राजेन्द्र लाल  और कमला देवी को संगम ने 'आदर्श दम्पति सम्मान' से अलंकृत किया

हजारीबाग नगर के जाने माने स्वर्ण व्यवसायी सह समाजसेवी  राजेन्द्र लाल - कमला देवी को वैवाहिक जीवन के 50 वर्ष पूरा करने, समाज सेवा और सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन  क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए   'आदर्श संपत्ति सम्मान' प्रदान किया गया।

राजेन्द्र लाल  और कमला देवी को संगम ने 'आदर्श दम्पति सम्मान' से अलंकृत किया

सामाजिक संस्था 'सागर भक्ति संगम' के तत्वाधान में स्वर्ण जयंती पार्क में आयोजित एक समारोह में  हजारीबाग नगर के जाने माने स्वर्ण व्यवसायी सह समाजसेवी  राजेन्द्र लाल - कमला देवी को वैवाहिक जीवन के 50 वर्ष पूरा करने, समाज सेवा और सामाजिक कुरीतियों के उन्मूलन  क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए   'आदर्श संपत्ति सम्मान' प्रदान कर अलंकृत किया । इस निमित्त संगम ने  राजेन्द्र लाल और कमला देवी को अंग वस्त्र, प्रशस्ति - पत्र,  प्रतीक चिन्ह और पुष्प गुच्छ प्रदान कर सम्मानित किया।
  यह सम्मान उन्हें सफलतापूर्वक वैवाहिक जीवन के 50 वर्ष पूरा करने, पारिवारिक दायित्व का सफलतापूर्वक निर्वहन करने, सामाजिक कार्यों में बढ़ चढ़कर हिस्सा लेने, सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ लगातार संघर्ष करते रहना, और विभिन्न सामाजिक संगठनों से जुड़कर उल्लेखनीय योगदान के लिए प्रदान किया गया है। 7 मार्च को राजेन्द्र लाल और कमला देवी ने शादी की 50 वर्ष पूरा किया है।
 इस अवसर पर संगम के संयोजक विजय केसरी ने कहा कि विवाह बंधन परिवार का आधार स्तंभ होता है। किसी भी परिवार की शुरुआत विवाह बंधन से ही  होती है।  यह एक आदर्श सामाजिक परंपरा है।  राजेंद्र लाल और कमला देवी ने अपने वैवाहिक जीवन का सफलतापूर्वक 50 वर्ष पूरा कर समाज सेवा के क्षेत्र में जो काम किया है, अनुकरणीय है।
शिक्षाविद के.सी.मेहरोत्रा ने कहा कि भारतीय संस्कृति और  परंपरा के अनुसार वैवाहिक बंधन की शुरुआत हमारे ऋषि मुनियों ने की थी। भारत का यह वैवाहिक बंधन संस्कार  विश्व भर में अपनी विशिष्टता के लिए जाना जाता है । राजेंद्र लाल और कमला देवी का वैवाहिक जीवन बहुत ही शानदार हो रहा है, समाज के सभी वर्गों के लोगों को उनके वैवाहिक जीवन से सबक लेनी चाहिए ।
शिक्षाविद ब्रजनंदन प्रसाद ने कहा कि राजेंद्र लाल और कमला देवी हमारे समाज के एक आदर्श जोड़ा हैं। ये दंपति अपने घर के दायित्व का निर्वहन करते हुए समाज सेवा में भी रुचि लेते रह रहे हैं। यह अपने आप में बड़ी बात है। इस संदर्भ में समाज के सभी वर्ग के लोगों से विनय पूर्वक  कहना चाहता कि विश्व के कई विश्वविद्यालयों में भारत के वैवाहिक बंधन संस्कार पर शोध हुए।  इन शोधों का निष्कर्ष है कि भारत का वैवाहिक बंधन संस्कार विश्व भर के  देशों की तुलना में सर्वश्रेष्ठ है।
राजेंद्र लाल ने कहा कि हमारा जीवन संघर्ष से प्रारंभ हुआ और आज भी मैं सामाजिक कुरीतियों के खिलाफ संघर्ष कर रहा हूं।  एक व्यवसायी होने के नाते अपने कर्तव्य का निर्वहन पूरी ईमानदारी से कर रहा हूं। इस ओर मेरा ध्यान विशेष रूप से रहता है । सागर भक्ति संगम ने हम दोनों जो सम्मान दिया है,  जीवन के अंतिम क्षण नहीं भूलूंगा। 
 इन वक्ताओं के अलावा अजीत प्रसाद, राजकिशोर गुप्ता, जानकी देवी, राजकिशोर गुप्ता, मीना देवी, वीणा अखौरी, सुरेश मिस्त्री, सतीश होर्रा, इन्द्र सोनी, शंभू शरण सिंह, कृष्णा गुप्ता आदि ने भी अपने अपने विचार रखें।