बिहार का ये करोड़पति सिपाही पर CBI का शिकंजा
जांच के दौरान सीबीआई ने अनुमान लगाया कि आरोपी सिपाही ने केवल अपने किचेन तैयार करवाने में 27 लाख रुपए खर्च किए हैं.
बिहार में एक सिपाही ने साल भर के अंदर ही करोड़ों की संपत्ति बना ली. नबीनगर (औरंगाबाद) रेलवे स्टेशन पर तैनात आरपीएफ का कांस्टेबल अखिलेश कुमार सिंह जांच एजेंसी सीबीआई के रडार पर चढ़ा तो चौंकाने वाले खुलासे हुए. आरपीएफ सिपाही के खिलाफ सीबीआई ने आय से अधिक संपत्ति का मामला दर्ज किया और उसके तीन ठिकानों पर छापेमारी की. सिपाही ने 6 साल के अंदर करीब डेढ़ करोड़ की संपत्ति बना ली है. अपनी शुद्ध आय से करीब 85 प्रतिशत अधिक उसने संपत्ति जुटा ली थी.
कहा-कहा हुई छापेमारी ?
आरोपी सिपाही के तीन ठिकानों पर सीबीआई ने छापेमारी की. नबीनगर स्थित उसके कार्यालय, उसके सासाराम स्थित अस्थायी आवास और सासाराम में ही करबिंदिया स्थित अमरा गांव में उसके पैतृक आवास में ये छापेमारी हुई. सीबीआई के पटना एंटी करप्शन ब्यूरो यूनिट ने आगे की जांच और कारवाई को लेकर सीबीआई के एएसपी छोजेम शेरपा को जांच अधिकारी बनाकर केस की कमान सौंपी है.
एक साल मे सिपाही ने करोड़ों कमाए
सीबीआई की जांच में चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं. आरपीएफ सिपाही के पास उसकी शुद्ध आय से करीब 84 प्रतिशत अधिक संपत्ति मिली. सिपाही के खिलाफ जो एफआइआर दर्ज हुआ उसके अनुसार, 1 जनवरी 2018 से लेकर 31 जनवरी 2024 तक की अवधि में कई जगहों पर उनकी पोस्टिंग हुई. इस दौरान सैलरी समेत अन्य श्रोतों से उनका शुद्ध इनकम 80 लाख रुपए रहा. लेकिन जांच में यह खुलासा हुआ कि उनके व उनके नजदीकी लोगों के पास करीब 1.40 करोड़ की संपत्ति है.
27 लाख का किचन बनवाया
जांच के दौरान सीबीआई ने अनुमान लगाया कि आरोपी सिपाही ने केवल अपने किचेन तैयार करवाने में 27 लाख रुपए खर्च किए हैं. इस हिसाब से उनकी बचत 53 लाख रुपए होनी चाहिए. लेकिन इसी अवधि में उन्होंने 1.21 करोड़ रुपए की संपत्ति अर्जित किए. जिसके बाद आरोपी सिपाह के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए आय से अधिक संपत्ति की जांच शुरू कर दी गयी है.