बिहार के बच्चों के भविष्य के लिए वोट डालिए न की लालू, नीतीश या मोदी के नाम पर: प्रशांत किशोर
जन सुराज पदयात्रा का 11वें दिन, पश्चिम चंपारण के मैनाटांड शिविर में पदयात्रियों के साथ प्रशांत किशोर ने किया जेपी को नमन।
पश्चिम चंपारण:
प्रशांत किशोर ने जन सुराज पदयात्रा की शुरुआत पश्चिम चंपारण के मैनाटांड़ प्रखंड के शिविर सभा में प्रार्थना सभा से की। इस दौरान उन्होंने रामनगरी पंचायत के लोगों से जन सुराज विचार की सोच पर चर्चा की। आगे बढ़ते हुए जन सुराज पदयात्रा का हुजूम बस्ता पंचायत पहुंचा। जहां प्रशांत किशोर ने स्थानीय जन प्रतिनिधियों और लोगों ने सभी पदयात्रियों का स्वागत किया और इस पदयात्रा में कुछ किमी साथ चलें।
बस्ता पंचायत के स्थानीय लोगों से संवाद कार्यक्रम में प्रशांत किशोर ने कहा कि हम गांधी जी का फोटो लेकर चले हैं, याद रखिए गांधी के सामने समाज खड़ा हो गया तो देश आजाद हो गया। आप लोग फिर से गांधी के साथ एक बार खड़े होइए और आप की गरीबी दूर होगी। साथ ही उन्होंने स्थानीय लोगों से अपील करते हुए कहा कि जन सुराज पदयात्रा में हम आपको सिखाने और समझाने आए की आप लोग कोई लालू, नीतीश या मोदी किसी के नाम पर वोट मत डालिए बल्कि बिहार के बच्चों के भविष्य के नाम पर वोट कीजिए। आप खुद नहीं जागेंगे तो नीतीश कुमार या मोदी जी आपकी जिंदगी नहीं बदल सकते हैं आपको अपने वोट की कीमत समझ में आनी चाहिए।
जन सुराज पदयात्रा कैंप में लोकनायक जय प्रकाश नारायण 120वीं जयंती पर किए गए याद
जन सुराज पदयात्रा के मैनाटांड़ शिविर सभा में आज लोकनायक जय प्रकाश नारायण को उनकी 120 वीं जयंती पर प्रशांत किशोर ने सैकड़ों पदयात्रियों और स्थानीय लोगों के साथ नमन किया और जेपी के आदर्शों पर चलने का आह्वान किया।
जन सुराज पदयात्रा के दौरान प्रशांत किशोर ने समाज के अलग-अलग वर्ग के लोगों से मुलाकात की। पदयात्रा में आज विश्राम का दिन था, इसलिए सभी कार्यक्रम शिविर में ही हुए। दिन की शुरुआत सर्व धर्म प्रार्थना से हुई, जिसमें जेपी सेनानियों संग सभी पदयात्री शामिल हुए। जहां जेपी सेनानियों ने आंदोलन के वक़्त की अपनी संघर्ष की यादें साझा की और जन सुराज के विचारों पर लोगों के साथ चर्चा की। इसके बाद प्रशांत किशोर ने मैनाटांड स्थित कैंप में स्थानीय लोगों से मुलाक़ात कर उनकी समस्याओं और जन सुराज पर चर्चा की। जिसमें किसानों ने बताया की क्षेत्र में कोई शुगर मिल नहीं है और उन्हें अपना गन्ना बेचने नरकटियागंज जाना पड़ता है, जिससे अतिरिक्त खर्चा लगता है। गन्ना का भुगतान मिलने में भी देरी होती है। प्रशांत किशोर ने इसके अलावा स्वयं सहायता समूह से जुड़ीं महिलाओं और क्षेत्र के युवाओं से उनकी समस्याओं को जाना और जन सुराज की विजन के बारे में बात की।