“एक देश-एक चुनाव” के लिए चुनाव आयोग पूरी तरह से तैयार है – मुख्य चुनाव आयुक्त
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने कहा है कि "चुनाव आयोग को कानूनी प्रावधानों के मुताबिक चुनाव कराने का अधिकार है और इसके लिए हम तैयार हैं।"
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार के अनुसार कुछ दिनों बाद चुनाव आयोग लोकसभा और राज्य विधानसभाओं के लिए एक साथ चुनाव कराने के लिए तैयार हो सकता है। ग़ौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा इस “एक देश-एक चुनाव” पर चर्चा के लिए चौथे पैनल के गठन की घोषणा कर दी गई है। जिसके बाद राजनीतिक गलियारे में एक साथ लोकसभा और विधानसभा चुनाव की संभावना पर चर्चा होने लगी है।
भारत के मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने मीडिया को बताया की चुनाव आयोग “कानूनी प्रावधानों के अनुसार चुनाव कराने के लिए तैयार है। हमारा काम समय से पहले चुनाव कराना है। वह समय, संविधान और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम में निर्धारित किया गया है। मीडिया के द्वारा पूछे गये सवाल के जवाब में राजीव कुमार ने कहा कि “जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के प्रावधानों के तहत, केंद्र या राज्य सरकार के कार्यकाल की समाप्ति से छह महीने पहले चुनावों की घोषणा की जा सकती है। चुनाव आयोग के पास कानूनी प्रक्रियाओं, संविधान और जन प्रतिनिधित्व अधिनियम के अनुसार चुनाव आयोजित करने का अधिकार है। और हम तैयार हैं।”
वहीं दूसरी तरफ़ विपक्षी नेताओं ने इस विचार को “पूरी तरह से असंवैधानिक” और राज्यों के संविधान की संघीय बुनियादी संरचना का स्पष्ट उल्लंघन बताया है।
ग़ौरतलब है कि विगत 2 सितंबर को पूर्व राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद को “एक देश-एक चुनाव” के लिए बनाई गई विशेष समिति का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है जो इस मसले पर विचार-विमर्श कर अपना रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह, कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी, पूर्व राज्यसभा एलओपी गुलाम नबी आज़ाद, पूर्व वित्त आयोग के अध्यक्ष एन.के. सिंह, लोकसभा के पूर्व महासचिव सुभाष सी. कश्यप, वरिष्ठ अधिवक्ता हरीश साल्वे और पूर्व मुख्य सतर्कता आयुक्त संजय कोठारी को भी समिति में नामित किया गया था। लेकिन कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने कहा है कि वह इस समिति में शामिल नहीं होंगे।