अब भारत में दौड़ेगी हाइड्रोजन से चलने वाली बस, लेह में हुआ सफल परीक्षण
लेह में परीक्षण आधार पर इंट्रासिटी हाइड्रोजन बसों का संचालन शुरू किया जाएगा।
लद्दाख को कार्बन उत्सर्जन से मुक्त करने के लिए NTPC हाइड्रोजन ईंधन स्टेशन और सौर संयंत्र स्थापित कर रहा है। इसके तहत लेह शहर के अंदर संचालन के लिए हाइड्रोजन ईंधन वाली पांच बसें प्रदान किया जा रहा है।
लगभग तीन महीने की लंबी प्रक्रिया, सड़कों की स्थिति की जांच और अन्य कानूनी प्रावधानों के बाद 17 अगस्त, 2023 को पहली हाइड्रोजन बस लेह पहुंची। यह भारत में सार्वजनिक सड़कों पर चलने वाली हाइड्रोजन बसों की पहली खेप होगी।
अपने तरह की पहली ग्रीन हाइड्रोजन मोबिलिटी परियोजना को 11,562 फीट की ऊंचाई पर दोबारा स्थित किया गया है। इसमें नवीकरणीय ऊर्जा उपलब्ध प्रदान कराने के लिए 1.7 मेगावाट का एक समर्पित सौर संयंत्र भी स्थापित किया गया है। इस परियोजना की एक अनोखी विशेषता यह है कि ये हाइड्रोजन बसें शून्य से भी कम तापमान पर चलने के लिए डिज़ाइन की गई है। यह ऊंचाई वाले स्थानों के लिए अनोखी बात है।
एनटीपीसी वर्ष 2032 तक 60 गीगावॉट नवीकरणीय ऊर्जा क्षमता हासिल करने और हरित हाइड्रोजन प्रौद्योगिकी और ऊर्जा भंडारण क्षेत्र में अग्रणी होने के लिए एनटीपीसी प्रतिबद्ध है। कंपनी डीकार्बोनाइजेशन की दिशा में हाइड्रोजन मिश्रण, कार्बन कैप्चर, ईवी बसें और स्मार्ट एनटीपीसी टाउनशिप जैसी कई पहलें कर रही है।