5 साल पूर्व नीतीश ने कहा था, गैर आदिवासी मुख्यमंत्री को सत्ता की कमान देना भाजपा की बड़ी भूल

पांच साल पूर्व रघुवर दास को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बैठाया गया तब उस समय विपक्ष में रहने के बावजूद नीतीश कुमार ने इसे ग़लत बताया था और कहा था कि ये फ़ैसला झारखंड राज्य के गठन के भावना के विपरीत इसलिए है कि वो राज्य आदिवासियों के लिए बना और आप सत्ता की कमान गैर आदिवासी को दे रहे हैं, और इस परिणाम से नीतीश कुमार की बात सच साबित हुई।

5 साल पूर्व नीतीश ने कहा था, गैर आदिवासी मुख्यमंत्री को सत्ता की कमान देना भाजपा की बड़ी भूल

रांची : झारखंड में बीजेपी की हार के कई कारण हैं। जिसमें आदिवासी वोटरों की नाराज़गी सबसे बड़ी वजह है. एक गैर आदिवासी मुख्यमंत्री को सत्ता की कमान देना एक भूल थी।लेकिन जब पांच साल पूर्व रघुवर दास को मुख्यमंत्री पद की कुर्सी पर बैठाया गया तब उस समय विपक्ष में रहने के बावजूद नीतीश कुमार ने इसे ग़लत बताया था और कहा था कि ये फ़ैसला झारखंड राज्य के गठन के भावना के विपरीत इसलिए है कि वो राज्य आदिवासियों के लिए बना और आप सत्ता की कमान गैर आदिवासी को दे रहे हैं, और इस परिणाम से नीतीश कुमार की बात सच साबित हुई। हालांकि बिहार विधानसभा चुनाव में पिछली बार बीजेपी ने नीतीश कुमार को इस बयान को लेकर घेरने की बहुत कोशिश की लेकिन बिहार में इसका कोई ख़ास असर नहीं हुआ। झारखंड में जनता दल यूनाइटेड फिर खाता नहीं खुल पाया इस बात का उन्हें मलाल होगा लेकिन हां राजद के जीत से उन्हें दुख भी हुआ होगा लेकिन कम से कम आप अपने पार्टी के अंदर और आरसीपी सिंह जैसे नेताओं की नीतीश यह कहकर समझा सकते हैं कि बहुत सारे उम्मीदवार खड़ा करने से जीत नहीं होती और इससे संदेश भी जाता है कि पार्टी बीजेपी के इशारे पर डमी उम्मीदवारों को मैदान में खड़ा करती है। अब देखना होगा कि दिल्ली में भी झारखंड के परिणाम से सबक़ लेकर जनता दल यूनाइटेड चुनाव मैदान से खुद को अलग करती है या बीजेपी के निर्देशन में बिहार के वोटर के वोट काटने के लिए ऐसे ही उम्मीदवार मैदान में खड़ा करती है।