सामाजिक सशक्तिकरण में बाधक है कुप्रथाएं और अंधविश्वास : रानी कुमारी
रांची। स्वयंसेवी संस्था प्रेरणा जागृति विकास मंच की अध्यक्ष और शहर की जानी-मानी समाजसेविका रानी कुमारी ने कहा है कि समाज में व्याप्त कुप्रथाएं और अंधविश्वास के कारण सामाजिक विकास बाधित हो रहा है। सामाजिक सशक्तिकरण के लिए अंधविश्वास और कुप्रथाओं को दूर करना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि समाज से अंधविश्वास का अंधेरा दूर करने के लिए शिक्षा का प्रकाश फैलाना जरूरी है। समाज में व्याप्त कुरीतियों के कारण सामाजिक विकास अवरुद्ध होता है। उन्होंने कहा कि विशेषकर झारखंड के आदिवासी बहुल ग्रामीण इलाकों में डायन-बिसाही जैसे अंधविश्वास व अन्य कुप्रथाओं की वजह से निर्दोष महिलाएं उत्पीड़न की शिकार होती हैं। अक्सर इस प्रकार की घटनाओं से संबंधित समाचार सुर्खियां बनती रहती है। रानी कुमारी ने कहा कि अंधविश्वास और कुप्रथाओं से मुक्ति के लिए शिक्षा का व्यापक प्रचार-प्रसार जरूरी है। तभी अंधविश्वास से समाज को मुक्ति मिल सकती है। उन्होंने कहा कि समाज से अज्ञानता का अंधकार दूर हो और सुदूरवर्ती ग्रामीण क्षेत्रों में भी शिक्षा का प्रकाश फैले, इस दिशा में सरकारी और गैर सरकारी स्तर पर सामूहिक प्रयास किया जाना चाहिए। डायन-बिसाही जैसे अंधविश्वास के वशीभूत होकर किसी की हत्या कर देना सभ्य समाज के माथे पर कलंक का टीका है। उन्होंने कहा कि अंधविश्वास और समाज में व्याप्त कुरीतियों के कारण झारखंड का अपेक्षित विकास अबतक नहीं हो सका है। उन्होंने कहा कि हम सबों का यह सामूहिक प्रयास होना चाहिए कि झारखंड के माथे से यह दाग मिटे। इससे मुक्ति के लिए लोगों को शिक्षित करना जरूरी है। सूबे में साक्षरता दर में वृद्धि से भी शिक्षा का प्रकाश फैलेगा। तभी कुप्रथाएं समाप्त होगी और डायन-बिसाही का आरोप लगाकर निर्दोष महिलाओं पर अत्याचार जैसी घटनाओं पर अंकुश भी लग सकेगा। उन्होंने कहा कि संस्था की ओर से इस दिशा में पहल किए जाने का निर्णय लिया गया है। जल्द ही मंच से जुड़ी महिलाओं की एक टीम समाज में व्याप्त कुरीतियों के खिलाफ और अंधविश्वास मिटाने को लेकर जन जागरूकता अभियान चलाएगी। इस संबंध में प्रेरणा जागृति विकास मंच की आगामी बैठक में आगे की रणनीति की घोषणा की जाएगी।