आर्थिक विकास में निजी क्षेत्र के उद्योगों/संस्थानों की भूमिका अहम : रामाशंकर प्रसाद

आर्थिक विकास में निजी क्षेत्र के उद्योगों/संस्थानों की भूमिका अहम : रामाशंकर प्रसाद

रांची। व्यवसाय हित संरक्षण के लिए समर्पित संस्था “अखिल एकता उद्योग व्यापार मंडल” की झारखंड प्रदेश इकाई के प्रवक्ता रामाशंकर प्रसाद ने कहा है कि आर्थिक विकास में निजी क्षेत्र के उद्योगों और संस्थाओं की भूमिका काफी महत्वपूर्ण है। देश को विकास पथ पर आगे ले जाना है, तो केंद्र और राज्य सरकारों को भी निजी क्षेत्रों को प्रोत्साहित कर उन्हें हर संभव सहयोग करना होगा। उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकारों के लिए भी यह आवश्यक है कि वह निजी क्षेत्र को पर्याप्त प्रोत्साहन दें। इसके साथ ही यह भी जरूरी है कि निजी क्षेत्र से जुड़े उद्यमी भी चुनौतियों का सामना करते हुए अवसरों का लाभ उठाएं और आगे बढ़ते रहें। प्रतिस्पर्धा का सामना करने के लिए सदैव तैयार रहें और जरूरतों को आसानी से पूरा करें। उन्होंने कहा कि आत्मनिर्भर भारत अभियान का उद्देश्य देश को आत्मनिर्भर बनाने के साथ-साथ विश्व की जरूरतों को भी पूरा करना है।
उन्होंने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि आर्थिक प्रगति में निजी क्षेत्र की महत्ता से भलिभांति अवगत होने के बाद भी कुछ राजनेता न सिर्फ अप्रासंगिक हो चुकी समाजवादी सोच से चिपके हुए हैं, बल्कि निजी क्षेत्र के उद्यमियों को हतोत्साहित करने में भी लगे हैं।
श्री प्रसाद ने कहा कि विगत दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नीति आयोग की संचालन परिषद की बैठक में इस बात पर बल दिया कि आत्मनिर्भर भारत अभियान में निजी क्षेत्र को भी भाग लेने का पूरा अवसर दिया जाना चाहिए। प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि केंद्र सरकार की तरह राज्य सरकारों के लिए भी यह समझना जरूरी है कि निजी क्षेत्र के सहयोग के बगैर देश का अपेक्षित विकास नहीं हो सकता। निजी क्षेत्र के उद्यमियों को प्रोत्साहित करने से ही देश विकास की पटरी पर तेजी से बढ़ सकता है।
उन्होंने कहा कि सरकारी उपक्रमों के अलावा गैर -सरकारी उपक्रमों में भी काफी बड़ी आबादी जुड़ी है। निजी क्षेत्र में रोजगार की भी अपार संभावनाएं हैं। काफी संख्या में युवा निजी क्षेत्रों के उद्यम से जुड़कर बेहतर जीवन शैली व्यतीत कर रहे हैं। श्री प्रसाद ने कहा कि केन्द्र सरकार के साथ-साथ राज्य सरकार भी निजी क्षेत्र के उद्यमियों को बढ़ावा देने के लिए बेहतर तरीके से समुचित नियम कानून बनाकर उसका अनुपालन सुनिश्चित कराए। यह देश के आर्थिक, सामाजिक विकास के लिए भी जरूरी है। उन्होंने कहा कि कुछ राजनीतिक दलों के नेता संकीर्ण विचारधारा से ग्रसित होकर निजी क्षेत्र के उद्यमियों को हतोत्साहित कर रहे हैं और बदनाम करने में लगे हुए हैं। ऐसा करना कतई देश हित में नहीं कहा जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की हरकतें सस्ती राजनीतिक लोकप्रियता हासिल करने का कुत्सित प्रयास है। इससे उद्यमशीलता को बढ़ावा नहीं मिल सकता है। उन्होंने कहा कि यदि देश को विकास की पटरी पर आगे ले जाना है, तो केंद्र और राज्य सरकारों को निजी क्षेत्र विरोधी क्षुद्र राजनीति करने वालों के खिलाफ डटकर खड़ा होना होगा, उनके नापाक मंसूबों को किसी भी हाल में कामयाब नहीं होने देना होगा।