हजारीबाग में एक के बाद एक घटित हो रही हत्या की घटनाएं आखिर कब रुकेगी

अपराधियों ने सुरक्षा व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए एनटीपीसी के वरीय पदाधिकारी कुमार गौरव की गोली मारकर हत्या कर दी।

हजारीबाग में एक के बाद एक घटित हो रही हत्या की घटनाएं आखिर कब रुकेगी

एक समय हजारीबाग, झारखंड प्रांत के एक शांतिप्रिय जिला के रूप में जाना जाता था। लेकिन बीते दो दशकों से जिस तरह हजारीबाग जिले में एक के बाद एक घटित  हो रही हत्या की घटनाएं इसकी शांतिप्रिय होने पहचान ही मिटाती  चली जा रही है। एक हत्या की गुत्थी सुलझ भी नहीं पाती है कि वहीं दूसरी ओर एक नई हत्या की घटना अस्तित्व में आ जाती है । इसके साथ ही नित  प्रतिदिन हजारीबाग जिले में छिनतई की घटनाएं बढ़ रही हैं । दुकानों और घरों में सेंधमारी की घटनाओं  में लगातार वृद्धि हो रही है । दुकानों में चोरी की घटनाओं से हजारीबाग के छोटे से बड़े व्यवसायी  गण पूरी तरह त्रस्त हैं । न जाने कब किस दुकान में चोरी की घटना हो जाए ? और दुकानदार रोड पर आ जाए । आज कई दुकानदार  हजारीबाग में टेंपो और टोटो चलाने के लिए इसलिए दिवस हैं कि कुछ दिन पूर्व ही उन सबों की दुकानों में भयंकर चोरी हुई थीं।

    अभी चार  दिन पहले ही एक युवक को चाकू से घायल कर देने वाली घटना अस्तित्व में आई। वह युवक गंभीर रूप घायल होने के बावजूद समय पर समुचित इलाज से बच तो जरूर गया लेकिन अभी भी दहशत का माहौल बना हुआ है। संबंधित थाने में चाकूबाजी की घटना पर एफआईआर जरूर हो गया है। लेकिन अब तक अपराधी पकड़े नहीं गए हैं। हजारीबाग पुलिस प्रशासन  जिले भर की विधि व्यवस्था को लेकर दावे तो बहुत बड़ी-बड़ी करते हैं ,लेकिन हजारीबाग में बढ़ रही अपराधिक घटनाओं को रोकने में पूरी तरह विफल रह रही है। पुलिस  प्रशासन की इस विफलता के कारण हजारीबाग वासियों में जबरदस्त आक्रोश देखा जा रहा है।  हजारीबाग में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं के  शीघ्र रोकथाम के लिए जिले भर के विभिन्न व्यावसायिक संगठनों द्वारा हजारीबाग पुलिस प्रशासन का ध्यान बार-बार आकृष्ट किया जाता  रहा है, लेकिन आपराधिक घटनाएं रुकने का नाम ही नहीं ले रही है।‌ इस कारण जिले भर के लोग खौफ में भी देखे जा रहे हैं। 
 आज 8 मार्च को सुबह में ही अपराधियों ने सुरक्षा व्यवस्था को ठेंगा दिखाते हुए एनटीपीसी के वरीय पदाधिकारी कुमार गौरव की गोली मारकर हत्या कर दी। इसके पूर्व भी एनटीपीसी के एक अधिकारी की निर्मम हत्या कर दी गई थी।  अभी तक पुलिस उस हत्या की भी गुत्थी सुलझाने में सफल  नहीं हो पाई है। फिर एक नई हत्या की घटना दस्तक देती है।  यह हत्या की घटना हजारीबाग के कटकमदाग थाना क्षेत्र के फतह में हुई। जब कुमार गौरव अपनी स्कॉर्पियो गाड़ी से हजारीबाग की ओर आ रहे थे। दो मोटरसाइकिल पर सवार अज्ञात अपराधियों ने उन पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसा दीं, जिससे मौके पर ही उनकी मौत हो गई। इस हत्या से मिलती-जुलती एक घटना कुछ माह पूर्व ही हजारीबाग घटित हुई थी ।  ध्यातव्य है कि हजारीबाग चैत्र रामनवमी महासमिति के पूर्व अध्यक्ष मंजीत यादव की  कुछ अज्ञात मोटरसाइकिल पर सवाल हत्यारों ने निर्मम हत्या कर दी थी।  हजारीबाग पुलिस प्रशासन यह दावा कर रही है कि मंजीत यादव के हत्यारों को पुलिस पकड़ ली है।‌ यह भी सूचना आई है कि मंजीत यादव की हत्या में शामिल एक हत्यारे की झारखंड उच्च न्यायालय से बेल मिल गया । उक्त व्यक्ति जेल से निकलने के बाद हजारीबाग में एक बड़ा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर यह दावा किया  कि पुलिस उसे अकारण मंजीत यादव की हत्या के मुकदमा में फंसाई । उसने यह भी दावा किया कि वह इस हत्या में शामिल है ही नहीं।  अब सवाल यह उठता है कि मंजीत यादव की हत्या में आखिर कौन-कौन लोग शामिल थे ?  पुलिस अब तक उन  हथियारों तक क्यों नहीं पहुंच पाई है ? यह बड़ा सवाल है।
 मंजीत यादव की हत्या और कुमार गौरव की हत्या दोनों एक जैसे अपराध लगते हैं। कुमार गौरव की हत्या जिस प्रकार सुबह-सुबह में अपराधियों ने मोटरसाइकिल में आकर अंजाम दी है, इससे प्रतीत होता है कि पूरी योजना के साथ इस  घटना को अंजाम दिया गया है। कुमार गौरव की हत्या किस बात को लेकर की गई है ? इस हत्या में कौन-कौन लोग शामिल हैं  ? यह अनुसंधान का विषय है। अब पुलिस प्रशासन का दायित्व बनता है कि शीघ्र अति शीघ्र कुमार गौरव के हत्यारे को पकड़ने की दिशा में त्वरित कार्रवाई करें।  कुमार गौरव की हत्या के बाद हजारीबाग पुलिस प्रशासन जिस तत्परता के साथ घटनास्थल पर पहुंची,  जिस तेजी के साथ  जांच  में जुटी है। क्या हजारीबाग  पुलिस कुमार गौरव के हत्यारों तक पहुंच पाएगी ? अथवा  अन्य हत्याओं की तरह कुमार गौरव की भी हत्या की गुत्थी अनसुलझी ही रह पाएगी?
 सर्वविदित है कि घटना के बाद कुमार गौरव को हजारीबाग के एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। इस  हत्या की सूचना मिलते ही एनटीपीसी के वरिष्ठ पदाधिकारी गण  और अनुसंधान  के लिए जिले के पुलिस प्रशासन के आला अधिकारी अस्पताल पहुंचे। अन्य हत्याओं की तरह इस हत्या की गुत्थी सुलझाने के लिए हजारीबाग के एसपी अरविंद कुमार सिंह ने घटनास्थल का मुआयना कर अपराधियों की तलाश के लिए छानबीन शुरू कर दी है।
  कुमार गौरव मूल रूप से नालंदा के किंगर सराय के निवासी थे । वे अपने परिवार के इकलौते बेटे थे। उनके पिता का निधन तब हुआ था, जब वे महज दो साल के थे। उनकी माता ने कठिनाइयों के बावजूद उन्हें इस मुकाम तक पहुंचाया। कुमार गौरव की उम्र 42 वर्ष थी और उनकी दस  साल की एक बेटी है, जो हजारीबाग के एक स्कूल में पढ़ाई कर रही है। इस हत्या ने उसके पूरे परिवार की खुशियां खत्म कर दी है।  आब आगे उनकी पत्नी और बच्ची बिना पिता के  गुजर बसर करने  लिए विवश होंगे।यह बड़ा सवाल है ।  पुलिस प्रशासन कुमार गौरव के हत्यारों को पकड़ पाएगी अथवा नहीं ?  यह एक अलग सवाल है । लेकिन कुमार गौरव की पत्नी और उनकी बेटी को सदा अपने पति और पिता से मरहूम रहना पड़ेगा।
  कुमार गौरव की इस निर्मम हत्या के बाद  एनटीपीसी पकरी बरवाडीह के परियोजना प्रमुख फैज तैयब ने इस घटना को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े किए हैं। कोल माइनिंग पकरी बरवाडीह नेफी के अध्यक्ष कमल राम रजक ने सरकार से एनटीपीसी के कर्मियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और मृतक के परिवार के लिए ठोस मदद देने की मांग की है। गौरतलब है कि इससे पहले भी कोल परियोजना से जुड़े तीन अधिकारियों की हत्या हो चुकी है। एनटीपीसी और उसकी सहयोगी कंपनियों पर लगातार हो रहे हमलों से कर्मचारियों में दहशत है। इस घटना के बाद पूरे इलाके में अपराधियों की धरपकड़ के लिए गश्त बढ़ा दी गई है।एनटीपीसी भारत सरकार की एक प्रमुख कंपनी है, जो बड़कागांव में कोयला खनन का कार्य करती है। ऐसे में इस तरह की घटनाएं पूरे सिस्टम की सुरक्षा व्यवस्था पर सवाल खड़े कर रही हैं।
हजारीबाग में हत्याओं का यह सिलसिला  कब रुकेगा ?  यह  बात हर कोई जानना चाह रहा है । इन आपराधिक घटनाओं को देखकर लोग कह रहे हैं कि हजारीबाग अपराधियों का एक अड्डा  बन गया है।  न जाने कब किस महिला के गले की चेन छीन ली जाए।  न जाने कब किसी व्यक्ति से रुपए छीन लिए जाए । और न जाने राह चलते कब किस व्यक्ति की निर्मम रूप हत्या से कर दी जाए । कहना बड़ा मुश्किल है। हजारीबाग पुलिस प्रशासन पर जिले भर में बढ़ रही आपराधिक घटनाओं का एक धब्बा स लग गया है, जिसे पुलिस प्रशासन को ही धोना होगा। अब आने वाला समय ही बताएगा कि हजारीबाग पुलिस प्रशासन अपने पर लगे धब्बे को धोने में कितना सफल  हो पाता है। वहीं दूसरी हो हजारीबाग में बढ़ रही अपराधिक घटनाओं को लेकर जिले भर के लोग काफी चिंतित नजर आ रहे हैं।