ED के अधिकारी को 20 लाख रिश्वत लेते CBI ने गिरफ़्तार किया
ED के सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी संदीप सिंह यादव को मुंबई के एक व्यवसायी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया। आरोप है कि संदीप सिंह यादव मुंबई के व्यवसायी को झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रहा था।
केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) ने बुधवार को दिल्ली में रिश्वतखोरी के मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के एक अधिकारी को गिरफ्तार किया है। गिरफ़्तार अधिकारी की पहचान ED के सहायक निदेशक स्तर के अधिकारी संदीप सिंह यादव के रूप में हुई है, जिसे मुंबई के एक व्यवसायी से 20 लाख रुपये की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथों पकड़ा गया, जिसे वह झूठे मामले में फंसाने की धमकी दे रहा था।
ग़ौरतलब है की हाल ही में तमिलनाडू में भी ED का एक अधिकारी ऐसे ही घूस लेते वक्त पुलिस द्वारा रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया था। पुलिस ने उस अफसर को दौड़ाकर पकड़ा और नोट भी बरामद किये थे।
सीबीआई सूत्रों ने कहा कि यादव दिल्ली के लाजपत नगर बाजार में एजेंसी की भ्रष्टाचार निरोधक शाखा द्वारा बिछाए गए जाल में आसानी से फँस गया। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, मुंबई में ईडी द्वारा छापेमारी की गई थी और आरोपी व्यवसायी को फंसाने की धमकी देकर उससे रिश्वत लेने की कोशिश कर रहा था।
शिकायत के बाद CBI ने प्राथमिकी दर्ज कर जाल बिछाया गया
यादव, जो पहले केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के साथ काम कर चुके थे, को पिछले साल मई में ईडी में सहायक निदेशक नियुक्त किया गया था। यादव की गिरफ्तारी एजेंसी के मदुरै सब-जोनल ऑफिस में तैनात एक अन्य ईडी अधिकारी की गिरफ्तारी के आठ महीने बाद हुई है।
इस मामले का तुरंत संज्ञान लेते हुए ईडी ने भ्रष्टाचार के प्रति जीरो टॉलरेंस की नीति का पालन करते हुए आरोपी संदीप सिंह के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम, 2002 (PMLA) के तहत आपराधिक कार्रवाई शुरू की है।
क्या था पूरा मामला?
दरअसल, ईडी दिल्ली, उत्तराखंड, बेंगलुरु पुलिस की कई एफआईआर के आधार पर कुछ संस्थाओं के खिलाफ मनी लॉन्ड्रिंग जांच कर रही थी। इस मामले में 8 अगस्त को रेड की गई थी। इस कार्रवाई के दौरान ईडी के सहायक निदेशक संदीप सिंह ने सर्च वारंट अधिकृत अधिकारी के रूप में कार्य करते हुए जांच के तहत एक व्यक्ति के मुंबई में आवासीय परिसर में तलाशी ली थी। इसी मामले में कथित तौर पर आरोपी का पक्ष लेने के लिए संदीप सिंह ने रिश्वत स्वीकार की थी।
आरोपी ने खुद को जांच अधिकारी बताया
ED के मुताबिक जिस मामले में सीबीआई ने संदीप सिंह को गिरफ्तार किया उसमे वो जांच अधिकारी नहीं थे। मामले की जांच में उन्हें सीमित समय के लिए जोड़ा गया था। लेकिन संदीप सिंह ने खुद को ही जांच अधिकारी के रूप में प्रस्तुत किया था।
तमिलनाडु सतर्कता और भ्रष्टाचार निरोधक निदेशालय (डीवीएसी) ने पिछले साल दिसंबर में प्रवर्तन निदेशालय के अधिकारी अंकित तिवारी के खिलाफ मामला दर्ज किया था, जब उसने कथित तौर पर 51 लाख रुपये की कुल रिश्वत राशि में से 20 लाख रुपये की किस्त प्राप्त की थी।
तमिलनाडु डीवीएसी के मामले के आधार पर, ईडी ने उसी महीने के अंत में अपने ही अधिकारी के खिलाफ शिकायत दर्ज की। उससे एक महीने पहले, राजस्थान के भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) ने नवंबर 2023 में ईडी अधिकारी नवल किशोर मीना को उनकी ओर से काम कर रहे एक बिचौलिए को रंगे हाथों पकड़ने के बाद गिरफ्तार किया था।
मीना, जो मणिपुर में एक चिटफंड मामले में एक व्यवसायी के खिलाफ शिकायत की जांच कर रहे थे, ने कथित तौर पर गिरफ्तारी या उनकी संपत्तियों की जब्ती से बचने के लिए बाद वाले से पैसे लेने को कहा था।
निलंबन की कार्रवाई शुरू हुई
ईडी ने बताया है कि आरोपी अधिकारी के खिलाफ ECIR दर्ज की गई है और PMLA के प्रावधानों के तहत अधिकारी के घर पर तलाशी अभियान चलाया गया है। संदीप सिंह के दफ्तर पर भी ईडी और सीबीआई ने संयुक्त तलाशी अभियान चलाया है। इसके अलावा आरोपी अधिकारी को तत्काल निलंबित करने और ईडी से उनके मूल विभाग में वापस भेजने की कार्रवाई भी शुरू कर दी गई है।