राँची के सत्यम ने पूर्व पार्षद वेद प्रकाश को मारी थी गोली, 70 हज़ार में हुआ था हत्या का सौदा
सत्यम पाठक राजू चाय दुकान के पास चौरसिया पान दुकान में बैठकर वार्ड पार्षद वेद प्रकाश सिंह के आने का इंतजार करने लगा. शाम के करीब सात बजे जैसे ही वेद प्रकाश सिंह अपनी गाड़ी को लगाकर राजू चाय दुकान में बैठे तो सत्यम पाठक ने चौरसिया पान दुकान से निकलकर वेद प्रकाश सिंह को पीछे से गोली मार दी.

पूर्व पार्षद वेद प्रकाश गोलीकांड में रांची पुलिस ने यूपी के गाजीपुर का रहने वाले शूटर राहुल को गिरफ्तार किया है. राहुल ने पुलिस को बताया कि वह अलग-अलग घटनाओं में पहले जेल जा चुका है. जेल से निकलने के बाद अवैध रूप से शराब खरीद बिक्री का काम बिहार में करने लगा. इस क्रम में राहुल का परिचय धीरज मिश्रा से साल 2021में हुआ. जिसके बाद दोनों में दोस्ती बढ़ती गई. इसी बीच धीरज मिश्रा के बहन की शादी में राहुल उसके घर गया था. शादी के दौरान ही धीरज मिश्रा ने राहुल को बताया था कि साल 2018 में मैं अपनी स्कॉर्पियो से दशहरा के समय रांची गया था, तो धुर्वा बस स्टैण्ड में दशहरा के जुलुस में स्कॉपियो घुसाने के कारण धुर्वा रांची के वार्ड पार्षद वेद प्रकाश सिंह से झगड़ा हो गया, तो वेद प्रकाश सिंह और उसके समर्थकों ने मारपीट की थी. मेरे स्कॉपियो को भी तोड़ दिया था. धीरज ने बताया कि बहन की शादी के बाद वेद प्रकाश सिंह को गोली मारकर बदला लेंगे. इस पर राहुल बोला कि तुम मुझे कुछ खर्चा दे देना, हम साथ में रहेंगे. जिसके बाद दोनों के बीच इस घटना के लिए 70 हजार रूपया देने की बात हुई थी.
धीरज मिश्रा ने गाज़ीपुर से शूटर राहुल को बुलाया रांची
राहुल ने पुलिस को बताया कि धीरज मिश्रा दो जुलाई को मुझे कॉल करके बोला कि तुम रांची आ जाओ. इसपर मैं बोला कि मेरे पास पैसा नहीं है, तो अगले दिन धीरज मिश्रा ने मेरे मोबाइल नं. 873795**42 पर भाड़ा का एक हजार रूपया भेजा. इसके बाद राहुल चार जुलाई को रांची आया. रांची आने के बाद राहुल ने धीरज मिश्रा से संपर्क किया तो वह बोला कि तुम ऑटो पकड़कर बिरसा चौक आ जाओ. राहुल बिरसा चौक पहुंचकर धीरज मिश्रा को कॉल किया तो वह बोला कि तुम पुराना विधानसभा के पास आओ. वहां आने के बाद राहुल को धीरज ने धुर्वा बस स्टैण्ड के पास स्थित एक घर में ले जाकर ठहराया और उसे खर्चा के लिए पांच हजार रूपया दिया. वहीं पर राहुल की पहचान सत्यम पाठक से करवायी. जो रांची के पिस्का मोड़ में रहता है. उसके बाद धीरज मिश्रा बिहार चला गया. सत्यम पाठक अगले दिन अपने बैग में पांच-पांच गोली लोड तीन हथियार और एक देशी कट्टा जिसमें एक गोली लोड़ था, उसे राहुल को लाकर दिया. इसके बाद राहुल और सत्यम पाठक मिलकर धुर्वा के वार्ड पार्षद वेद प्रकाश सिंह की रेकी करने लगा.
हत्या से पहले वेद प्रकाश सिंह की रेकी की गई
वेद प्रकाश सिंह प्रतिदिन शाम में आकर धुर्वा बस स्टैण्ड के राजू चाय दुकान के बाहर आकर बैठते थे. राहुल और सत्यम ने योजना बनायी कि सात जुलाई को जगन्नाथ मंदिर में रथ यात्रा है. पुलिस प्रशासन मेला ड्यूटी में रहेंगे और हमलोग वेद प्रकाश सिंह को गोली मारकर आसानी से भाग जाएंगे. योजना के अनुसार सात जुलाई की शाम राहुल ने एक पिस्टल अपने पास और सत्यम ने एक पिस्टल और एक देशी कट्टा छुपाकर अपने कमर में खोस लिया. इसके बाद राहुल और सत्यम पाठक के द्वारा लाये गये होंडा हॉरनेट मोटरसाईकिल से धुर्वा बस स्टैण्ड के पास पहुंचे. राहुल धुर्वा बस स्टैण्ड के पास स्थित पीपल के पेड़ के नीचे गाड़ी खड़ा कर चबुतरा पर बैठ गया.
वहीं सत्यम पाठक राजू चाय दुकान के पास चौरसिया पान दुकान में बैठकर वार्ड पार्षद वेद प्रकाश सिंह के आने का इंतजार करने लगा. शाम के करीब सात बजे जैसे ही वेद प्रकाश सिंह अपनी गाड़ी को लगाकर राजू चाय दुकान में बैठे, तो सत्यम पाठक ने राहुल को फोन करके कहा कि तुम मोटरसाईकिल लेकर सैलून के पास आ जाओ. फिर राहुल मोटरसाईकिल लेकर सैलून के पास आया तो सत्यम पाठक ने चौरसिया पान दुकान से निकलकर वेद प्रकाश सिंह को पीछे से गोली मार दी. भागने के क्रम में सत्यम पाठक का देशी कट्टा वहीं पर गिर गया. राहुल ने पहले से ही मोटरसाइकिल को स्टार्ट कर रखा था और सत्यम पाठक जैसे ही मोटरसाइकिल पर बैठा तो राहुल ने तेजी से मोटरसाइकिल को चलाते हुए रांची क्रिकेट स्टेडियम की तरफ से नयासराय होते हुए जेवियर नगर में ले जाकर बाइक को खड़ा कर दिया.
हत्या करने के बाद बस से बनारस भाग गया
घटना को अंजाम देने के बाद दोनों ऑटो से खादगढ़ा बस स्टैण्ड गये और बनारस की बस पकड़कर रांची से भाग निकले. सत्यम पाठक सासाराम में ही बस से उतर गया और राहुल उसी बस से बनारस चला गया. इस घटना के लिए राहुल को 70 हजार रूपया देने की बात धीरज मिश्रा ने बोला था, लोकिन सिर्फ छः हजार रुपया ही दिया था. शेष पैसा काम होने के बाद देने की बात कही थी. शेष पैसा लेने के लिए राहुल ने धीरज मिश्रा को कई बार फोन किया, मगर उसने अपना फोन ऑफ कर रखा था. फिर राहुल धीरज मिश्रा के घर गया तो वह वहां भी नहीं मिला. इस घटना में शामिल धीरज मिश्रा और सत्यम पाठक अबतक फरार हैं.