कोरोना संक्रमण काल में 35 पत्रकारों की शहादत पर फिर बोले बाबूलाल मरांडी
अविलंब पत्रकारों को करें कोरोना वाॅरियर्स घोषित करे सरकार
रांची। आज एआईएसएम जर्नलिस्ट वेलफेयर एसोसिएशन के ट्वीटर पर पत्रकारहित में लगातार चल रहे अभियान के बाद पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी फिर से आगे आएं हैं। श्री मरांडी ने हेमंत सरकार से ट्वीटर पर पत्रकार साथियों की शहादत पर कहा है कि अब विलंब न कर पत्रकारों को कोरोना वाॅरियर घोषित करें। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन को टैग कर श्री मरांडी ने कहा कि दिवंगत पत्रकारों के रोते-बिलखते आश्रितों की सुधि लें और इसका सारा श्रेय हम आपको ही देंगे।
इस ट्वीट को रिट्वीट कर एआइएसएम जेडब्लूए ने कहा है कि “अब विलंब केहि कारण स्वामी”।अपने आॅफिशियल ट्वीट से एसोसिएशन ने कहा है कि हम भी बाबूलाल मरांडी की बातों से सहमत हैं और इसका श्रेय सिर्फ मुख्यमंत्री को ही जाएगा।
गत दिन तीन पत्रकार साथियों (पंखुडी सिंह,राजेश पति और चितरंजन कुमार) की श्रद्धांजलि की तस्वीर लगाकर जामा विधायक और सोरेन परिवार की बहु सीता सोरेन ने भी मुख्यमंत्री से पत्रकारहित में आवाज बुलंद कर फ्रंट लाईन वाॅरियर का दर्जा देते हुए पत्रकार साथियों के आश्रितों की सुधि लेने की बात कही।
सीता सोरेन के ट्वीट पर एसोसिएशन ने उन्हें धन्यवाद दिया है। पत्रकारों के हित में सत्ता,विपक्ष,समाजसेवी और शुभचिन्तक सभी आगे आ रहे हैं। बस अब सरकार को निर्णय लेना बाकी है।
एसोसिएशन के प्रदेश प्रभारी प्रीतम सिंह भाटिया ने कहा कि राज्य में पत्रकार साथियों की मार्च 2020 से अब तक 35 शहादतें हो चुकी हैं.वे बोले विधायक,सांसद,मंत्री,अखबार,चैनल,नेताओं और कुछ पत्रकार संगठन के पास यह डाटा ही मौजूद नहीं है। वे बोले सरकार को चाहिए बिना भेदभाव के अब मुआवजा तय करे और जिलाधिकारी को सूची तैयार करने की जिम्मेदारी दे।
प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष शंकर गुप्ता ने कहा कि राज्य सरकार पत्रकारहित में सहयोग करने में देर क्यों कर रही है,न जाने किस बात का इंतजार हो रहा है।
प्रदेश अध्यक्ष रामप्रवेश सिंह ने कहा कि राज्य में पत्रकार साथियों के निधन पर श्रद्धांजलि से नहीं, बल्कि आर्थिक सहयोग से मरहम लगाने की जरूरत है। वे बोले पत्रकार साथियों के लिए कुछ घोषणाएं सुनी हैं, जो धरातल पर उतारी नहीं गईं हैं। वे बोले सिर्फ घोषणाओं से नहीं होगा। पत्रकार साथियों को आर्थिक पैकेज और बीमा हेतु सरकार और हाऊस सभी को मिलकर प्रयास करने की जरूरत है।
प्रदेश महासचिव सुनील पांडेय ने कहा कि राज्य में पत्रकार साथियों की पीड़ा को समझने के लिए तुरंत एक स्थायी आयोग या समिति बनाने की जरूरत है जिसमें हमारे एसोसिएशन के पदाधिकारी भी सहभागी बने तभी कुछ होगा।
प्रदेश उपाध्यक्ष मोहम्मद सईद ने कहा कि फिलहाल पत्रकार साथियों के हितों पर ध्यान देने वाला आईपीआरडी ही निदेशक के बिना चल रहा है। वे बोले पत्रकार साथियों को एक एक्रिडेशन कार्ड तक के लिए घिघियाना पड़ता है,न जाने अब क्या होगा?
प्रदेश सलाहकार राघव सिंह ने कहा कि पत्रकार साथियों को कूरियर बाॅय की श्रेणी में रखा गया है क्योंकि ई-पास हेतु सचिवालय से जो आदेश निकला है उसके 15वें सूचकांक को पढ़कर शर्मिंदगी ही महसूस हो रही है।
प्रदेश सचिव जितेंद्र ज्योतिषी ने कहा कि अब सरकार को फैसला लागू कर देना चाहिए। क्योंकि अब धैर्य समाप्त हो रहा है और शहादत के आंकड़े बढ़ रहे हैं।