लेखक संघ की ऑनलाइन बैठक संपन्न
लेखकों ने केंद्र सरकार के कृषि कानून को बनाया बताया किसान विरोधी
रांची। जनवादी लेखक संघ, (जलेस) रांची की ऑनलाइन बैठक रविवार को ओमप्रकाश बरनवाल की अध्यक्षता में हुई।
बैठक को संबोधित करते हुए लेखकों ने कहा कि देश का अन्नदाता किसान तीन काले कानूनों की वापसी के लिए सड़कों पर संघर्ष कर रहा है।जिसे लॉकडाउन में केंद्र की सरकार ने बिना स्टॉक होल्डर(किसान और राज्य सरकार)की सहमति,राय एवं विश्वास में लिए संसद से पारित कराकर कानूनी शक्ल दे दी और वो भी बिना मत विभाजन और वोटिंग के। ये संसदीय इतिहास में एक काला अध्याय के रूप में दर्ज हो चुका है।
आगे कहा गया कि इस कानून के कारण सबसे देश की जनता प्रभावित होगी।कंट्रेक्ट फार्मिंग से बड़े कारपोरेट घरानों की कृषि क्षेत्र में आधिपत्य हो जायेगा।समर्थन मूल्य को संवैधानिक शक्ल न देकर किसानों के शोषण का रास्ता खुल जायेगा।मंडियां समाप्त हो जाएंगी। भंडारण को समाप्त कर सरकार ने बड़े कारपोरेट घरानों को मनमानी करने की खुली छूट दे दी है। मार्केट इनके नियंत्रण में चला जायेगा। विवाद होने पर किसानों को एसडीएम कोर्ट जाने का प्रावधान कर प्राकृतिक न्याय पाने के रास्ते ही बंद कर दिए गए हैं, जो न किसान हित मे है और न जनता के हित में।
आज पंजाब,हरियाणा सहित देश का किसान आंदोलनरत है.सरकार अपने फैसले पर अडिग दिखाई दे रही है।
सरकार का ये रवैया लोकतंत्र के लिए घातक है।सरकार को पुनर्विचार की आवश्यकता है।
जनवादी लेखक संघ रांची मांग करता है कि ये कानून वापस लिए जाएं।
बैठक में उपस्थित लेखकों,साहित्यकारों ने रांची के प्रख्यात कथाकार रणेन्द्र को श्रीलाल शुक्ल की स्मृति में इफको जैसे प्रतिष्ठित सम्मान से सम्मानित किए जाने पर प्रसन्नता व्यक्त की गई और बधाई देते हुए कहा गया कि ये झारखंड के लिए गौरव का पल है।
बैठक में ये भी निर्णय लिया गया कि 13 सितम्बर से जलेस रांची के फेसबुक पेज पर प्रत्येक रविवार को आयोजित लाइव कार्यक्रम अगले वर्ष भी जारी रखा जाएगा एवं सामान्य स्थिति होने पर ऑल इंडिया उर्दू कन्वेंशन भी आयोजित किया जायेगा
मुख्य उपस्थिति डॉ विनोद कुमार,शालिनी साबू, रेणु प्रकाश,उज़ैर अहमद,गुफरान अशरफ़ी,महफूज़ आलम,फिरदौस जहां,मो शारिब,ग़ालिब,अविनाश कुमार,मुनाजिर,इमरान अहमद इराकी की रही।
संचालन एमज़ेड खान ने किया और शालिनी साबू ने धन्यवाद ज्ञापित किया।
बैठक को विनोद कुमार,रेणु,शालिनी, उज़ैर ,फिरदौस सहित एमज़ेड खान ने संबोधित किया। शाम के 7 बजे जलेस रांची के फेसबुक पेज पर गया के अफ़साना निगार,डॉ अहमद सग़ीर अपनी कहानी “ये कहानी नहीं है”का लाइव पाठ किया।