'भारत की हजारों वर्षों की सांस्कृतिक परंपरा के सर्वोत्कृष्ट संवाहक हैं भगवान श्रीकृष्ण' : सुबोधकांत सहाय

भक्ति वेदांता विद्या भवन गुरुकुल के जन्माष्टमी महोत्सव में शामिल हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय ।

'भारत की हजारों वर्षों की सांस्कृतिक परंपरा के सर्वोत्कृष्ट संवाहक हैं भगवान श्रीकृष्ण' : सुबोधकांत सहाय

सिल्ली/रांची: पूर्व केंद्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय और कांग्रेस नेत्री यशस्विनी सहाय रांची जिला अंतर्गत सिल्ली प्रखंड के कुटाम गांव (मूरी) स्थित भक्ति वेदांता विद्या भवन गुरुकुल में सोमवार को आयोजित जन्माष्टमी महोत्सव/राधारमण महामहोत्सव में शामिल हुए। मौके पर  महामहोत्सव के आयोजक की ओर से श्री सहाय व सुश्री यशस्विनी सहाय का अभिनंदन किया गया। 
  इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री सहाय ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण भारत की सहस्त्रों वर्षों की सांस्कृतिक परंपरा के सर्वोत्कृष्ट संवाहक हैं। धर्म की स्थापना में भगवान श्री कृष्ण की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। पूर्णावतार श्रीकृष्ण विभिन्न स्वरूपों में भारतीय जनमानस में विद्यमान हैं। श्री सहाय ने महोत्सव में 
 उपस्थित श्रद्धालुओं को जन्माष्टमी की शुभकामनाएं दी।

भारतीय लोक चेतना के सशक्त स्वर हैं श्रीकृष्ण : यशस्विनी सहाय  

कांग्रेस नेत्री यशस्विनी सहाय ने कहा कि भगवान श्री कृष्ण भारत की लोक चेतना के सशक्त स्वर हैं। वे ज्ञान योग के मर्मज्ञ व भक्ति योग के समन्वयक हैं। शत्रुओं के संहार में निपुण भगवान श्री कृष्ण युद्धनीति में विशारद, तो दूत नीति के संवाहक हैं। उन्होंने कहा कि अद्भुत शक्ति संपन्न भगवान श्री कृष्ण के जन्मोत्सव पर भक्तिभाव से परिपूर्ण होकर उन्हें पावन प्रणाम करना हम सबों का सौभाग्य है। 
 राधारमण महामहोत्सव में सुश्री सहाय व श्री सुबोधकांत सहाय ने वहां के गौशाला में गायों को पौष्टिक आहार भी खिलाया। 
  इस अवसर पर दिनेश साहू, राजकुमार, निशिकांत गंझु, रोसोराज लोहरा, मोतीलाल बेदिया, नागेंद्र नाथ गोस्वामी, तापस पोद्दार, दिनेश कुमार, भूतनाथ मंडल, भागीरथ महतो, दुर्गा चरण यादव, विपिन लोहरा, मो.नेहाल, साकिरुद्दीन अंसारी सहित काफी संख्या में श्रद्धालुगण उपस्थित थे।